जयपुर. हाल ही में 6 विधायकों के मुख्यमंत्री सलाहकार पद पर नियुक्ति (CM advisor appointment controversy) को लेकर उपजे विवाद के बीच सीएम अशोक गहलोत (cm gehlot news) ने स्पष्ट किया है कि हमने इस नियुकि के लिए अलग से वेतन भत्ते या सुविधाओं को लेकर कोई आदेश नहीं निकाला लेकिन विपक्ष ऐसा माहौल बना रहा है जैसे कोई जुर्म कर दिया हो. राज्य मंत्री बनाए गए राजेंद्र गुढ़ा के अब तक पद न संभालने पर गहलोत ने कहा कि मैं और पीसीसी अध्यक्ष उनसे बात करेंगे और कोई रास्ता निकाल लेंगे.
रविवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री सलाहकार नियुक्ति मामले में आरोप लगाने वाले यदि थोड़ा गहराई में जाते तो उन्हें समझ में आ जाता. सीएम गहलोत ने कहा कि हम भी सरकार चला रहे हैं तो कुछ जानकारी होगी ही लेकिन बिना मतलब के इस मामले को इश्यू बनाया जा रहा है. हमें भी पता है मुख्यमंत्री सलाहकार यह संसदीय सचिव के मामले में पूर्व में कब क्या मामले आए और उसमें क्या हुआ.
फीडबैक के आधार पर सलाह लेने में क्या आपत्ति
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह भी कहा कि मैं चाहे कितने भी सलाहकार रखो उससे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए यदि मेरा कोई एडवाइज है जनता के बीच जाकर कोई फीडबैक लेता है सरकारी योजनाओं के कामकाज की जानकारी उठाता है और मुझे इस बारे में जानकारी देता है तो उसमें कुछ गलत नहीं है मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि हम नियुक्ति के बाद अलग से उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा सुविधाएं या भत्ते देने का आदेश निकाल दे तब तो मीडिया उससे जुड़ी खबर पब्लिक इंटरेस्ट में जारी कर सकती थी लेकिन उससे पहले ही विपक्ष के लोग इस मामले में बेवजह माहौल बना रहे हैं.
ये है मामला
उपनेता प्रतिपक्ष ने गहलोत मंत्रिमंडल के पुनर्गठन (Gehlot Cabinet Expansion) के तुरंत बाद 6 विधायकों की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) के सलाहकार (CM advisors) के रूप में नियुक्ति करने को गलत बताया है. इस मामले में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ (bjp leader rajendra rathore) ने राज्यपाल को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की मांग की है. राठौड़ ने इस मामले को लेकर कोर्ट की शरण में जाने की चेतावनी भी दी है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने कांग्रेस विधायक दल और सरकार में असंतोष को शांत करने के लिए असंवैधानिक रूप से 6 विधायकों को सलाहकार (CM advisors) की नियुक्ति के रूप में रेवड़ियां बांटी हैं जो संवैधानिक प्रावधानों को तोड़कर किया गया कृत्य है. राठौड़ के अनुसार बगैर विधानसभा में कानून बनाए पोस्ट ऑफ प्रॉफिट पर सलाहकारों की नियुक्ति करना कानूनी रूप से असंवैधानिक है.
गुढ़ा से मैं और पीसीसी अध्यक्ष बात कर निकलेंगे समाधान
हाल ही में राज्य मंत्री बनाए जाने के बाद भी अब तक पदभार ग्रहण नहीं करने वाले राजेंद्र गुढ़ा को लेकर भी मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी अपनी कोई नाराजगी हो सकती है. यह गुढ़ा के मंत्री बनाए जाने के बाद किसी और विधायक के मन में कोई पीड़ा हो सकती है. गहलोत के अनुसार जो मंत्री नहीं बन पाए ऐसा नहीं है कि वह काबिल नहीं होंगे लेकिन हमारी भी मजबूरी है कि 30 से अधिक मंत्री नहीं बना सकते. मुख्यमंत्री ने कहा राजेंद्र गुढ़ा के मन में भी कुछ होगा तो वह धीरे-धीरे शांत होगा. मैं और पीसीसी अध्यक्ष उनसे बात करेंगे और कोई न कोई रास्ता निकल जाएगा.