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Rajasthan Budget 2021: प्रदेश के समन्वित विकास में सभी वर्गों की भागीदारी जरूरी: CM गहलोत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के समन्वित विकास के लिए समाज के सभी वर्गों की भागीदारी जरूरी है. बजट तैयार करने में सभी के सुझावों को शामिल करने के साथ राज्य सरकार समाज के हर वर्ग के लिए बजट में समुचित प्रावधान कर प्रदेश के विकास में उनकी भागीदारी बढ़ाने का हर संभव प्रयास करेगी.

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प्रदेश के समन्वित विकास में सभी वर्गों की भागीदारी जरूरी...
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Published : Feb 6, 2021, 7:49 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के समन्वित विकास के लिए समाज के सभी वर्गों की भागीदारी जरूरी है. बजट तैयार करने में सभी के सुझावों को शामिल करने के साथ राज्य सरकार समाज के हर वर्ग के लिए बजट में समुचित प्रावधान कर प्रदेश के विकास में उनकी भागीदारी बढ़ाने का हर संभव प्रयास करेगी.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वैच्छिक संगठनों, सिविल सोसायटी और उपभोक्ता मंच के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण आए संकट के दौरान स्वंयसेवी संगठनों ने जरूरतमंदों की मदद करने में राज्य सरकार का पूरा सहयोग किया. ’कोई भूखा नहीं सोये’ के हमारे संकल्प को पूरा करने में विभिन्न संगठनों का महत्वपूर्ण योगदान रहा.

पढ़ें: Rajasthan Budget 2021: CM गहलोत का विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से संवाद, जानें बजट से क्या हैं उम्मीदें?

उन्होंने इसके लिए सभी को साधुवाद दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा से जुड़े कार्यों में राज्य सरकार ने हमेशा प्रगतिशील सोच के साथ फैसले लिये हैं. प्रदेश में गरीबों एवं वंचित वर्गों को केन्द्र में रखकर उनका जीवन स्तर ऊपर उठाने के लिए कई कदम उठाए गए. उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 में महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत कुल 37 करोड़ 19 लाख मानव दिवस सृजित कर प्रदेश के 70 लाख 93 हजार परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया. नरेगा श्रमिकों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया गया.

राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद की ओर से जनवरी 2021 तक 1 लाख 84 हजार 994 स्वयं सहायता समूहों का गठन कर 21 लाख 50 हजार ग्रामीण महिलाओं को इन समूहों से जोड़ा गया. साथ ही, 13 हजार 465 ग्राम संगठनों एवं 482 क्लस्टर लेवल फेडरेशनों का गठन कर परियोजना में अब तक 1805 करोड़ रूपए से अधिक व्यय किया गया. गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत प्रदेश में वर्ष 2020-21 में 13 लाख 33 हजार 394 आवास की स्वीकृति जारी की गई. करीब 10 लाख 10 हजार से अधिक आवासों का निर्माण किया जा चुका है. शेष के कार्य प्रगति पर है.

पढ़ें: Rajasthan Budget 2021: कोरोना संकट में सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले, क्या अब होगी आस पूरी ?

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं एवं कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने के साथ ही उनके प्रभावी क्रियान्वयन में नागरिक संगठनों एवं एनजीओ की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है. उन्होंने कहा कि स्थानीय आवश्यकता के अनुसार, नवाचार अथवा नई योजना की आवश्यकता के संबंध में दिए गए. मूल्यवान एवं सारगर्भित सुझावों को आगामी बजट में स्थान देने का पूरा प्रयास किया जाएगा. बैठक में आये स्वैच्छिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कोरोना के बेहतरीन प्रबंधन के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा उठाये गए कदमों की खुलकर तारीफ की.

उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार के प्रबंधन की देश-विदेश में सराहना हुई है. इससे पहले अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज रोहित कुमार सिंह ने बैठक की शुरूआत में सभी का स्वागत किया और कहा कि प्रतिभागियों से प्राप्त सुझावों पर गंभीरता से विचार कर उन्हें आगामी बजट में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा. वीसी के दौरान ऊर्जा मंत्री डाॅ. बीडी कल्ला, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. रघु शर्मा, शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, मुख्यमंत्री के सलाहकार गोविंद शर्मा, प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोरा सहित संबंधित विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव एवं सचिव उपस्थित थे.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के समन्वित विकास के लिए समाज के सभी वर्गों की भागीदारी जरूरी है. बजट तैयार करने में सभी के सुझावों को शामिल करने के साथ राज्य सरकार समाज के हर वर्ग के लिए बजट में समुचित प्रावधान कर प्रदेश के विकास में उनकी भागीदारी बढ़ाने का हर संभव प्रयास करेगी.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वैच्छिक संगठनों, सिविल सोसायटी और उपभोक्ता मंच के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण आए संकट के दौरान स्वंयसेवी संगठनों ने जरूरतमंदों की मदद करने में राज्य सरकार का पूरा सहयोग किया. ’कोई भूखा नहीं सोये’ के हमारे संकल्प को पूरा करने में विभिन्न संगठनों का महत्वपूर्ण योगदान रहा.

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उन्होंने इसके लिए सभी को साधुवाद दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा से जुड़े कार्यों में राज्य सरकार ने हमेशा प्रगतिशील सोच के साथ फैसले लिये हैं. प्रदेश में गरीबों एवं वंचित वर्गों को केन्द्र में रखकर उनका जीवन स्तर ऊपर उठाने के लिए कई कदम उठाए गए. उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 में महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत कुल 37 करोड़ 19 लाख मानव दिवस सृजित कर प्रदेश के 70 लाख 93 हजार परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया. नरेगा श्रमिकों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया गया.

राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद की ओर से जनवरी 2021 तक 1 लाख 84 हजार 994 स्वयं सहायता समूहों का गठन कर 21 लाख 50 हजार ग्रामीण महिलाओं को इन समूहों से जोड़ा गया. साथ ही, 13 हजार 465 ग्राम संगठनों एवं 482 क्लस्टर लेवल फेडरेशनों का गठन कर परियोजना में अब तक 1805 करोड़ रूपए से अधिक व्यय किया गया. गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत प्रदेश में वर्ष 2020-21 में 13 लाख 33 हजार 394 आवास की स्वीकृति जारी की गई. करीब 10 लाख 10 हजार से अधिक आवासों का निर्माण किया जा चुका है. शेष के कार्य प्रगति पर है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं एवं कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने के साथ ही उनके प्रभावी क्रियान्वयन में नागरिक संगठनों एवं एनजीओ की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है. उन्होंने कहा कि स्थानीय आवश्यकता के अनुसार, नवाचार अथवा नई योजना की आवश्यकता के संबंध में दिए गए. मूल्यवान एवं सारगर्भित सुझावों को आगामी बजट में स्थान देने का पूरा प्रयास किया जाएगा. बैठक में आये स्वैच्छिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कोरोना के बेहतरीन प्रबंधन के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा उठाये गए कदमों की खुलकर तारीफ की.

उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार के प्रबंधन की देश-विदेश में सराहना हुई है. इससे पहले अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज रोहित कुमार सिंह ने बैठक की शुरूआत में सभी का स्वागत किया और कहा कि प्रतिभागियों से प्राप्त सुझावों पर गंभीरता से विचार कर उन्हें आगामी बजट में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा. वीसी के दौरान ऊर्जा मंत्री डाॅ. बीडी कल्ला, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. रघु शर्मा, शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, मुख्यमंत्री के सलाहकार गोविंद शर्मा, प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोरा सहित संबंधित विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव एवं सचिव उपस्थित थे.

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