जयपुर. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान में जिला खनिज फाउंडेशन निधि (डीएमएफटी) से प्रदेश के 17 जिलों में 1791.85 करोड़ रुपए खर्च कर 11,895 परियोजनाएं संचालन का लक्ष्य है, जिसमें लगभग ढाई महीने में ही 3,759 परियोजनाओं पर 381 करोड़ रुपए व्यय कर प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया है.
एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने एक बयान जारी कर बताया कि 20 जून, 2020 से देश के 116 जिलों में 125 दिनों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना लागू की गई है. इस योजना में आधारभूत संरचनाओं का निर्माण कराते हुए प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराना है. उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान में खनन विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों पर किए जाने वाले कार्यों की प्रगति समीक्षा की और जिला कलेक्टर को तय समय सीमा में शत-प्रतिशत लक्ष्य अर्जित करने के निर्देश दिए. डॉ अग्रवाल ने बताया कि इस कार्यक्रम में पाली, उदयपुर, जालौर, नागौर, सिरोही, डूंगरपुर, सीकर, राजसमंद ,बाड़मेर, चित्तौड़गढ़, अलवर, करौली, बीकानेर, जोधपुर, भीलवाड़ा, भरतपुर, बांसवाड़ा, हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनू और जयपुर जिले शामिल हैं.
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वहीं विभिन्न विभागों से जुड़े हुए 25 कार्यों का समावेश करते हुए अलग-अलग विभागों को क्रियान्वयन के लक्ष्य दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि इसमें जिला खनिज फाउंडेशन निधि के दायरे में आने वाले कार्य खनिज विभाग द्वारा इस अभियान के तहत करवाते हुए कोविड- 19 से प्रभावित प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है. खनिज विभाग द्वारा गरीब कल्याण रोजगार अभियान में इस निधि से कराए जाने वाले कामों में पेयजल योजनाओं, पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य शिक्षा आदि में आधारभूत सुविधाओं, आंगनवाड़ी केंद्रों, कौशल विकास, खनन क्षेत्रों में सड़क निर्माण, पुल, सिंचाई परियोजनाओं, जल संसाधन विकास स्वच्छता कार्यक्रम और बिजली आदि के काम शामिल हैं.
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डॉ. अग्रवाल ने कहा कि निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध चूरू में शत-प्रतिशत से भी अधिक लक्ष्य अर्जित किए गए हैं. वहीं पाली में 98.68, बांसवाड़ा में 87.09, अजमेर में 58.4 प्रतिशत लक्ष्य पूरे कर लिए गए हैं. अलवर, चितौड़गढ़, बीकानेर, राजसमंद, उदयपुर और हनुमानगढ़ में 10 प्रतिशत से भी कम लक्ष्य अर्जित हुए हैं. उन्होंने 50 प्रतिशत से कम लक्ष्य अर्जित करने वाले 13 जिलों के जिला कलेक्टरों को अर्ध शासकीय पत्र लिखकर कार्य को गति लाने के निर्देश दिए हैं. गौरतलब है कि अभियान की घोषणा 20 जून को की गई थी और यह अभियान 125 दिनों तक चलाते हुए प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराना है.