जयपुर. राजस्थान में कॉलेज और विश्वविद्यालय की परीक्षाओं को लेकर आज मंगलवार को भी कोई फैसला नहीं हो पाया है. आज दोपहर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में इस संबंध में बैठक हुई, लेकिन फिलहाल इस मामले को लेकर कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. ऐसे में लंबे समय से परीक्षा पर फैसला आने का इंतजार कर रहे उच्च शिक्षा के करीब 20 लाख परीक्षार्थियों का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है.
दरसअल, कोरोना संकट के दौर में कॉलेज और विश्वविद्यालयों की परीक्षा होगी या नहीं, इस पर निर्णय लेने के लिए 25 मई को एक कमेटी का गठन किया गया था. इस कमेटी ने 10 जून को अपनी रिपोर्ट उच्च शिक्षा मंत्री को सौंपी थी. इसके बाद कमेटी की ओर से दिए गए प्रस्तावों पर विचार-विमर्श कर मुख्यमंत्री के स्तर पर यह फैसला लिया जाना है कि उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों की परीक्षा होगी या नहीं. परीक्षा होती है तो किस प्रारूप में होगी और नहीं होती तो विद्यार्थियों को प्रमोट करने का क्या फार्मूला होगा, इस पर फैसला लेने के लिए पिछले दो दिन में दो बार बैठक हो चुकी है.
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आज मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में इस मुद्दे पर अंतिम फैसला लिया जाना था, लेकिन बैठक में इस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया. अब आगामी दिनों में होने वाली बैठक में इस मुद्दे पर फैसला लेने की बात कही जा रही है. उच्च शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि स्नातक के प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट करने और अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षा करवाए जाने की चर्चा चल रही है. इधर, विद्यार्थियों की मांग है कि या तो पहले सभी विद्यार्थियों और स्टाफ को वैक्सीनेट कर परीक्षा ली जाए या फिर विद्यार्थियों को प्रमोट किया जाए.
अप्रैल-मई में विश्वविद्यालय और कॉलेज की परीक्षाएं होनी थीं और जुलाई से नया सत्र शुरू होना था, लेकिन अभी तक परीक्षा करवाने या विद्यार्थियों को प्रमोट करने को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं होने से आगामी सत्र को लेकर भी संशय बरकरार है.