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'जयपुर खुश है, लेकिन ये खुशी अभी भी है अधूरी'

जयपुर को लहूलुहान करने वाले गुनहगारों को शुक्रवार को सजा सुनाई गई. जयपुर बम ब्लास्ट के चारों आरोपियों को फांसी की सजा दी गई है, हालांकि अभी जेल प्रशासन की ओर से जेल अपील पेश की जाएगी. जहां दोनों पक्षों को सुनकर हाईकोर्ट फैसला करेगा. वहीं, बम ब्लास्ट के पीड़ित खुश हैं, लेकिन फिलहाल उनकी खुशी अधूरी ही है.

जयपुर की खबर , Jaipur bomb blast
जयपुर बम ब्लास्ट मामले के फैसले पर लोगों ने जाहिर की खुशी
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Published : Dec 21, 2019, 2:54 AM IST

Updated : Dec 21, 2019, 1:23 PM IST

जयपुर. राजधानी के नेशनल हैंडलूम के बाहर पताशी का ठेला लगाने वाले विनोद सिंह आज खुश है. वहीं सांगानेरी गेट स्थित हनुमान मंदिर पर दर्शन करने आए श्रद्धालुओं के चेहरे पर संतुष्टि है. दूसरी ओर महामंडलेश्वर पुरुषोत्तम भारती का परिवार आज लड्डू बांट रहा है, क्योंकि आज जयपुर खुश है. इसका सबसे बड़ा कारण है जयपुर के गुनहगारों को सजा-ए-मौत मिलना.

जयपुर बम ब्लास्ट मामले के फैसले पर लोगों की प्रतिक्रियाएं

13 मई 2008 के बाद से लेकर अब तक जयपुर के वो 71 परिवार, जिन्होंने अपनों को बम ब्लास्ट में खो दिया था, वो 185 घायल जिन्होंने अपनी जिंदगी के कई महीने अस्पताल में बिता दिए. उनके सहित पूरे शहर की निगाहें कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई थी और जब फैसला आया तो किसी की आंखें खुशी से नम हो गई, तो कोई खुशी से झूम उठा.

पढ़ेंः किन-किन धाराओं में मिली चारों आंतकियों को फांसी की सजा, यहां जाने

ईटीवी भारत सांगानेरी गेट, नेशनल हैंडलूम और बड़ी चौपड़ पहुंचा. जहां प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़ितों से बात की. सभी ने खुशी का इजहार किया. उन्होंने बताया कि 11 साल 7 महीने और 7 दिन बाद ये फैसला आया है, जबकि इस तरह के मामलों के लिए प्रशासन को फास्ट ट्रैक अदालत बनानी चाहिए.

जयपुर बम ब्लास्ट मामले के फैसले पर लोगों ने जाहिर की खुशी

इस दौरान लोगों की खुशी अधूरी इसलिए भी दिखी, क्योंकि अभी भी गुनहगारों को उच्च न्यायालयों में अपील करने का मौका है. यही वजह है कि अब शहर की जनता इस तरह के मामलों में कोर्ट के आदेशों के बाद दोबारा कहीं भी अपील ना किए जाने की प्रावधान तय करने की मांग कर रही है. बता दें कि कोर्ट ने चारों आतंकियों (मोहम्मद सैफ उर्फ कैरीऑन, मोहम्मद सलमान, मोहम्मद सरवर आजमी और सैफुर उर्फ सैफुर्रहमान) को फांसी की सजा सुनाई है.

जयपुर. राजधानी के नेशनल हैंडलूम के बाहर पताशी का ठेला लगाने वाले विनोद सिंह आज खुश है. वहीं सांगानेरी गेट स्थित हनुमान मंदिर पर दर्शन करने आए श्रद्धालुओं के चेहरे पर संतुष्टि है. दूसरी ओर महामंडलेश्वर पुरुषोत्तम भारती का परिवार आज लड्डू बांट रहा है, क्योंकि आज जयपुर खुश है. इसका सबसे बड़ा कारण है जयपुर के गुनहगारों को सजा-ए-मौत मिलना.

जयपुर बम ब्लास्ट मामले के फैसले पर लोगों की प्रतिक्रियाएं

13 मई 2008 के बाद से लेकर अब तक जयपुर के वो 71 परिवार, जिन्होंने अपनों को बम ब्लास्ट में खो दिया था, वो 185 घायल जिन्होंने अपनी जिंदगी के कई महीने अस्पताल में बिता दिए. उनके सहित पूरे शहर की निगाहें कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई थी और जब फैसला आया तो किसी की आंखें खुशी से नम हो गई, तो कोई खुशी से झूम उठा.

