जयपुर. प्रदेश की 3 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में प्रत्याशी चयन के मामले में भाजपा ने सत्तारूढ़ कांग्रेस से पहले बाजी मार दी है. भाजपा ने 3 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि चयन उन्हीं का हुआ है जो पार्टी की सर्वे और फीडबैक में सबसे ऊपर थे.
पूनिया ने कहा कि पार्टी के प्रमुख लोगों ने जो राय दी थी और हमने जो सूची दिल्ली भेजी थी, उसका क्रॉस वेरिफिकेशन कराया गया. साथ ही आलाकमान ने खुद भी सर्वे कराकर विचार विमर्श के बाद ही नामों का ऐलान किया.
'परिवार के लोग लड़ते हैं इसमें अपवाद कुछ नहीं'
सतीश पूनिया ने राजसमंद में दिवंगत नेता किरण माहेश्वरी की पुत्री दीप्ति माहेश्वरी को टिकट दिए जाने से जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि इसमें नया कुछ नहीं है और ना ही अपवाद है. परिवार के लोग चुनाव लड़ते हैं. उन्होंने कहा कि जब मनमोहन सिंह राज्यसभा का चुनाव असम से लड़ सकते हैं तो दीप्ति माहेश्वरी राजसमंद से क्यों नहीं लड़ सकती.
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हालांकि, अब तक भाजपा नेता कांग्रेस पर ही वंशवाद और परिवारवाद का आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन दीप्ति महेश्वरी को टिकट दिए जाने के मामले में अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का बयान भी बदल गया है. वहीं, सहाड़ा प्रत्याशी रतन लाल जाट की उम्र के क्राइटेरिया से जुड़े सवाल के जवाब में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 75 वर्ष की उम्र का क्राइटेरिया है और जाट की उम्र अभी 72 वर्ष ही है.
'उपचुनाव से पहले जिसे पार्टी में शामिल कराया उनके हाथ रहे खाली'
उपचुनाव से ठीक पहले भाजपा ने सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र में संतोष मेघवाल को भाजपा में शामिल किया था, तो वहीं सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र से आने वाले लादूराम पितालिया को भी भाजपा ज्वाइन कराया गया था. लेकिन इन नेताओं को टिकट नहीं दी गई. ये नेता उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशियों के लिए मुसीबत बन सकते हैं, इसपर सतीश पूनिया ने कहा कि हमने इन नेताओं को किसी प्रकार का आश्वासन देकर शामिल नहीं किया था. ऐसे में किसी की नाराजगी का सवाल ही नहीं उठता.