जयपुर. भीलवाड़ा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India News) की होने वाली दौड़ को लेकर एकत्र हुए लोगों पर बल प्रयोग करने और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने पर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष आसिफ मोहम्मद ने निंदा की है. इस मामले को लेकर उन्होंने सोमवार को बयान जारी कर पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई को गैर कानूनी (Bhilwara police condemned) बताया है.
भीलवाड़ा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के तहत स्वास्थ्य जागरूकता दौड़ (health awareness race in bhilwada) का आयोजन किया जाना था. लेकिन भीलवाड़ा पुलिस ने लोगों को वहां एकत्र नहीं होने दिया और वहां पहुंचे लोगों पर बल प्रयोग करके उन्हें तितर-बितर कर दिया. संगठन के कई नेताओं और आम लोगों को हिरासत में भी ले लिया गया. पुलिस ने हिरासत में लेकर इन लोगों के खिलाफ गैर कानूनी कार्रवाई (Bhilwara police condemned) भी की जो कि निंदनीय है.
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद आसिफ ने अपने बयान में कहा कि पुलिस ने जिस तरीके की कार्रवाई की है वह निंदनीय है. यह संगठन का राष्ट्रव्यापी अभियान है जिसके अंतर्गत देश के कई हिस्सों में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में भीलवाड़ा में भी कार्यक्रम होन था, लेकिन भीलवाड़ा पुलिस ने संघ परिवार के दबाव में आकर कोरोना गाइडलाइन का हवाला देकर कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी. जबकि 2 दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के स्वागत तथा एक औऱ मंत्री के स्वागत में हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे. राज्य में सेक्युलर कांग्रेस सरकार होने के बावजूद अल्पसंख्यकों पर इस तरीके की कार्रवाई कई सवाल खड़े करती है.
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आसिफ मोहम्मद ने कहा कि यह पहली मर्तबा नहीं है जब भीलवाड़ा प्रशासन ने इस तरीके से बलपूर्वक संगठन के कार्यक्रमों को रुकवाया है. संघ परिवार के दबाव में पहले भी स्थानीय पुलिस प्रशासन पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर संगठन के कार्यक्रमों में रुकावट पैदा करता रहा है. इसलिए मुख्यमंत्री को चाहिए कि ऐसे पुलिस कर्मियों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई करें. राज्य सरकार को धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए सभी धर्मों के संगठनों को कार्यक्रम करने की अनुमति देनी चाहिए. इसके साथ ही संगठन के कार्यकर्ताओं के खिलाफ गैर कानूनी कार्रवाई करने वाले पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ ठोस कदम उठाने चाहिए. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि संगठन मुख्यमंत्री से शीघ्र मिलकर भीलवाड़ा पुलिस की शिकायत दर्ज करवाएगा और मामले की जांच की मांग करेगा.