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ऑपरेशन फ्लश आउट: जेल विभाग ने बरती सख्ती तो कैदियों के पास से बरामद हुआ प्रतिबंधित सामान... - राजस्थान एसओजी की कार्रवाई

प्रदेश की 145 जेलों में बंद कैदियों की अवांछित गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए राजस्थान एसओजी द्वारा जेल विभाग के साथ मिलकर स्पेशल ऑपरेशन 'फ्लश ऑउट' चलाया जा रहा है. आपरेशन फ्लश ऑउट के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं.

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ऑपरेशन फ्लश आउट...
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Published : Dec 20, 2020, 8:29 PM IST

जयपुर. प्रदेश की 145 जेलों में बंद कैदियों की अवांछित गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए राजस्थान एसओजी द्वारा जेल विभाग के साथ मिलकर स्पेशल ऑपरेशन फ्लश ऑउट चलाया जा रहा है. आपरेशन फ्लश ऑउट के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. जेल विभाग द्वारा प्रदेश की तमाम 145 जेलों में औचक निरीक्षण किया जा रहा है. इस दौरान कैदियों के पास से प्रतिबंधित वस्तुएं बरामद की जा रही है. इस दौरान जेल विभाग के कर्मचारियों की कैदियों के साथ जो मिलीभगत उजागर हो रही है, उसके आधार पर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है.

राजस्थान एसओजी द्वारा जेल विभाग के साथ मिलकर स्पेशल ऑपरेशन फ्लश ऑउट चलाया जा रहा है...

डीजी जेल राजीव दासोत ने बताया कि प्रदेश में 21 नवंबर से ऑपरेशन फ्लश आउट की शुरुआत की गई. ऑपरेशन फ्लश आउट 31 दिसंबर तक चलाया जाएगा. अब तक इस ऑपरेशन के तहत प्रदेश की अलग-अलग जेलों से कैदियों के पास से कुल 33 मोबाइल फोन, 12 चार्जर और 14 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं. इसके साथ ही औचक निरीक्षण के दौरान कैदियों के पास से अतिरिक्त जोड़ी कपड़े भी बरामद हुए, जिन्हें जप्त किया गया है. जेल के नियम अनुसार प्रति कैदी 2 जोड़ी कपड़े रखे जा सकते हैं. लेकिन, कई कैदियों के पास से 20-20 जोड़ी कपड़े बरामद किए गए. वहीं, कई कैदियों के पास से हीटर व अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद किए गए हैं. प्रदेश की जेलों से एक ट्रक भरकर कैदियों के पास से बरामद किया गया अतिरिक्त सामान बाहर निकाला जा चुका है.

पढ़ें: राजस्थान में टैक्स चोरी के बड़े रैकेट का खुलासा, 1300 करोड़ के फर्जीवाड़े में चार आरोपी गिरफ्तार

जेल कर्मचारियों पर भी पैनी नजर

डीजी जेल राजीव दासोत ने बताया कि जेल की सुरक्षा में आरएसी 13वीं बटालियन के जो जवान तैनात किए गए हैं. उन पर भी विशेष निगरानी रखी जा रही है. इसके साथ ही जेल प्रहरी व अन्य कर्मचारियों पर भी पैनी नजर अधिकारियों द्वारा रखी जा रही है. इस दौरान जेल के जिस भी कर्मचारी की किसी कैदी के साथ मिलीभगत उजागर हो रही है, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है. हाल ही में जोधपुर जेल में एक जेल प्रहरी को 80 ग्राम अफीम के साथ पकड़ा गया. जिसे राज्य सेवा से बर्खास्त किया गया है. वहीं, इस दौरान 4 जेलर की शिकायतें भी प्राप्त हुई, जिनका विभागीय कार्रवाई करते हुए तबादला किया गया है.

शातिर बदमाशों को किया जा रहा शिफ्ट...

डीजी जेल राजीव दासोत ने बताया कि जो शातिर बदमाश काफी लंबे समय से एक ही जेल में बंद है. उनकी लिस्ट तैयार कर उनका तबादला दूसरे जिलों की जेल में किया जा रहा है. वहीं, हार्डकोर क्रिमिनल को अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट किया जा रहा है. हाल ही में लॉरेंस बिश्नोई को भरतपुर जेल से अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट किया गया है. लॉरेंस बिश्नोई पिछले 3 साल से भरतपुर जेल में बंद था और वहां से अपनी गैंग ऑपरेट कर रहा था. भरतपुर जेल से जब लॉरेंस को अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट किया गया, तो चेकिंग के दौरान उसके पास से मोबाइल फोन व अन्य डिवाइस बरामद की गई.

पढ़ें: शर्मनाकः बिल बढ़ाने के लिए शव को कई दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा

हाई सिक्योरिटी जेल में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 33 लाख का बजट...

