जयपुर. जिले में पैरामेडिकल तकनीशियनों ने राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल में पंजीयन कराने की मांग को लेकर सोमवार को जयपुर कलेक्ट्रेट पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. बता दें कि पैरामेडिकल तकनीशियनों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि हमारा पंजीयन नहीं किया गया तो हम भूख हड़ताल करेंगे और आत्महत्या तक कर सकते हैं. काउंसिल के गठन के बाद नियमानुसार राजस्थान के सभी पैरामेडिकल तकनीशियनों का पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया है लेकिन 2014 से पहले के राजस्थान पैरामेडिकल तकनीशियनों के पंजीकरण के संबंध में कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं है.
राजस्थान पैरामेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा ने बताया कि 2014 से पहले काम कर रहे पैरामेडिकल टेक्नीशियन के लिए राज्य सरकार ने कोई नियम नहीं बनाए हैं और वर्तमान में गठित राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल हमारा रजिस्ट्रेशन नहीं कर रही है. उन्होंने बताया कि काउंसिल ने हमें नियमों के अनुसार चलने के लिए तो कह दिया लेकिन इस काउंसिल में हमारे रजिस्ट्रेशन यह कहकर नहीं किया कि हम उस नियमों के अंतर्गत नहीं आते हैं. जितेंद्र शर्मा ने कहा कि हम सरकार को कई बार ज्ञापन भी दे चुके हैं लेकिन अब तक सरकार ने हमसे कोई बात नहीं की है और यह निर्णय राजस्थान सरकार हम पर थोप रही है. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हमारा पंजीयन नहीं किया गया तो हम भूख हड़ताल करेंगे और आत्महत्या तक का कदम उठा सकते हैं.
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वहीं पैरामेडिकल तकनीशियनों ने कहा कि काउंसिल उनके प्रशिक्षण को अवैध बता रही है और इस कारण पंजीकरण भी नहीं कर रही है. राजस्थान में लगभग 25 हजार से 30 हजार पैरामेडिकल तकनीशियन हैं जो मरीजों को सस्ती सेवाएं देकर अपनी रोजी-रोटी चला रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे राजस्थान और राजस्थान के बाहर से प्रशिक्षण लिए हैं. राज्य में पैरामेडिकल तकनीशियनों के रूप में राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में वह सस्ती दरों पर पैथोलॉजी लैब और एक्स-रे का कार्य कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि उन्हें अवैध करार दे दिया गया तो उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो जाएगा.