जयपुर. राज्यसभा चुनाव में भाजपा के दूसरे प्रत्याशी ओंकार सिंह लखावत के चुनाव लड़ने को लेकर चल रहा सस्पेंस खत्म हो चुका है. मौजूदा चुनाव में भाजपा के दोनों प्रत्याशी राजेंद्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत चुनाव लड़ेंगे. प्रदेश की गहलोत सरकार पर प्रेशर पॉलिटिक्स बनाने के लिए भाजपा ने रणनीति के तहत यह फैसला किया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने यह जानकारी दी.
कटारिया ने कहा कि प्रदेश में भाजपा की एक सीट तो कंफर्म है लेकिन कांग्रेस और अन्य विधायकों में फैले असंतोष का फायदा भी इस राज्यसभा चुनाव में भाजपा को मिलने की उम्मीद है. कटारिया ने कहा कि भाजपा के पास खोने को इन चुनावों में कुछ नहीं है. लेकिन पाने की संभावना काफी है और इसी संभावना के तहत पार्टी ने अपने दूसरे प्रत्याशी ओंकार सिंह लखावत को चुनाव में यथावत रखने का निर्णय लिया है.
हालांकि, कटारिया से जब पूछा गया कि संख्या बल के आधार पर भाजपा को दूसरे प्रत्याशी की जीत के लिए आरएलपी के 3 विधायकों के अतिरिक्त 27 अन्य विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी तो कटारिया ने कहा कि यही असंतोष भापने की परीक्षा है. कटारिया ने इशारों इशारों में यह भी संकेत दे दिए कि ना केवल कांग्रेस बल्कि कई निर्दलीय और अन्य दलों के विधायक भी उनसे संपर्क में है.
ये है राज्यसभा चुनाव में वोटों का गणित...
प्रदेश में 3 सीटों पर हो रहे चुनाव को लेकर पूरे 200 विधायकों के वोट हैं. प्रदेश की अगर बात की जाए तो हर एक सीट को जीतने के लिए प्रथम वरीयता के 51 वोट चाहिए. कांग्रेस के पास 107 वोट है, जबकि बीजेपी के पास 72 वोट है. भाजपा को आरएलपी के तीन विधायकों का भी समर्थन है, क्योंकि आरएलपी से बीजेपी का गठबंधन है. वहीं अगर कांग्रेस की बात की जाए तो कांग्रेस को 13 निर्दलीय में से अधिकतर का समर्थन है.
वहीं, अन्य छोटी पार्टियों के विधायकों का भी कांग्रेस को समर्थन है. मतलब कांग्रेस को 2 सीटें जीतने के लिए 102 वोट चाहिए जो उसके पास पर्याप्त है. अब भाजपा के दूसरे प्रत्याशी को जीत हासिल करनी है तो कम से कम 27 अतिरिक्त विधायकों का समर्थन भाजपा को चाहिए होगा.