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सालभर बाद भी नहीं सुधरी गजानंद शर्मा की मानसिक स्थिति, पाक का नाम सुनते ही भड़क जाते हैं - गजानंद शर्मा

एक साल पहले 13 अगस्त के ही दिन 36 साल बाद वतन वापसी करने वाले गजानंद शर्मा के जहन में आज भी पाकिस्तान में दी गई यातनाएं भरी हुई हैं. यही वजह है कि अब भी पाकिस्तान का नाम लेते ही गजानन भड़क जाते हैं. यूं तो गजानंद परिवार में अब घुलने-मिलने लगे हैं, लेकिन उनकी मानसिक स्थिति अब तक ठीक नहीं हो पाई है.

गजानंद शर्मा न्यूज , Gajanand Sharma News
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Published : Aug 13, 2019, 3:49 PM IST

जयपुर. एक साल पहले 13 अगस्त के ही दिन 36 साल बाद वतन वापसी करने वाले गजानंद शर्मा के जहन में आज भी पाकिस्तान में दी गई यातनाएं भरी हुई है. यही वजह है कि अब भी पाकिस्तान का नाम लेते ही गजानन भड़क जाते हैं. यूं तो गजानंद परिवार में अब घुलने-मिलने लगे हैं, लेकिन उनकी मानसिक स्थिति अब तक ठीक नहीं हो पाई है. वहीं सरकार की ओर से जो सहयोग राशि देने का वादा हुआ था वह भी अब तक पूरा नहीं हुआ है.

पाक का नाम सुनते ही भड़क जाते हैं गजानंद शर्मा

पढ़ें - आजादी 'काले पानी' से : राजस्थान ही नहीं पंजाब में भी नासूर बन चुका है 'काला जहर'...देखें ग्राउंड रिपोर्ट
बता दें कि गजानंद शर्मा वही नाम है जिसने अपनी जिंदगी के 36 साल पाकिस्तान की जेल में गुजार दिए. जिसकी13 अगस्त 2018 को भारत सरकार के प्रयासों से वतन वापसी हुई. आज गजानंद सुबह उठने से लेकर रात के सोने तक अपनी दिनचर्या के काम खुद ही करते हैं. जानकारी के अनुसार गजानंद शर्मा अब परिवार में घुलने-मिलने भी लग गए हैं, उन्हें सब याद भी रहता है. लेकिन अभी भी अगर कोई उनके सामने पाकिस्तान का जिक्र कर दे तो वो गुस्सा हो जाते हैं. साफ है कि उनकी यादों में आज भी पाकिस्तान की जेल में दी गई यातनाओं के दंश बाकी है.

पढ़ें - राजस्थान में है बेनजीर भुट्टो की पुश्तैनी हवेली...सैकड़ों वर्ष बाद भी बनी हुई है मजबूत
गजानंद के बेटे मुकेश शर्मा ने बताया कि 1 साल बाद भी उनके पिता की मानसिक स्थिति में सुधार नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि सुधार सिर्फ इतना सा कि अब उनका स्वास्थ्य ठीक रहता है. ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब गजानंद से बात करनी चाही तो उन्होंने कहा कि वो अब ठीक हैं. वहीं उनकी दाढ़ी बढ़ी होने के सवाल पर उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि आपकी दाढ़ी भी तो बढ़ी है, सावन का महीना जो चल रहा है.


गजानंद की पुत्रवधू और पोती ने बताया कि बच्चों के साथ वो बातचीत करते हैं और उनका व्यवहार भी अच्छा रहता है. हालांकि उन्होंने प्रशासन पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि तत्कालीन सरकार ने 1 लाख और अन्य पदाधिकारियों ने 1 लाख देकर मदद करने की घोषणा की थी लेकिन सरकार बदलने के बाद तत्कालीन सरकार की ओर से की गई घोषणा का कोई पता नहीं है.

पढ़ें - पाकिस्तान से थार एक्सप्रेस के जरिए भारत आए यात्रियों से 3 लाख 26 हजार की कस्टम ड्यूटी वसूली
बता दें कि गजानंद पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में 36 साल बंद रहे थे, वह पाकिस्तान कैसे पहुंचे ये भी अभी रहस्य बना हुआ है. लेकिन उनकी मानसिक स्थिति से ये साफ है कि उन्हें वहां काफी यातनाएं झेलनी पड़ी होंगी. यही वजह है कि आज वतन लौटे 1 साल बीत जाने के बाद भी वो सामान्य जीवन नहीं जी पा रहे हैं.

जयपुर. एक साल पहले 13 अगस्त के ही दिन 36 साल बाद वतन वापसी करने वाले गजानंद शर्मा के जहन में आज भी पाकिस्तान में दी गई यातनाएं भरी हुई है. यही वजह है कि अब भी पाकिस्तान का नाम लेते ही गजानन भड़क जाते हैं. यूं तो गजानंद परिवार में अब घुलने-मिलने लगे हैं, लेकिन उनकी मानसिक स्थिति अब तक ठीक नहीं हो पाई है. वहीं सरकार की ओर से जो सहयोग राशि देने का वादा हुआ था वह भी अब तक पूरा नहीं हुआ है.

