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Special : राजधानी में दौड़ने वाली 200 लो फ्लोर बसों के 700 से ज्यादा स्टॉपेज...क्यू शेल्टर महज 145

कोरोना संक्रमण के चलते जयपुर की लाइफ लाइन सिटी ट्रांसपोर्ट बस सेवा के पहिए थमे हुए हैं, लेकिन जल्द इसे एडवाइजरी के साथ शुरू करने की कवायद की जा रही है. इस बीच शहर में मानसून भी सक्रिय हो गया है. ऐसे में अब लो फ्लोर बस के साथ-साथ शहर में आश्रयों के बिना सिटी बस स्टॉप्स भी शहर वासियों के नजरिए से एक बड़ी समस्या है. देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट...

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बस क्यू शेल्टर की कमी बन रही यात्रियों की परेशानी
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Published : Jun 29, 2020, 12:10 PM IST

जयपुर. राजधानी में कोरोना के कारण यात्रियों के आवागमन की बंद पड़ी सुविधा लो फ्लोर बसों को दोबारा शुरू करने की तैयारी की जा रही है. जयपुर की सिटी ट्रांसपोर्ट लो फ्लोर बसों के लिए जेसीटीएसएल ने गाइडलाइन जारी की है, जिसके तहत बसों में 50 फीसदी यात्रियों के साथ सीट चिन्हित की जाएगी.

बस क्यू शेल्टर की कमी बन रही यात्रियों की परेशानी

इन बसों में सिर्फ वही लोग यात्रा कर सकेंगे, जिनके चेहरे पर मास्क लगा होगा. ऐसे में शहर में संचालित 200 लो फ्लोर बसों में पहले जहां तकरीबन सवा दो लाख यात्री सफर किया करते थे, भविष्य में उसके आधे ही लो फ्लोर बस का इस्तेमाल कर सकेंगे. वहीं, एक बड़े यात्री भार को बस स्टॉपेज पर अपनी बारी का इंतजार करना होगा.

बारिश में भीग ना जाएं यात्री...

राजधानी में मानसून भी दस्तक दे चुका है. बारिश के दिनों में बसों के लिए इंतजार करने वालों के लिए प्रशासन ने कोई खास इंतजाम नहीं कर रखे. जयपुर सिटी के विभिन्न रूटों पर बसों के 700 स्टॉपेज हैं, लेकिन बस क्यू शेल्टर महज 145 हैं. ऐसे में शहर वासियों को ना सिर्फ बस में अपनी बारी का इंतजार करना होगा, बल्कि बारिश से भी दो-चार होना पड़ेगा. हालांकि, कुछ जगह तो रोड साइड लगे पेड़ बस क्यू शेल्टर का काम कर रहे हैं.

बस क्यू शेल्टर बनाने के लिए फंड नहीं...

जेसीटीएसएल ओएसडी वीरेंद्र वर्मा ने माना कि बस क्यू शेल्टर से बहुत ज्यादा संख्या में बस स्टॉपेज हैं, लेकिन जन सुविधा को ध्यान में रखते हुए ही बस स्टॉपेज बना दिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि पहले भी जेसीटीएसएल की ओर से बस क्यू शेल्टर नहीं बनाए गए थे. फिलहाल, जेसीटीएसएल के पास बस क्यू शेल्टर बनाने के लिए फंड भी नहीं है.

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बस क्यू शेल्टर की तस्वीर

इतना ही नहीं, शहर में जो 145 बस क्यू शेल्टर बने हुए हैं, उनके हालात भी बहुत अच्छे नहीं है. ये बस क्यू शेल्टर बारिश में टपकते रहते हैं और कुछ में तो बैठने के लिए लगाई गई सीटें भी उखड़ चुकी हैं. ऐसे में बसों के इंतजार में लोगों के पास भीगने के अलावा और कोई चारा ही नहीं. वहीं बस क्यू शेल्टर के मेंटेनेंस को लेकर वीरेंद्र वर्मा ने कहा कि मेंटेनेंस का जिम्मा जेसीटीएसएल के पास ही है. हालांकि, बस क्यू शेल्टर को विज्ञापन के लिए भी उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन अब जो टेंडर किया जाएगा, उसमें विज्ञापन के साथ-साथ मेंटेनेंस की जिम्मेदारी भी दी जाएगी.

