जयपुर. राजस्थान में बिजली की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है. बुधवार को जयपुर विद्युत भवन में ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी की अध्यक्षता में चली मैराथन बैठक में बिजली कटौती का निर्णय लिया गया है. अब तक बिजली कटौती से संभाग और जिला मुख्यालय को अलग रखा गया था, लेकिन अब आवश्यक सेवाओं को छोड़ सभी इलाकों को पावर कटौती की जद में ले लिया गया है. बैठक में सभी औद्योगिक उपभोक्ताओं को शाम 6 से 10 बजे तक अपने विद्युत उपभोग को 50 फीसदी तक सीमित रखने के निर्देश दिए. वहीं, कृषि आपूर्ति ब्लॉक को दिन के बजाय रात में शिफ्ट करने पर भी सहमति बनी. बैठक में निर्देश दिए गए, जहां कटौती किया जाना प्रस्तावित है उसकी सूचना यथासंभव सभी उपभोक्ताओं को पूर्व में दे दी जाए.
संभाग और जिला मुख्यालय में इस समय होगी बिजली कटौती : जयपुर, जोधपुर, अजमेर संभागीय मुख्यालय में (Electricity Cut Started at District Headquarters) सुबह 7 बजे से 8 बजे तक जबकि कोटा, भरतपुर, बीकानेर और उदयपुर संभाग मुख्यालय पर सुबह 8 बजे से 9 बजे तक बिजली कटौती की जाएगी. इसी तरह जिला मुख्यालय पर सुबह 6:30 बजे से 8:30 बजे तक और नगरपालिका क्षेत्रों और 5000 से अधिक आबादी वाले कस्बों में सुबह 6 बजे से 9 बजे तक यानी 3 घंटे बिजली की कटौती की जाएगी.
विनियामक आयोग की अधिकतम तय कीमत पर भी नहीं हो पा रही बिजली की खरीद : बैठक में बताया गया कि केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग द्वारा अधिकतम कीमत 12 रुपये प्रति मिनट निर्धारित की गई है, जबकि प्रत्येक 15 मिनट के ब्लॉक के लिए बिजली की कीमत अलग-अलग होती है. एक्सचेंज से बिजली खरीदने के लिए लगातार प्रयास किए जाने के बावजूद उपलब्धता न होने के चलते खरीद नहीं हो पाई. जबकि 26 अप्रैल को शाम 7 से 10 बजे तक अधिकतम 12 प्रति यूनिट की दर पर भी 1000 मेगावाट की बिड पर ही 4 मेगावाट से 34 मेगावाट बिजली उपलब्ध हो सकी.
देश की थर्मल इकाइयों में 8 बंद, जिसमें राजस्थान की पांच : केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार 173 कोयला आधारित विद्युतगृह में से 8 बंद है. वहीं, देश के 98 कोयला आधारित विद्युत गृहोx में कोयला भंडारण निर्धारित मात्रा का 25 फीसदी से भी कम है और सभी विद्युत गृह कोयला भंडारण के हिसाब से (Coal Crisis in Rajasthan) क्रिटिकल लेवल पर हैं. इसी तरह निर्धारित कोयला भंडारण मात्रा का राजस्थान और मध्य प्रदेश में 13 फीसदी, महाराष्ट्र में 14 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 19 फीसदी, गुजरात में 23 फीसदी, पंजाब में 28 फीसदी और हरियाणा में 35 फीसदी उपलब्ध है. वर्तमान में राजस्थान में प्रतिदिन 480 लाख यूनिट बिजली की कमी है, जबकि इस महा बिजली की खपत 3000 लाख यूनिट प्रतिदिन के स्तर पर पहुंच चुकी है.
बिजली कटौती के विरोध में भाजपा करेगी प्रदर्शनः उधर प्रदेश में चल रहे बिजली संकट के बीच की जा रही बिजली कटौती को भाजपा ने सियासी मुद्दा बना लिया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रदेश सरकार पर बिजली कुप्रबंधन का आरोप लगाया और 29 अप्रैल को प्रदेश के सभी जी.एस.एस पर धरना प्रदर्शन करने की घोषणा भी की है. यह धरना प्रदर्शन सुबह 9 से 11 बजे तक किया जाएगा.