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जहां की बोली समझे वहां पोस्टिंग और ट्रांसफर करने का प्रयास करें सरकार : हाईकोर्ट - Jaipur Rajasthan High Court

शिक्षकों की पोस्टिंग और तबादले के मामलों में राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि शिक्षकों की पोस्टिंग और ट्रांसफर उस जगह करें, जहां कि वे स्थानीय बोली को अच्छी तरह से समझ सकते हों.

जयपुर शिक्षकों की पोस्टिंग,  Jaipur news
शिक्षक जहां कि स्थानीय बोली समझते हो वहां करें तबादला
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Published : Dec 5, 2019, 11:54 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को शिक्षकों की पोस्टिंग और तबादले के मामलों में व्यावहारिक तरीका अपनाने के लिए कहा है. इस दौरान अदालत ने राज्य सरकार से कहा है कि वह शिक्षकों की पोस्टिंग और ट्रांसफर में सदैव प्रयास करें कि उन्हें उस जगह लगाया जाए, जहां कि वे स्थानीय बोली अच्छी तरह समझते हों. इससे न केवल बच्चों को शिक्षा देने का उद्देश्य सफल होगा, बल्कि शिक्षा स्तर की गुणवत्ता में भी सुधार होगा.

वहीं अदालत ने याचिकाकर्ता मामले में राज्य सरकार के 29 सितंबर 2019 के ट्रांसफर आदेश को मनमाना और बिना विवेक का उपयोग किए बताते हुए उस पर रोक लगा दी. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश रचना तिवाड़ी की याचिका पर दिए, साथ ही अदालत ने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले में ऐसा कोई भी प्रशासनिक कारण नहीं बताया है. जिसके आधार पर याचिकाकर्ता प्रिंसीपल का तबादला मुहाना से भीलवाड़ा किया गया.

पढ़ेंः रेल यात्रियों को मिली सौगात, रेल प्रशासन ने कोटा-अजमेर स्पेशल रेल सेवा का किया संचालन

याचिका में कहा कि मुहाना स्कूल में प्रिंसीपल है, लेकिन राज्य सरकार ने उसका ट्रांसफर यहां से दूर भीलवाड़ा कर दिया है. क्योंकि वह वहां की स्थानीय बोली और भाषा समझने में असमर्थ है, इसलिए ट्रांसफर आदेश पर रोक लगाई जाए। जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि ट्रांसफर का निर्णय प्रशासनिक निर्णय है, किसी कर्मचारी को एक ही जगह पर बने रहने का अधिकार नहीं है.

अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि राजस्थान प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है और यहां कई तरह की बोलियां प्रचलित हैं,एक स्कूल प्रिंसीपल को वहां के अच्छे प्रशासन संचालन और प्रशासनिक और शिक्षण कार्य के लिए स्थानीय बोली समझना बहुत जरूरी है. ऐसे में राज्य सरकार को इनकी पोस्टिंग और तबादले में व्यावहारिक तरीका अपनाना चाहिए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को शिक्षकों की पोस्टिंग और तबादले के मामलों में व्यावहारिक तरीका अपनाने के लिए कहा है. इस दौरान अदालत ने राज्य सरकार से कहा है कि वह शिक्षकों की पोस्टिंग और ट्रांसफर में सदैव प्रयास करें कि उन्हें उस जगह लगाया जाए, जहां कि वे स्थानीय बोली अच्छी तरह समझते हों. इससे न केवल बच्चों को शिक्षा देने का उद्देश्य सफल होगा, बल्कि शिक्षा स्तर की गुणवत्ता में भी सुधार होगा.

वहीं अदालत ने याचिकाकर्ता मामले में राज्य सरकार के 29 सितंबर 2019 के ट्रांसफर आदेश को मनमाना और बिना विवेक का उपयोग किए बताते हुए उस पर रोक लगा दी. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश रचना तिवाड़ी की याचिका पर दिए, साथ ही अदालत ने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले में ऐसा कोई भी प्रशासनिक कारण नहीं बताया है. जिसके आधार पर याचिकाकर्ता प्रिंसीपल का तबादला मुहाना से भीलवाड़ा किया गया.

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याचिका में कहा कि मुहाना स्कूल में प्रिंसीपल है, लेकिन राज्य सरकार ने उसका ट्रांसफर यहां से दूर भीलवाड़ा कर दिया है. क्योंकि वह वहां की स्थानीय बोली और भाषा समझने में असमर्थ है, इसलिए ट्रांसफर आदेश पर रोक लगाई जाए। जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि ट्रांसफर का निर्णय प्रशासनिक निर्णय है, किसी कर्मचारी को एक ही जगह पर बने रहने का अधिकार नहीं है.

अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि राजस्थान प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है और यहां कई तरह की बोलियां प्रचलित हैं,एक स्कूल प्रिंसीपल को वहां के अच्छे प्रशासन संचालन और प्रशासनिक और शिक्षण कार्य के लिए स्थानीय बोली समझना बहुत जरूरी है. ऐसे में राज्य सरकार को इनकी पोस्टिंग और तबादले में व्यावहारिक तरीका अपनाना चाहिए.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को शिक्षकों की पोस्टिंग और तबादले के मामलों में व्यावहारिक तरीका अपनाने के लिए कहा है। अदालत ने राज्य सरकार से कहा है कि वह शिक्षकों की पोस्टिंग व ट्रांसफर में सदैव प्रयास करे कि उन्हें उस जगह लगाया जाए जहां कि वे स्थानीय बोली अच्छी तरह समझते हों। इससे न केवल बच्चों को शिक्षा देने का उद्देश्य सफल होगा बल्कि शिक्षा स्तर की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। Body:अदालत ने याचिकाकर्ता मामले में राज्य सरकार के 29 सितंबर 2019 के ट्रांसफर आदेश को मनमाना व बिना विवेक का उपयोग किए बताते हुए उस पर रोक लगा दी। न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश रचना तिवाडी की याचिका पर दिए। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले में ऐसा कोई भी प्रशासनिक कारण नहीं बताया है जिसके आधार पर याचिकाकर्ता प्रिंसीपल का तबादला मुहाना से भीलवाडा किया गया।
याचिका में कहा कि मुहाना स्कूल में प्रिंसीपल है, लेकिन राज्य सरकार ने उसका ट्रांसफर यहां से दूर भीलवाडा कर दिया है। वह वहां की स्थानीय बोली व भाषा समझने में असमर्थ है। इसलिए ट्रांसफर आदेश पर रोक लगाई जाए। जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि ट्रंासफर का निर्णय प्रशासनिक निर्णय है, किसी कर्मचारी को एक ही जगह पर बने रहने का अधिकार नहीं है। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि राजस्थान प्रदेश देश का सबसे बडा राज्य है और यहां कई तरह की बोलियां प्रचलित हैं। एक स्कूल प्रिंसीपल को वहां के अच्छे प्रशासन संचालन और प्रशासनिक व शिक्षण कार्य के लिए स्थानीय बोली समझना बहुत जरूरी है। ऐसे में राज्य सरकार को इनकी पोस्टिंग और तबादले में व्यावहारिक तरीका अपनाना चाहिए।Conclusion:
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