जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोविड-19 महामारी की वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए 1 मई से शुरू होने वाले 'प्रशासन गांवों के संग' अभियान को स्थगित करने का निर्णय किया है. गहलोत ने वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में 1 मई से यह अभियान शुरू करने की घोषणा की थी.
प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर का कहर लगातार जारी है. ऐसे में स्थिति सुधरने पर अभियान की नई तिथि को लेकर निर्णय किया जायेगा. दरअसल आमजन की समस्याओं का मौके पर निस्तारण के लिए सरकार की ओर से 1 मई से चलाए जाने वाले प्रशासन गांवों के संग अभियान को स्थगित करने का प्रस्ताव राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने मुख्यमंत्री को दो दिन पहले भेज दिया था. जिस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मोहर लगा दी. सरकार का मानना है कि अगर इन हालातों में अभियान चलाया गया तो कोरोना केसों में बढ़ोतरी हो सकती है. इस दौरान ज्यादा लोग इकट्ठे हो जायेंगे और कोरोना गाइडलाइन की पालना भी संभव नहीं होगी.
क्या है 'प्रशासन गांवों के संग' अभियान
गहलोत सरकार ने बजट 2021-22 के दौरान इस अभियान की घोषणा की थी. इसके तहत 'प्रशासन गांवों के संग' और 'प्रशासन शहरों के संग' अभियान की घोषणा की थी. जिसमें सभी प्रशासनिक अधिकारियों को पंचायत मुख्यालय, गांवों में जाना था और लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका निस्तारण करना था.