जयपुर. उपचुनाव के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए महाराणा प्रताप को लेकर अमर्यादित शब्दों के इस्तेमाल के मामले में एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सार्वजनिक रूप से क्षमा याचना की है. कटारिया ने महावीर जयंती की शुभकामनाओं के साथ उन सभी लोगों से अपने अंतःकरण से माफी मांगी है, जिन्हें उनके शब्दों से ठेस पहुंची थी.
कटारिया ने महावीर जयंती पर जारी की संदेश में प्रदेश वासियों को इस पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कोरोना काल में हम सुरक्षित रहें और जरूरतमंदों की हर संभव सहायता करें. कटारिया ने कहा मैं जैन दर्शन को मानने वाला हूं और हमें यही शिक्षा मिलती है कि क्षमा वीरस्य भूषणम्. कटारिया ने कहा यदि कोई कमी या गलती पर क्षमा मांगते हैं तो मन से क्षमा भी दी जाती है. कटारिया ने कहा इस समय महाराणा प्रताप को लेकर मैं विशेष चर्चा में रहा हूं लेकिन मैं उन सभी लोगों से जिनकी आत्मा को मेरे शब्दों से ठेस लगी है. उनसे क्षमा याचना करता हूं और विश्वास करता हूं कि मैं जैन दर्शन को मानने वाला व्यक्ति हूं, जिस भावना से भगवान महावीर के उद्देश्यों को मानता हूं, सुनता हूं और जीवन में उपयोग करने का प्रयास करता हूं, उसे आगे बढ़ाने में आप सबका सहयोग और आशीर्वाद मिलेगा.
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गौरतलब है कि राजसमंद उपचुनाव के दौरान कुंवारिया में हुई एक जनसभा के दौरान कटारिया ने अपने संबोधन में वीर महाराणा प्रताप के यशोगान के दौरान कुछ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर दिया जो अमर्यादित थे. हालांकि, उसके बाद सार्वजनिक रूप से 2 बार कटारिया ने क्षमा याचना भी की. यह भी साफ कर दिया कि उनका मकसद केवल वीर महाराणा प्रताप की वीरता और त्याग और बलिदान को बताना था लेकिन भावेश में कुछ छोटे शब्दों का इस्तेमाल कर दिया, जिसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूं. हालांकि, क्षमा याचना के बाद भी करणी सेना से जुड़े कुछ युवकों ने कटारिया के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. वहीं ट्विटर पर भी #बायकॉट कटारिया के नाम से अभियान चलाया गया था.