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प्रश्नकाल में नई व्यवस्था से नाराज विपक्ष पर बोले सीपी जोशी- नियम वही हैं, बस इस बार सख्ती है

पूर्व विधायकों के सम्मेलन में जोशी ने कटारिया के सामने कहा प्रश्नकाल में की नई व्यवस्था सही है. सदन में ब्यूरोक्रेट्स और सरकार की अकाउंटेबिलिटी बने इसलिए नई व्यवस्था कि गई है. उन्होंने प्रतिपक्ष की नाराजगी समझ से परे है.

बोले सीपी जोशी- बदली व्यवस्था से हुआ सुधार
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Published : Jul 21, 2019, 7:31 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा के प्रश्न काल में स्पीकर सीपी जोशी की नई व्यवस्था के चलते लगातार भाजपा विधायक और जोशी के बीच गतिरोध बना हुआ है. सदन के भीतर भरे ही इस गतिरोध को खत्म करने के प्रयास न किए गए हो लेकिन बाहर स्पीकर सीपी जोशी ने इस विवाद को सुलझाने का काम जरूर किया है. रविवार को हुए पूर्व विधायकों के सम्मेलन में जोशी ने कटारिया की मौजूदगी में एक बार फिर सदन में स्पीकर की नई व्यवस्था को तर्कों के साथ सही ठहराया.

बोले सीपी जोशी- बदली व्यवस्था से हुआ सुधार

कार्यक्रम में शामिल स्पीकर जोशी ने कहा की विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने से पहले सर्वदलीय बैठक के दौरान सभी दलों की सहमति से यह व्यवस्था की गई थी. जोशी ने कहा नियम के अनुसार प्रश्नकाल में एक प्रश्न में 5 मिनट से ज्यादा नहीं लगना चाहिए और पूरे प्रश्नकाल में 10 से 12 सवालों के जवाब आ जाना चाहिए लेकिन पहले की व्यवस्था में महज चार ही सवालों के जवाब आते थे और उसमें भी 12 से 16 अन्य विधायक पूरक प्रश्न करते थे जिससे अन्य विधायकों के मूल प्रश्न के जवाब नहीं आ पाते थे.

जोशी के अनुसार नई व्यवस्था से प्रश्नकाल में 4 से अधिक प्रश्नों के जवाब आते हैं बावजूद इसके भाजपा विधायकों की नाराजगी समझ के परे है. जोशी के अनुसार सदन में अधिक प्रश्न लगेंगे तो उसका जवाब सरकार को ही देना है जिससे सीधे तौर पर फायदा विपक्ष के विधायकों को ही होगा और सदन में सरकार और ब्यूरोक्रेट्स की अकाउंटेबिलिटी भी तय होगी.

प्रतिपक्ष है जागरूक, समझेगा नई व्यवस्था के फायदे को

स्पीकर सीपी जोशी के अनुसार विपक्षी दल जागरूक है और उम्मीद है कि वह इस नई व्यवस्था के फायदे हो समझेंगे. जोशी के अनुसार ना केवल प्रश्नकाल बल्कि विधानसभा के सत्र में बहुत सी व्यवस्था बदली गई है लेकिन नियम वहीं है जो पूर्व से तेज है बस उन्हें इस बार सख्ती से लागू किया गया है.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा के प्रश्न काल में स्पीकर सीपी जोशी की नई व्यवस्था के चलते लगातार भाजपा विधायक और जोशी के बीच गतिरोध बना हुआ है. सदन के भीतर भरे ही इस गतिरोध को खत्म करने के प्रयास न किए गए हो लेकिन बाहर स्पीकर सीपी जोशी ने इस विवाद को सुलझाने का काम जरूर किया है. रविवार को हुए पूर्व विधायकों के सम्मेलन में जोशी ने कटारिया की मौजूदगी में एक बार फिर सदन में स्पीकर की नई व्यवस्था को तर्कों के साथ सही ठहराया.

बोले सीपी जोशी- बदली व्यवस्था से हुआ सुधार

कार्यक्रम में शामिल स्पीकर जोशी ने कहा की विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने से पहले सर्वदलीय बैठक के दौरान सभी दलों की सहमति से यह व्यवस्था की गई थी. जोशी ने कहा नियम के अनुसार प्रश्नकाल में एक प्रश्न में 5 मिनट से ज्यादा नहीं लगना चाहिए और पूरे प्रश्नकाल में 10 से 12 सवालों के जवाब आ जाना चाहिए लेकिन पहले की व्यवस्था में महज चार ही सवालों के जवाब आते थे और उसमें भी 12 से 16 अन्य विधायक पूरक प्रश्न करते थे जिससे अन्य विधायकों के मूल प्रश्न के जवाब नहीं आ पाते थे.