पाक का नाम सुनते ही भड़क जाते हैं गजानंद शर्मा

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बता दें कि गजानंद शर्मा वही नाम है जिसने अपनी जिंदगी के 36 साल पाकिस्तान की जेल में गुजार दिए. जिसकी13 अगस्त 2018 को भारत सरकार के प्रयासों से वतन वापसी हुई. आज गजानंद सुबह उठने से लेकर रात के सोने तक अपनी दिनचर्या के काम खुद ही करते हैं. जानकारी के अनुसार गजानंद शर्मा अब परिवार में घुलने-मिलने भी लग गए हैं, उन्हें सब याद भी रहता है. लेकिन अभी भी अगर कोई उनके सामने पाकिस्तान का जिक्र कर दे तो वो गुस्सा हो जाते हैं. साफ है कि उनकी यादों में आज भी पाकिस्तान की जेल में दी गई यातनाओं के दंश बाकी है.

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गजानंद के बेटे मुकेश शर्मा ने बताया कि 1 साल बाद भी उनके पिता की मानसिक स्थिति में सुधार नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि सुधार सिर्फ इतना सा कि अब उनका स्वास्थ्य ठीक रहता है. ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब गजानंद से बात करनी चाही तो उन्होंने कहा कि वो अब ठीक हैं. वहीं उनकी दाढ़ी बढ़ी होने के सवाल पर उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि आपकी दाढ़ी भी तो बढ़ी है, सावन का महीना जो चल रहा है.


गजानंद की पुत्रवधू और पोती ने बताया कि बच्चों के साथ वो बातचीत करते हैं और उनका व्यवहार भी अच्छा रहता है. हालांकि उन्होंने प्रशासन पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि तत्कालीन सरकार ने 1 लाख और अन्य पदाधिकारियों ने 1 लाख देकर मदद करने की घोषणा की थी लेकिन सरकार बदलने के बाद तत्कालीन सरकार की ओर से की गई घोषणा का कोई पता नहीं है.

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बता दें कि गजानंद पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में 36 साल बंद रहे थे, वह पाकिस्तान कैसे पहुंचे ये भी अभी रहस्य बना हुआ है. लेकिन उनकी मानसिक स्थिति से ये साफ है कि उन्हें वहां काफी यातनाएं झेलनी पड़ी होंगी. यही वजह है कि आज वतन लौटे 1 साल बीत जाने के बाद भी वो सामान्य जीवन नहीं जी पा रहे हैं.

Intro:जयपुर - एक साल पहले आज ही के दिन 36 साल बाद वतन वापसी करने वाले गजानंद शर्मा के जहन में आज भी पाकिस्तान में दी गई यातनाएं घर की हुई है। यही वजह है कि अब भी पाकिस्तान का नाम लेते ही गजानन भड़क जाते हैं। यूं तो गजानंद परिवार में अब घुलने मिलने लगे हैं। लेकिन उनकी मानसिक स्थिति अब तक ठीक नहीं हो पाई है। वहीं जो सहयोग राशि गजानंद को देने का वादा सरकार ने किया था, वो भी अब तक पूरा नहीं हुआ है।


Body:गजानंद शर्मा, ये वही नाम है जिसने अपनी जिंदगी के 36 साल पाकिस्तान की जेल में गुजार दिए। जिसकी पिछले साल 13 अगस्त को भारत सरकार के प्रयासों से वतन वापसी हुई। आज गजानंद सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक अपनी दिनचर्या के काम खुद करते हैं। परिवार में घुलने-मिलने भी लग गए हैं। उन्हें ये भी पता है कि अभी सावन का महीना चल रहा है। खाने में उन्होंने क्या खाया, ये भी याद रह जाता है। लेकिन इस बीच यदि कोई उनके सामने पाकिस्तान का जिक्र कर दे तो अचानक वो भड़क जाते हैं। फिर वो ये नहीं देखते कि सामने कौन है, और उसे फटकारने लगते हैं। साफ है कि उनकी यादों में आज भी पाकिस्तान की जेल में दी गई यातनाओं के दंश बाकी है। गजानंद के बेटे ने बताया कि 1 साल बाद भी उनके पिता की मानसिक स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। सुधार सिर्फ इतना सा कि अब उनका स्वास्थ्य ठीक रहता है।
बाईट - मुकेश शर्मा, पुत्र गजानंद शर्मा

वहीं ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब गजानंद से बात करनी चाही तो उन्होंने कहा कि वो अब ठीक हैं। भोजन करते हैं। वहीं उनकी दाढ़ी बढ़ी होने के सवाल पर उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि आपकी दाढ़ी भी तो बढ़ी है। सावन का महीना जो चल रहा है।
बाईट - गजानंद शर्मा, पाकिस्तान से लौटा भारतीय

वहीं गजानंद की पुत्रवधू और पोती ने बताया कि बच्चों के साथ वो बातचीत करते हैं, और उनका व्यवहार भी अच्छा रहता है। हालांकि उन्होंने प्रशासन पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि तत्कालीन सरकार ने 1 लाख और अन्य पदाधिकारियों ने 1 लाख देकर मदद करने की घोषणा की थी। लेकिन सरकार बदलने के बाद ये घोषणा हवा हो गई।
बाईट - सुनीता शर्मा, पुत्रवधु, गजानंद शर्मा
बाईट - जान्हवी शर्मा, पोती, गजानंद शर्मा


Conclusion:आपको बता दें की गजानंद पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में 36 साल बंद रहे थे। वो पाकिस्तान कैसे पहुंचे ये भी अभी रहस्य ही बना है। लेकिन उनकी मानसिक स्थिति से ये साफ है कि उन्हें वहां काफी यातनाएं झेलनी पड़ी होंगी। यही वजह है कि आज वतन लौटे 1 साल बीत जाने के बाद भी वो सामान्य जीवन नहीं जी पा रहे हैं।
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