जयपुर. राजस्थान मदरसा पैरा टीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मियों ने सोमवार को परिजनों के साथ अपनी मांगों को लेकर शहीद स्मारक पर महापड़ाव डाला. मदरसा पैरा टीचर्स प्रदेश के अलग-अलग जिलों से शहीद स्मारक पर अपनी पत्नी, बच्चों के साथ आए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नियमित करने की मांग की. महापड़ाव का नेतृत्व कर रहे दांडी यात्रा संयोजक शमशेर भालू खान ने 24 घंटे का मौन व्रत भी रखा है.
राजस्थान मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मी लंबे समय से नियमित करने की मांग कर रहे हैं. लगातार संघर्ष करने के बावजूद भी इन्हें नियमित नहीं किया गया. शमशेर भालू खान ने इन तीनों कैडर के कर्मचारियों को नियमित करने की मांग को लेकर चूरू से दांडी यात्रा भी निकाली थी. लेकिन सरकार से वार्ता का आश्वासन मिलने के बाद इस दांडी यात्रा को दो बार स्थगित किया जा चुका है. इसके बावजूद भी सरकार ने इनसे कोई बात नहीं की.
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सरकार की ओर से समझौते के अनुसार इन्हें 30 सितंबर तक नियुक्ति आदेश दिया जाना था. सरकार ने वादा पूरा नहीं किया. 15 अक्टूबर से संघर्ष समिति के बैनर तले मदरसा पैरा टीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मी शहीद स्मारक पर सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. ये धरना अब महापड़ाव में तब्दील हो चुका है. अलग-अलग जिलों से अपने परिजनों के साथ शहीद स्मारक पहुंचे मदरसा पैरा टीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षा कर्मियों ने परिजनों के साथ सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. 6 नवंबर तक इसी तरह से पैराटीचर्स का महापड़ाव जारी रहेगा. मदरसा पैराटीचर्स ने पुलिस के खिलाफ भी आक्रोश जताया. उन्होंने कहा कि कुछ पैराटीचर्स फेसबुक से महापड़ाव का लाइव कर रहे थे. इसके बाद पुलिस ने उनकी फेसबुक आईडी को भी ब्लॉक कर दिया.
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मदरसा पैराटीचर इमरान खान ने कहा कि हम लोग 15 अक्टूबर से सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. हमने यहां अनशन भी किया और दांडी यात्रा संयोजक शमशेर भालू खान 12 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हैं. लेकिन सरकार हमारी सुनवाई नहीं कर रही. हम लोगों ने ईद और दशहरा यहीं मनाया था और सरकार के खिलाफ काली दिवाली भी यही शहीद स्मारक पर ही मनाएंगे. जालोर से आई मदरसा पैराटीचर सलमा ने बताया कि हम लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. गहलोत सरकार को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि तीनों ही कैडर के करीब 14 हजार कर्मचारी हैं जो नियमित होने का इंतजार कर रहे हैं.
अपने बच्चे के साथ पहुंचे एक मदरसा पैराटीचर ने कहा कि कम मानदेय में उनका घर खर्च नहीं चल पा रहा. सालों से नियमित होने की उम्मीद में समय काट रहे हैं. अब सरकार को तुरंत नियमित कर देना चाहिए. महापड़ाव में शामिल होने के लिए प्रदेश के अलग-अलग जिलों से मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षा कर्मियों के परिजन पहुंचे. जगह कम पड़ने पर पैराटीचर्स और उनके परिजन स्मारक के बाहर सड़क पर भी बैठ गए. किसान नेता राजाराम मील भी अपना समर्थन देने के लिए महापड़ाव में शामिल हुए.