जयपुर. कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेश में 60 से ज्यादा स्थानों पर ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने मंगलवार को देश के प्रमुख ऑक्सीजन प्लांट निर्माताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक उच्च स्तरीय बैठक करते हुए ये निर्देश दिए.
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वर्तमान में देश-प्रदेश में कोविड-19 की दूसरी घातक लहर जारी है. जिसके चलते संक्रमित को ऑक्सीजन की अत्यधिक आवश्यकता है. ऐसे में यूडीएच मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दृष्टिगत संक्रमितों की मेडिसिन ऑक्सीजन पर निर्भरता तेजी से बढ़ रही है. जिसके मद्देनजर राज्य की नगरीय निकाय, नगर विकास न्यास, प्राधिकरण अपने-अपने संसाधनों से और निजी संसाधनों द्वारा ऑक्सीजन और गैस संयंत्र स्थापित करवाने की कार्रवाई कराएं.
यूडीएच प्रमुख सचिव कुंजी लाल मीणा के अनुसार प्रदेश में 50 बेड, 100 बेड, 150 बेड और 300 बेड के हॉस्पिटल है. जहां प्रतिदिन एक बेड पर 2 से 3 ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता होती है. इसे देखते हुए जिला अस्पतालों में 100 सिलेंडर, 150 सिलेंडर, 300 सिलेंडर प्रतिदिन की क्षमता वाले जयपुर और अन्य बड़े शहरों में 800 से 1000 सिलेंडर क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे.
वहीं, एलएसजी सचिव भवानी सिंह देथा ने बताया कि प्रदेश के 60 से ज्यादा स्थानों पर जिला हॉस्पिटल, मेडिकल कॉलेजों में विभिन्न कैपेसिटी के ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने हैं. इसके लिए जानकारी प्राप्त की जा रही है. उसी के अनुरूप ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे. ऑक्सीजन प्लांट आधुनिक तकनीक के होंगे, जिनमें सीधे पाइपलाइन के माध्यम से अस्पतालों को ऑक्सीजन पहुंचाने की सुविधा भी उपलब्ध होगी. कुछ प्लांट में सिलेंडर रिफिल की सुविधा भी रखी जाएगी, जिससे ऑक्सीजन की त्वरित मांग को पूरा किया जा सकेगा. ये सभी प्लांट 2 महीने में लगाए जा सकेंगे.
बता दें कि कोविड-19 वैश्विक महामारी की दूसरी लहर को ध्यान में रखते हुए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने और इसकी सहायक सामग्री क्रय करने के लिए नगरीय निकायों और अन्य उपापन संस्थाओं को आरटीपीपी एक्ट 2012 और नियम 2013 के प्रावधानों में राज्य सरकार की ओर से पूर्णतया छूट प्रदान की गई है. स्वास्थ्य विभाग और नेशनल हेल्थ मिशन की ओर से प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने के आदेश दिए गए हैं.