जयपुर. लॉकडाउन के बीच कोरोना वायरस से जनता को सुरक्षित करने में पुलिसकर्मी अहम भूमिका निभा रहे हैं, जो निर्धारित समय से ज्यादा तकरीबन 14 से 16 घंटे तक ड्यूटी दे रहे हैं. लेकिन हैरानी की बात ये है कि जयपुर के रामगंज जैसे सेंसेटिव एरिया में तैनात पुलिस कर्मियों को भी प्रशासन ने हाथों के दस्ताने तक उपलब्ध नहीं कराए हैं. इसके अलावा सर्जिकल मास्क की जगह कपड़े के मास्क उपलब्ध कराए गए हैं.
कोरोना वायरस से आमजन को संक्रमित होने से बचाने को लेकर देश में 21 दिन का लॉकडाउन जारी है. आदेश की पालना कराने में इन दिनों पुलिस प्रशासन दिन-रात जुटा हुआ है. लोग बिना आवश्यक कार्य अपने घरों से बाहर ना निकले. इसके लिए शहर के विभिन्न स्थानों पर चेकप्वाइंट बनाकर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है, जो लगातार 14 से 16 घंटे तक अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं.
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वहीं, जयपुर का रामगंज क्षेत्र जो इस समय कोरोना का एपीसेंटर बना हुआ है, वहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी, होमगार्ड और आरएसी के जवान तैनात है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि आम जनता को सुरक्षित रखने के लिए तैनात इन पुलिसकर्मियों को ही सुरक्षित रहने के संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए हैं. यहां घंटों तैनात पुलिसकर्मियों को महज कपड़े के मास्क और कुछ को सैनिटाइजर देकर इतिश्री कर लिया गया है.
जबकि सेंसेटिव एरिया होने के चलते इन पुलिसकर्मियों को दस्ताने और सर्जिकल मास्क भी उपलब्ध कराए जाने चाहिए थे. क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मियों की माने तो प्रशासन ने उन्हें डिस्टेंस मेंटेन रखने और समय-समय पर हाथों को सेनेटाइज करने और धोने के निर्देश दे रखे हैं, जिन की पालना की जा रही है. हालांकि दस्ताने इतने उपलब्ध नहीं है कि सभी पुलिसकर्मियों को दिए जा सकें. ऐसे में इसे प्रशासन की ये बड़ी नाकामी कही जा सकती है कि जिन पुलिसकर्मियों के ऊपर लोगों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी हो, उनकी सुरक्षा के बारे में ही प्रशासन ने उदासीन रवैया अपना रखा है.