पढ़ेंः किन-किन धाराओं में मिली चारों आंतकियों को फांसी की सजा, यहां जाने

ईटीवी भारत सांगानेरी गेट, नेशनल हैंडलूम और बड़ी चौपड़ पहुंचा. जहां प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़ितों से बात की. सभी ने खुशी का इजहार किया. उन्होंने बताया कि 11 साल 7 महीने और 7 दिन बाद ये फैसला आया है, जबकि इस तरह के मामलों के लिए प्रशासन को फास्ट ट्रैक अदालत बनानी चाहिए.

जयपुर बम ब्लास्ट मामले के फैसले पर लोगों ने जाहिर की खुशी

इस दौरान लोगों की खुशी अधूरी इसलिए भी दिखी, क्योंकि अभी भी गुनहगारों को उच्च न्यायालयों में अपील करने का मौका है. यही वजह है कि अब शहर की जनता इस तरह के मामलों में कोर्ट के आदेशों के बाद दोबारा कहीं भी अपील ना किए जाने की प्रावधान तय करने की मांग कर रही है. बता दें कि कोर्ट ने चारों आतंकियों (मोहम्मद सैफ उर्फ कैरीऑन, मोहम्मद सलमान, मोहम्मद सरवर आजमी और सैफुर उर्फ सैफुर्रहमान) को फांसी की सजा सुनाई है.

Intro:जयपुर - जयपुर को लहूलुहान करने वाले गुनहगारों को आज सजा मिल गई। जयपुर बम ब्लास्ट के चारों आरोपियों को फांसी की सजा दी गई है। हालांकि अभी जेल प्रशासन की ओर से जेल अपील पेश की जाएगी। जहां दोनों पक्षों को सुनकर हाईकोर्ट फैसला करेगा। यही वजह है कि बम ब्लास्ट के पीड़ित खुश भी हैं। लेकिन उनकी खुशी अधूरी ही है।


Body:जयपुर के नेशनल हैंडलूम के बाहर पताशी का ठेला लगाने वाले विनोद सिंह आज खुश है। सांगानेरी गेट स्थित हनुमान मंदिर पर दर्शन करने आए श्रद्धालुओं के चेहरे पर संतुष्टि है। महामंडलेश्वर पुरुषोत्तम भारती का परिवार आज लड्डू बांट रहा है। आज जयपुर खुश है। इसका सबसे बड़ा कारण है, आज जयपुर के गुनहगारों को सजा-ए-मौत मुकर्रर की गई है। 13 मई 2008 के बाद से लेकर अब तक जयपुर के वो 71 परिवार जिन्होंने अपनों को बम ब्लास्ट में खो दिया था, वो 185 घायल जिन्होंने अपनी जिंदगी के कई महीने अस्पताल में बिता दिए। उन सहित पूरे शहर की निगाहें आज कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई थी। और जब फैसला आया तो किसी की आंखें खुशी से नम हो गई, तो कोई खुशी से झूम उठा। ईटीवी भारत सांगानेरी गेट, नेशनल हैंडलूम और बड़ी चौपड़ पहुंचा। जहां प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़ितों से बात की। जिसमें उन्होंने खुशी का इजहार भी किया साथ ही इसे देरी से आया हुआ न्याय बताया। उन्होंने बताया कि 11 साल 7 महीने और 7 दिन बाद ये फैसला आया है। जबकि इस तरह के मामलों के लिए प्रशासन को फास्ट टैग अदालत बनानी चाहिए। लोगों की खुशी अधूरी इसलिए भी दिखी क्योंकि अभी भी गुनहगारों को उच्च न्यायालयों में अपील करने का मौका है। यही वजह है कि अब शहर की जनता इस तरह के मामलों में कोर्ट के आदेशों के बाद दोबारा कहीं भी अपील ना किए जाने की प्रावधान तय करने की मांग कर रही है।


Conclusion:आपको बता दें कि कोर्ट ने चारों आतंकी मोहम्मद सैफ उर्फ कैरीऑन, मोहम्मद सलमान, मोहम्मद सरवर आजमी और सैफुर उर्फ सैफुर्रहमान को फांसी की सजा सुनाई है।
Last Updated : Dec 21, 2019, 1:23 PM IST
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