यह भी पढ़ें : SPECIAL : भक्तों के नहीं आने से श्रीनाथजी का मंदिर सूना... पेंटिंग, मुकुट और श्रृंगार का 10 करोड़ का कारोबार प्रभावित

बहरहाल, जयपुर उपनगरीय क्षेत्र में आने वाले चाकसू, चौमूं, बगरू, फागी, बस्सी में भी अब जेसीटीएसएल की लो फ्लोर बसें पहुंचती हैं. फिलहाल, जयपुर में ही सभी बस स्टॉपेज पर शेल्टर्स की व्यवस्था नहीं है, तो फिर उपनगरीय क्षेत्रों में तो अपेक्षा करना ही दूर की कौड़ी नजर आता है.

जयपुर. राजधानी में कोरोना के कारण यात्रियों के आवागमन की बंद पड़ी सुविधा लो फ्लोर बसों को दोबारा शुरू करने की तैयारी की जा रही है. जयपुर की सिटी ट्रांसपोर्ट लो फ्लोर बसों के लिए जेसीटीएसएल ने गाइडलाइन जारी की है, जिसके तहत बसों में 50 फीसदी यात्रियों के साथ सीट चिन्हित की जाएगी.

बस क्यू शेल्टर की कमी बन रही यात्रियों की परेशानी

इन बसों में सिर्फ वही लोग यात्रा कर सकेंगे, जिनके चेहरे पर मास्क लगा होगा. ऐसे में शहर में संचालित 200 लो फ्लोर बसों में पहले जहां तकरीबन सवा दो लाख यात्री सफर किया करते थे, भविष्य में उसके आधे ही लो फ्लोर बस का इस्तेमाल कर सकेंगे. वहीं, एक बड़े यात्री भार को बस स्टॉपेज पर अपनी बारी का इंतजार करना होगा.

बारिश में भीग ना जाएं यात्री...

राजधानी में मानसून भी दस्तक दे चुका है. बारिश के दिनों में बसों के लिए इंतजार करने वालों के लिए प्रशासन ने कोई खास इंतजाम नहीं कर रखे. जयपुर सिटी के विभिन्न रूटों पर बसों के 700 स्टॉपेज हैं, लेकिन बस क्यू शेल्टर महज 145 हैं. ऐसे में शहर वासियों को ना सिर्फ बस में अपनी बारी का इंतजार करना होगा, बल्कि बारिश से भी दो-चार होना पड़ेगा. हालांकि, कुछ जगह तो रोड साइड लगे पेड़ बस क्यू शेल्टर का काम कर रहे हैं.

बस क्यू शेल्टर बनाने के लिए फंड नहीं...

जेसीटीएसएल ओएसडी वीरेंद्र वर्मा ने माना कि बस क्यू शेल्टर से बहुत ज्यादा संख्या में बस स्टॉपेज हैं, लेकिन जन सुविधा को ध्यान में रखते हुए ही बस स्टॉपेज बना दिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि पहले भी जेसीटीएसएल की ओर से बस क्यू शेल्टर नहीं बनाए गए थे. फिलहाल, जेसीटीएसएल के पास बस क्यू शेल्टर बनाने के लिए फंड भी नहीं है.

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बस क्यू शेल्टर की तस्वीर

इतना ही नहीं, शहर में जो 145 बस क्यू शेल्टर बने हुए हैं, उनके हालात भी बहुत अच्छे नहीं है. ये बस क्यू शेल्टर बारिश में टपकते रहते हैं और कुछ में तो बैठने के लिए लगाई गई सीटें भी उखड़ चुकी हैं. ऐसे में बसों के इंतजार में लोगों के पास भीगने के अलावा और कोई चारा ही नहीं. वहीं बस क्यू शेल्टर के मेंटेनेंस को लेकर वीरेंद्र वर्मा ने कहा कि मेंटेनेंस का जिम्मा जेसीटीएसएल के पास ही है. हालांकि, बस क्यू शेल्टर को विज्ञापन के लिए भी उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन अब जो टेंडर किया जाएगा, उसमें विज्ञापन के साथ-साथ मेंटेनेंस की जिम्मेदारी भी दी जाएगी.

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बहरहाल, जयपुर उपनगरीय क्षेत्र में आने वाले चाकसू, चौमूं, बगरू, फागी, बस्सी में भी अब जेसीटीएसएल की लो फ्लोर बसें पहुंचती हैं. फिलहाल, जयपुर में ही सभी बस स्टॉपेज पर शेल्टर्स की व्यवस्था नहीं है, तो फिर उपनगरीय क्षेत्रों में तो अपेक्षा करना ही दूर की कौड़ी नजर आता है.

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