जोशी के अनुसार नई व्यवस्था से प्रश्नकाल में 4 से अधिक प्रश्नों के जवाब आते हैं बावजूद इसके भाजपा विधायकों की नाराजगी समझ के परे है. जोशी के अनुसार सदन में अधिक प्रश्न लगेंगे तो उसका जवाब सरकार को ही देना है जिससे सीधे तौर पर फायदा विपक्ष के विधायकों को ही होगा और सदन में सरकार और ब्यूरोक्रेट्स की अकाउंटेबिलिटी भी तय होगी.

प्रतिपक्ष है जागरूक, समझेगा नई व्यवस्था के फायदे को

स्पीकर सीपी जोशी के अनुसार विपक्षी दल जागरूक है और उम्मीद है कि वह इस नई व्यवस्था के फायदे हो समझेंगे. जोशी के अनुसार ना केवल प्रश्नकाल बल्कि विधानसभा के सत्र में बहुत सी व्यवस्था बदली गई है लेकिन नियम वहीं है जो पूर्व से तेज है बस उन्हें इस बार सख्ती से लागू किया गया है.

Intro:सदन में ब्यूरोक्रेट्स और सरकार की अकाउंटेबिलिटी बने इसलिए कि नई व्यवस्था- सीपी जोशी
पूर्व विधायकों के सम्मेलन में जोशी ने कटारिया के सामने कहा प्रश्नकाल में की नई व्यवस्था सही है

जयपुर (इंट्रो)
राजस्थान विधानसभा के प्रश्न काल में स्पीकर सीपी जोशी की नई व्यवस्था के चलते लगातार भाजपा विधायक और जोशी के बीच गतिरोध बना हुआ है सदन के भीतर भरे ही इस गतिरोध को खत्म करने के प्रयास न किए गए हो लेकिन बाहर स्पीकर सीपी जोशी ने इस विवाद को सुलझाने का काम जरूर किया है। रविवार को हुए पूर्व विधायकों के सम्मेलन में जोशी ने कटारिया की मौजूदगी में एक बार फिर सदन में स्पीकर की नई व्यवस्था को तर्कों के साथ सही ठहराया।


Body:सत्र शुरू होने से पहले ही सबकी सहमति से तय की थी नई व्यवस्था -जोशी

कार्यक्रम में शामिल स्पीकर सीपी जोशी ने कहा की विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने से पहले सर्वदलीय बैठक के दौरान सभी दलों की सहमति से यह व्यवस्था की गई थी। जोशी ने कहा नियम के अनुसार प्रश्नकाल में एक प्रश्न में 5 मिनट से ज्यादा नहीं लगना चाहिए और पूरे प्रश्नकाल में 10 से 12 सवालों के जवाब आ जाना चाहिए लेकिन पहले की व्यवस्था में महज चार ही सवालों के जवाब आप आते थे और उसमें भी 12 से 16 अन्य विधायक पूरक प्रश्न करते थे जिससे अन्य विधायकों के मूल प्रश्न के जवाब नहीं आ पाते थे। जोशी के अनुसार नई व्यवस्था से प्रश्नकाल में 4 से अधिक प्रश्नों के जवाब आते हैं बावजूद इसके भाजपा विधायकों की नाराजगी समझ के परे है। जोशी के अनुसार सदन में अधिक प्रश्न लगेंगे तो उसका जवाब सरकार को ही देना है जिससे सीधे तौर पर फायदा विपक्ष के विधायकों को ही होगा और सदन में सरकार और ब्यूरोक्रेट्स की अकाउंटेबिलिटी भी तय होगी।

प्रतिपक्ष है जागरूक समझेगा नई व्यवस्था के फायदे को-जोशी

स्पीकर सीपी जोशी के अनुसार विपक्षी दल जागरूक है और उम्मीद है कि वह इस नई व्यवस्था के फायदे हो समझेंगे। जोशी के अनुसार ना केवल प्रश्नकाल बल्कि विधानसभा के सत्र में बहुत सी व्यवस्था है बदली गई है लेकिन नियम वही है जो पूर्व से तेज है बस उन्हें इस बार सख्ती से लागू किया गया है।

बाईट- डॉ सीपी जोशी, विधानसभा अध्यक्ष

(Edited vo pkg-joshi and kataria)


Conclusion:बाईट- डॉ सीपी जोशी, विधानसभा अध्यक्ष

(Edited vo pkg-joshi and kataria)
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