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जयपुर एयरपोर्ट के निजीकरण में होगी देरी, अडानी ग्रुप ने मांगा 6 महीने का समय

प्रदेश के सबसे बड़े अंतराष्ट्रीय जयपुर एयरपोर्ट का निजीकरण (privatization of jaipur airport) होना है. इसको लेकर अडानी ग्रुप (Adani Group) और केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय (Union Aviation Ministry) के बीच mou भी चुका है. लेकिन अब इसमें 6 महीने की देरी और होने की संभावना जताई जा रही है.

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Published : Jun 15, 2021, 6:44 AM IST

Updated : Jun 15, 2021, 7:09 AM IST

जयपुर एयरपोर्ट के निजीकरण में देरी, Delay in privatization of Jaipur airport
जयपुर एयरपोर्ट के निजीकरण में देरी

जयपुर. कोरोना वायरस (corona virus) की आई दूसरी लहर के चलते एक बार फिर जयपुर एयरपोर्ट को निजी हाथों में दिए जाने पर देरी हो सकती है. जहां जयपुर एयरपोर्ट (Jaipur Airport) को निजी हाथों में दिए जाने पर केंद्रीय कैबिनेट की मुहर लग चुकी थी. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (airport authority of india) ने एयरपोर्ट का संचालन निजी कंपनी को सौंपे जाने को लेकर तिथि भी निर्धारित कर ली थी, लेकिन अब इसमें 6 महीने देर होने की और संभावना जताई जा रही है.

बता दें कि जयपुर एयरपोर्ट का संचालन और प्रबंधन अडानी ग्रुप को सौंपा जा चुका है. इसके लिए केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय (Union Aviation Ministry) के साथ mou भी हो चुका है. इस आधार पर इसे 18 जुलाई को अडानी ग्रुप को सौंपा जाना था. लेकिन कोरोना के कारण या नहीं हो सका. गौरतलब है, कि जयपुर एयरपोर्ट सहित 6 और एयरपोर्ट के निजीकरण की प्रक्रिया फरवरी 2019 में ही पूरी कर ली गई थी. अहमदाबाद, मेंगलुरु एयरपोर्ट का संचालन अदानी ग्रुप (Adani Group) को सपना था.

जयपुर एयरपोर्ट के निजीकरण में देरी

6 महीने का अडानी ग्रुप ने मांगा समय

जयपुर एयरपोर्ट से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऑब्जरवेशन नहीं होने के चलते अब जयपुर एयरपोर्ट के निजीकरण में देरी हो सकती है. इसको लेकर अडानी ग्रुप की ओर से केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय (Union Aviation Ministry) से 6 महीने का समय और मांगा है. ऐसे में अब जयपुर एयरपोर्ट का निजीकारण (Privatization of Jaipur Airport) जनवरी 2022 में ही संभव होगा. क्योंकि 6 महीने के हिसाब से जनवरी के अंतर्गत ही जयपुर एयरपोर्ट का संचालन अडानी ग्रुप की ओर से किया जा सकेगा.

पढ़ें- गहलोत के मंत्रिमंडल विस्तार पर पूनिया का तंज, कहा- तोप के आश्वासन पर तमंचा पकड़ा दिया जाए तो नाराजगी होगी ही

ऐसे समझे क्यों लेट हो रहा निजीकरण

जयपुर एयरपोर्ट (Jaipur Airport) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, एयरपोर्ट के निजीकरण के लिए एयरपोर्ट को निजी कंपनी को सौंपने से पहले सीओडी निर्धारित होती है. यानी उस दिन एयरपोर्ट का संचालन कंपनी को सौंपा जाता है. जयपुर एयरपोर्ट की सीओडी 18 जुलाई को थी. सीओडी से 2 महीने पहले निजी कंपनी संबंधित एयरपोर्ट पर कंट्रोल रूम बनाती है. जहां से कंपनी एयरपोर्ट ऑब्जरवेशन करती है, लेकिन अब अडानी ग्रुप की ओर से केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय (Union Aviation Ministry) से 6 महीने का समय और मांगा गया है. हालांकि शुरुआत में यात्रियों को इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा.

जयपुर. कोरोना वायरस (corona virus) की आई दूसरी लहर के चलते एक बार फिर जयपुर एयरपोर्ट को निजी हाथों में दिए जाने पर देरी हो सकती है. जहां जयपुर एयरपोर्ट (Jaipur Airport) को निजी हाथों में दिए जाने पर केंद्रीय कैबिनेट की मुहर लग चुकी थी. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (airport authority of india) ने एयरपोर्ट का संचालन निजी कंपनी को सौंपे जाने को लेकर तिथि भी निर्धारित कर ली थी, लेकिन अब इसमें 6 महीने देर होने की और संभावना जताई जा रही है.

बता दें कि जयपुर एयरपोर्ट का संचालन और प्रबंधन अडानी ग्रुप को सौंपा जा चुका है. इसके लिए केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय (Union Aviation Ministry) के साथ mou भी हो चुका है. इस आधार पर इसे 18 जुलाई को अडानी ग्रुप को सौंपा जाना था. लेकिन कोरोना के कारण या नहीं हो सका. गौरतलब है, कि जयपुर एयरपोर्ट सहित 6 और एयरपोर्ट के निजीकरण की प्रक्रिया फरवरी 2019 में ही पूरी कर ली गई थी. अहमदाबाद, मेंगलुरु एयरपोर्ट का संचालन अदानी ग्रुप (Adani Group) को सपना था.

जयपुर एयरपोर्ट के निजीकरण में देरी

6 महीने का अडानी ग्रुप ने मांगा समय

जयपुर एयरपोर्ट से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऑब्जरवेशन नहीं होने के चलते अब जयपुर एयरपोर्ट के निजीकरण में देरी हो सकती है. इसको लेकर अडानी ग्रुप की ओर से केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय (Union Aviation Ministry) से 6 महीने का समय और मांगा है. ऐसे में अब जयपुर एयरपोर्ट का निजीकारण (Privatization of Jaipur Airport) जनवरी 2022 में ही संभव होगा. क्योंकि 6 महीने के हिसाब से जनवरी के अंतर्गत ही जयपुर एयरपोर्ट का संचालन अडानी ग्रुप की ओर से किया जा सकेगा.

पढ़ें- गहलोत के मंत्रिमंडल विस्तार पर पूनिया का तंज, कहा- तोप के आश्वासन पर तमंचा पकड़ा दिया जाए तो नाराजगी होगी ही

ऐसे समझे क्यों लेट हो रहा निजीकरण

जयपुर एयरपोर्ट (Jaipur Airport) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, एयरपोर्ट के निजीकरण के लिए एयरपोर्ट को निजी कंपनी को सौंपने से पहले सीओडी निर्धारित होती है. यानी उस दिन एयरपोर्ट का संचालन कंपनी को सौंपा जाता है. जयपुर एयरपोर्ट की सीओडी 18 जुलाई को थी. सीओडी से 2 महीने पहले निजी कंपनी संबंधित एयरपोर्ट पर कंट्रोल रूम बनाती है. जहां से कंपनी एयरपोर्ट ऑब्जरवेशन करती है, लेकिन अब अडानी ग्रुप की ओर से केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय (Union Aviation Ministry) से 6 महीने का समय और मांगा गया है. हालांकि शुरुआत में यात्रियों को इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा.

Last Updated : Jun 15, 2021, 7:09 AM IST
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