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दुलर्भ बीमारी मस्कुलर डिस्ट्रोफी के लिए जनहित याचिका, हाईकोर्ट ने दिए निर्देश

दुलर्भ बीमारी मस्कुलर डिस्ट्रोफी के पीड़ित व्यक्तियों को बुनियादी चिकित्सा और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ (Rajasthan Highcourt) में जनहित याचिका दायर की गई.

मस्कुलर डिस्ट्रोफी के लिए जनहित याचिका
मस्कुलर डिस्ट्रोफी के लिए जनहित याचिका
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Published : Sep 14, 2022, 10:30 PM IST

जोधपुर. दुलर्भ बीमारी मस्कुलर डिस्ट्रोफी के पीड़ित व्यक्तियों (PIL for Muscular Dystrophy) को बुनियादी चिकित्सा और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ (Rajasthan Highcourt) में जनहित याचिका दायर की गई. दायर याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने केन्द्र व राज्य सरकार को आवश्यक निर्देश दिए.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव व न्यायाधीश रेखा बोराणा की खंडपीठ में स्वावलम्बन फाउंडेशन के वैभव भंडारी की ओर से पेश जनहित याचिका पर विस्तृत सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ सचिन आचार्य व अधिवक्ता चयन बोथरा ने बताया कि मस्कुलर डिस्ट्रोफी एक दुलर्भ बीमारी है. इसके पीड़ित व्यक्ति की उपचार की लागत अधिक है. उन्होंने याचिका में अनुरोध किया कि जिला स्तर पर मस्कुलर डिस्ट्रोफी से पीड़ित व्यक्तियों को बुनियादी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाए.

पढ़ें. High Court: निलंबित कुलपति अमेरिका सिंह के खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने से इनकार

वहीं पीड़ित रोगियों की चिंताओं को दूर करने के लिए एक सिस्टम बनाया जाए और पर्याप्त धन की उपलब्धता कराई जाए. राज्य के साथ साथ जिला स्तर पर एक अलग नोडल निकाय का निर्माण हो जो न केवल निगरानी कर सके, बल्कि बीमारी से पीड़ित रोगियों के उपचार व पुनर्वास में भी सहायता कर सके. इस तरह के रोग के रोगियों को जीवन के बुनियादी प्रावधानों जैसे की पौष्टिक भोजन,फिजियोथेरेपी,स्वचालित व्हीलचेयर,नर्स सुविधाएं दी जाए.

कोर्ट के निर्देश पर केन्द्र सरकार की ओर से एएसजी मुकेश राजपुरोहित व राज्य की ओर से एएजी पंकज शर्मा ने पक्ष रखते हुए सरकारी स्तर पर हो रहे प्रयासों से अवगत करवाया. इस पर कोर्ट ने चार सप्ताह का समय देते हुए कहा कि राज्य में जोधपुर के अलावा अन्य जिलो में भी इसके उपचार की क्या व्यवस्था हो सकती है, इसको लेकर पूरी विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

जोधपुर. दुलर्भ बीमारी मस्कुलर डिस्ट्रोफी के पीड़ित व्यक्तियों (PIL for Muscular Dystrophy) को बुनियादी चिकित्सा और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ (Rajasthan Highcourt) में जनहित याचिका दायर की गई. दायर याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने केन्द्र व राज्य सरकार को आवश्यक निर्देश दिए.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव व न्यायाधीश रेखा बोराणा की खंडपीठ में स्वावलम्बन फाउंडेशन के वैभव भंडारी की ओर से पेश जनहित याचिका पर विस्तृत सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ सचिन आचार्य व अधिवक्ता चयन बोथरा ने बताया कि मस्कुलर डिस्ट्रोफी एक दुलर्भ बीमारी है. इसके पीड़ित व्यक्ति की उपचार की लागत अधिक है. उन्होंने याचिका में अनुरोध किया कि जिला स्तर पर मस्कुलर डिस्ट्रोफी से पीड़ित व्यक्तियों को बुनियादी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाए.

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वहीं पीड़ित रोगियों की चिंताओं को दूर करने के लिए एक सिस्टम बनाया जाए और पर्याप्त धन की उपलब्धता कराई जाए. राज्य के साथ साथ जिला स्तर पर एक अलग नोडल निकाय का निर्माण हो जो न केवल निगरानी कर सके, बल्कि बीमारी से पीड़ित रोगियों के उपचार व पुनर्वास में भी सहायता कर सके. इस तरह के रोग के रोगियों को जीवन के बुनियादी प्रावधानों जैसे की पौष्टिक भोजन,फिजियोथेरेपी,स्वचालित व्हीलचेयर,नर्स सुविधाएं दी जाए.

कोर्ट के निर्देश पर केन्द्र सरकार की ओर से एएसजी मुकेश राजपुरोहित व राज्य की ओर से एएजी पंकज शर्मा ने पक्ष रखते हुए सरकारी स्तर पर हो रहे प्रयासों से अवगत करवाया. इस पर कोर्ट ने चार सप्ताह का समय देते हुए कहा कि राज्य में जोधपुर के अलावा अन्य जिलो में भी इसके उपचार की क्या व्यवस्था हो सकती है, इसको लेकर पूरी विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

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