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जयपुर में साल 2004 से बढ़ते गए वार्ड, अब 15 से 16 हजार की आबादी पर होगा एक पार्षद

2004 से अब तक जयपुर नगर निगम के वार्ड 3 गुना से भी ज्यादा बढ़ गए हैं. जहां 2004 में जयपुर में 70 हुआ करते थे. वहीं अब इनकी संख्या 250 हो जाएगी. हालांकि, अब जयपुर में निगम भी 2 होंगे. इस नई व्यवस्था के तहत पार्षद जनता के और करीब आ जाएंगे. 2004 से बढ़ते चले गए शहर में वार्ड, अब 15 से 16 हजार आबादी का होगा वार्ड

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Published : Oct 19, 2019, 11:26 PM IST

Updated : Oct 20, 2019, 12:44 PM IST

जयपुर न्यूज, Jaipur News

जयपुर. राजधानी में दो नगर निगम और दो मेयर के फैसले के साथ 250 वार्ड बनाए जाएंगे. शहर की आबादी करीब 40 लाख है. परिसीमन के बाद 250 पार्षद होंगे. ऐसे में 16 हजार की आबादी पर एक पार्षद होगा. शहर में इस नई व्यवस्था से पार्षद जनता के और करीब आएंगे. 2014 में जो परिसीमन हुआ था उसमें 25 हजार से लेकर 50 हजार तक की आबादी पर एक पार्षद था.

जयपुर में साल 2004 के बाद बढ़ते गए वार्ड

हाल ही में हुए परिसीमन में ये घटकर 17 हजार से 26 हजार हो गया था. वहीं अब ये संख्या और कम होगी. इस संबंध में प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि राजधानी में आबादी का विस्तार होता जा रहा है. ऐसे में एक पार्षद अपने पूरे वार्ड क्षेत्र में नहीं पहुंच पाता. छोटे वार्ड होंगे तो पार्षद मॉनिटरिंग भी कर सकेगा.

पढ़ें. निकायों में 'हाइब्रिड फॉर्मूले' को गहलोत ने बताया लोकतंत्र की ताकत

यही वजह है कि 2011 की जनसंख्या को आधार मानकर पहले 150 वार्ड किए गए थे. लेकिन लोगों की अपेक्षाएं ज्यादा है. ऐसे में दो नगर निगम के साथ 250 वार्ड बनाए जाएंगे. जयपुर हेरिटेज निगम में 150 वार्ड होंगे वही ग्रेटर जयपुर नगर निगम में 100 वार्ड बनाए जाएंगे.

आपको बता दें कि साल दर साल राजधानी में वार्डों की संख्या बढ़ती चली गई. 2004 में राजधानी में 70 वार्ड होते थे. जो 2009 में बढ़कर 77 हो गए. इसके बाद 2014 में वार्डों की संख्या 91 कर दी गई. इस बार के परिसीमन में पहले 150 वार्ड किए गए. और अब बढ़ाकर 250 वार्ड किये जा रहे हैं. ऐसे में माना जा सकता है कि अब पार्षद और आम जनता एक दूसरे के और करीब आएंगे.

जयपुर. राजधानी में दो नगर निगम और दो मेयर के फैसले के साथ 250 वार्ड बनाए जाएंगे. शहर की आबादी करीब 40 लाख है. परिसीमन के बाद 250 पार्षद होंगे. ऐसे में 16 हजार की आबादी पर एक पार्षद होगा. शहर में इस नई व्यवस्था से पार्षद जनता के और करीब आएंगे. 2014 में जो परिसीमन हुआ था उसमें 25 हजार से लेकर 50 हजार तक की आबादी पर एक पार्षद था.

