जयपुर. कोरोना संकट के चलते इस बार काफी लोग प्रभावित हुए हैं. कई लोग बेरोजगार हो गए तो वहीं उद्योग धंधे भी कमजोर हो गए हैं. कोरोना संकट के बाद लोगों को उम्मीद थी कि केंद्र सरकार के बजट में कुछ विशेष राहत मिलेगी, लेकिन लोगों को कहना है कि बज उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा. लोगों का कहना है कि आम आदमी को इस बजट से कोई खास राहत नहीं मिलने वाली है.
इस बार बजट में कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है, अब मोबाइल फोन भी महंगा हो सकता है. आयकर स्लैब में भी कोई बदलाव नहीं किया गया. उज्ज्वला योजना के तहत लोगों को जोड़ा जाएगा. पहले 8 करोड़ लोगों को उज्ज्वला योजना का फायदा मिला है, वहीं अब गैस पाइप लाइन योजना की शुरुआत की जाएगी. सरकार की इस योजना को महिलाओं ने काफी अच्छा बताया है. कुल मिलाकर ग्रहणियों के लिए उज्जवला योजना से काफी राहत मिली है. वहीं प्रवासी मजदूरों के लिए देश भर में एक देश एक राशन योजना शुरू की गई है. एमएसएमई सेक्टर के लिए भी बड़ा ऐलान किया गया है.
सीनियर सिटीजंस के लिए भी बजट में बड़ी राहत दी गई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सीनियर सिटीजन के लिए स्पेशल एलान करते हुए 75 साल से अधिक उम्र वाले सीनियर सिटीजन को अब टैक्स में राहत दी है. 75 साल से अधिक उम्र वालों को आईटीआर नहीं भरनी होगी.
कस्टम ड्यूटी बढ़ाने से पड़ेगा असर
मोबाइल उपकरण पर कस्टम ड्यूटी को बढ़ाया गया है. जिससे मोबाइल फोन और चार्जर महंगा हो जाएगा. इसके साथ ही कॉपर स्टील, सोना और चांदी की कस्टम ड्यूटी घटाई गई है. कस्टम ड्यूटी बढ़ाने को लेकर लोगों ने कहा कि तकनीक के दौर में कस्टम ड्यूटी बढ़ाना सही नहीं है. ज्यादातर लोग मोबाइल का उपयोग करते हैं. कस्टम ड्यूटी बढ़ने से मोबाइल भी महंगा हो जाएगा जिससे आमजन को भार झेलना पड़ेगा. लोगों ने कहा कि टैक्स में छूट मिलने की भी उम्मीद थी जो नहीं मिली.
युवाओं ने कहा- उनके लिए कुछ नहीं
युवाओं का कहना है कि केंद्र सरकार के बजट से काफी उम्मीदें थी. युवाओं के रोजगार को लेकर अलग से बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है. इसलिए युवाओं के लिए इस बार का बजट खास नहीं रहा है. बजट में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने को लेकर फोकस नहीं किया गया. कोरोना संक्रमित दौर में बेरोजगारी से जूझ रहे युवाओं के लिए मुश्किलें बढ़ रही हैं. ऐसे में अब सरकार की ओर से भी राहत नहीं मिली. अब युवाओं का फोकस केंद्र सरकार के बाद राज्य सरकार के बजट पर है.
व्यापारी भी निराश
व्यापारियों ने कहा कि उनके लिए भी बजट में कोई राहत नहीं दी गई है. सरकार से उम्मीद थी कि बजट में कई जगह पर राहत दी जाएगी, लेकिन किसी भी तरह के व्यापारियों को कोई छूट नहीं दी गई है. छोटे व्यापारियों और दुकानदारों के लिए भी बजट राहत देने वाला नहीं है. कोरोना के चलते व्यापारी वर्ग बहुत परेशान है. व्यापारियों को भी बजट में राहत दी जानी चाहिए थी. कोरोना संकट से जूझ रहे व्यापारियों की उम्मीदें अब राज्य सरकार के बजट पर टिकी हुई है.
पर्यटन व्यवसाय से जुड़े आसिफ ने बताया कि कोरोना काल में पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से धराशाई हो गया था. लॉकडाउन होने से फ्लाइट्स भी बंद हो गई थी जिससे पर्यटन ठप हो गया था. पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के पास दूसरा कोई रोजगार का साधन नहीं है. काफी सारे ऐसे लोग हैं राजस्थान में जो केवल पर्यटन पर ही निर्भर करते हैं, लेकिन केंद्र सरकार के बजट में पर्यटन व्यवसाय को कोई राहत नहीं दी गई है. अब राज्य सरकार के बजट से उम्मीद की जा रही है कि पर्यटन व्यवसाय को विशेष राहत दी जाए.