प्रदेश की हाई सिक्योरिटी जेल में कई सीसीटीवी कैमरे काफी लंबे समय से खराब पड़े हैं. जिनकी मरम्मत करने के लिए और नए सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए जेल विभाग द्वारा 33 लाख रुपए का बजट पारित किया गया है. इसके साथ ही बॉडी स्कैनर और लगेज स्कैनर के लिए भी बजट पास कराने के लिए वित्त विभाग को फाइल भेजी गई है. उच्च तकनीक के सीसीटीवी कैमरे और स्कैनर जेल में स्थापित होने के बाद कैदियों की तमाम अवांछित गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लग पाएगी.

जयपुर. प्रदेश की 145 जेलों में बंद कैदियों की अवांछित गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए राजस्थान एसओजी द्वारा जेल विभाग के साथ मिलकर स्पेशल ऑपरेशन फ्लश ऑउट चलाया जा रहा है. आपरेशन फ्लश ऑउट के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. जेल विभाग द्वारा प्रदेश की तमाम 145 जेलों में औचक निरीक्षण किया जा रहा है. इस दौरान कैदियों के पास से प्रतिबंधित वस्तुएं बरामद की जा रही है. इस दौरान जेल विभाग के कर्मचारियों की कैदियों के साथ जो मिलीभगत उजागर हो रही है, उसके आधार पर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है.

राजस्थान एसओजी द्वारा जेल विभाग के साथ मिलकर स्पेशल ऑपरेशन फ्लश ऑउट चलाया जा रहा है...

डीजी जेल राजीव दासोत ने बताया कि प्रदेश में 21 नवंबर से ऑपरेशन फ्लश आउट की शुरुआत की गई. ऑपरेशन फ्लश आउट 31 दिसंबर तक चलाया जाएगा. अब तक इस ऑपरेशन के तहत प्रदेश की अलग-अलग जेलों से कैदियों के पास से कुल 33 मोबाइल फोन, 12 चार्जर और 14 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं. इसके साथ ही औचक निरीक्षण के दौरान कैदियों के पास से अतिरिक्त जोड़ी कपड़े भी बरामद हुए, जिन्हें जप्त किया गया है. जेल के नियम अनुसार प्रति कैदी 2 जोड़ी कपड़े रखे जा सकते हैं. लेकिन, कई कैदियों के पास से 20-20 जोड़ी कपड़े बरामद किए गए. वहीं, कई कैदियों के पास से हीटर व अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद किए गए हैं. प्रदेश की जेलों से एक ट्रक भरकर कैदियों के पास से बरामद किया गया अतिरिक्त सामान बाहर निकाला जा चुका है.

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जेल कर्मचारियों पर भी पैनी नजर

डीजी जेल राजीव दासोत ने बताया कि जेल की सुरक्षा में आरएसी 13वीं बटालियन के जो जवान तैनात किए गए हैं. उन पर भी विशेष निगरानी रखी जा रही है. इसके साथ ही जेल प्रहरी व अन्य कर्मचारियों पर भी पैनी नजर अधिकारियों द्वारा रखी जा रही है. इस दौरान जेल के जिस भी कर्मचारी की किसी कैदी के साथ मिलीभगत उजागर हो रही है, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है. हाल ही में जोधपुर जेल में एक जेल प्रहरी को 80 ग्राम अफीम के साथ पकड़ा गया. जिसे राज्य सेवा से बर्खास्त किया गया है. वहीं, इस दौरान 4 जेलर की शिकायतें भी प्राप्त हुई, जिनका विभागीय कार्रवाई करते हुए तबादला किया गया है.

शातिर बदमाशों को किया जा रहा शिफ्ट...

डीजी जेल राजीव दासोत ने बताया कि जो शातिर बदमाश काफी लंबे समय से एक ही जेल में बंद है. उनकी लिस्ट तैयार कर उनका तबादला दूसरे जिलों की जेल में किया जा रहा है. वहीं, हार्डकोर क्रिमिनल को अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट किया जा रहा है. हाल ही में लॉरेंस बिश्नोई को भरतपुर जेल से अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट किया गया है. लॉरेंस बिश्नोई पिछले 3 साल से भरतपुर जेल में बंद था और वहां से अपनी गैंग ऑपरेट कर रहा था. भरतपुर जेल से जब लॉरेंस को अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट किया गया, तो चेकिंग के दौरान उसके पास से मोबाइल फोन व अन्य डिवाइस बरामद की गई.

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हाई सिक्योरिटी जेल में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 33 लाख का बजट...

प्रदेश की हाई सिक्योरिटी जेल में कई सीसीटीवी कैमरे काफी लंबे समय से खराब पड़े हैं. जिनकी मरम्मत करने के लिए और नए सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए जेल विभाग द्वारा 33 लाख रुपए का बजट पारित किया गया है. इसके साथ ही बॉडी स्कैनर और लगेज स्कैनर के लिए भी बजट पास कराने के लिए वित्त विभाग को फाइल भेजी गई है. उच्च तकनीक के सीसीटीवी कैमरे और स्कैनर जेल में स्थापित होने के बाद कैदियों की तमाम अवांछित गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लग पाएगी.

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