जयपुर में साल 2004 के बाद बढ़ते गए वार्ड

हाल ही में हुए परिसीमन में ये घटकर 17 हजार से 26 हजार हो गया था. वहीं अब ये संख्या और कम होगी. इस संबंध में प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि राजधानी में आबादी का विस्तार होता जा रहा है. ऐसे में एक पार्षद अपने पूरे वार्ड क्षेत्र में नहीं पहुंच पाता. छोटे वार्ड होंगे तो पार्षद मॉनिटरिंग भी कर सकेगा.

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यही वजह है कि 2011 की जनसंख्या को आधार मानकर पहले 150 वार्ड किए गए थे. लेकिन लोगों की अपेक्षाएं ज्यादा है. ऐसे में दो नगर निगम के साथ 250 वार्ड बनाए जाएंगे. जयपुर हेरिटेज निगम में 150 वार्ड होंगे वही ग्रेटर जयपुर नगर निगम में 100 वार्ड बनाए जाएंगे.

आपको बता दें कि साल दर साल राजधानी में वार्डों की संख्या बढ़ती चली गई. 2004 में राजधानी में 70 वार्ड होते थे. जो 2009 में बढ़कर 77 हो गए. इसके बाद 2014 में वार्डों की संख्या 91 कर दी गई. इस बार के परिसीमन में पहले 150 वार्ड किए गए. और अब बढ़ाकर 250 वार्ड किये जा रहे हैं. ऐसे में माना जा सकता है कि अब पार्षद और आम जनता एक दूसरे के और करीब आएंगे.

Intro:जयपुर - 2004 से अब तक जयपुर नगर निगम के वार्ड 3 गुना से भी ज्यादा बढ़ गए हैं। जहां 2004 में जयपुर में 70 हुआ करते थे। वहीं अब इनकी संख्या 250 हो जाएगी। हालांकि अब जयपुर में निगम भी 2 होंगे। इस नई व्यवस्था के तहत पार्षद जनता के और करीब आ जाएंगे।


Body:जयपुर में दो नगर निगम और दो मेयर के फैसले के साथ 250 वार्ड बनाए जाएंगे। शहर की आबादी करीब 40 लाख है। परिसीमन के बाद 250 पार्षद होंगे। ऐसे में 16 हज़ार की आबादी पर एक पार्षद होगा। शहर में इस नई व्यवस्था से पार्षद जनता के और करीब आएंगे। 2014 में जो परिसीमन हुआ था उसमें 25 हज़ार से लेकर 50 हज़ार तक की आबादी पर एक पार्षद था। हाल ही में हुए परिसीमन में ये घटकर 17 हज़ार से 26 हज़ार हो गया था। वहीं अब ये संख्या और कम होगी। इस संबंध में प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि राजधानी में आबादी का विस्तार होता जा रहा है। ऐसे में एक पार्षद अपने पूरे वार्ड क्षेत्र में नहीं पहुंच पाता। छोटे वार्ड होंगे तो पार्षद मॉनिटरिंग भी कर सकेगा। यही वजह है कि 2011 की जनसंख्या को आधार मानकर पहले 150 वार्ड किए गए थे। लेकिन लोगों की अपेक्षाएं ज्यादा है। ऐसे में दो नगर निगम के साथ 250 वार्ड बनाए जाएंगे। जयपुर हेरिटेज निगम में 150 वार्ड होंगे वही ग्रेटर जयपुर नगर निगम में 100 वार्ड बनाए जाएंगे।
बाईट - शांति धारीवाल, यूडीएच मंत्री


Conclusion:आपको बता दें कि साल दर साल राजधानी में वार्डों की संख्या बढ़ती चली गई। 2004 में राजधानी में 70 वार्ड होते थे। जो 2009 में बढ़कर 77 हो गए। इसके बाद 2014 में वार्डों की संख्या 91 कर दी गई। इस बार के परिसीमन में पहले 150 वार्ड किए गए। और अब बढ़ाकर 250 वार्ड किये जा रहे हैं। ऐसे में माना जा सकता है कि अब पार्षद और आम जनता एक दूसरे के और करीब आएंगे।
Last Updated : Oct 20, 2019, 12:44 PM IST
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