जयपुर. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा (Hanuman Beniwal in Lok Sabha) में बुधवार को बाड़मेर, जैसलमेर और बीकानेर जिले के सीमांत किसानों की एक बड़ी समस्या की तरफ केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करवाया.
सांसद ने लोकसभा में कहा कि पाकिस्तान से लगती सीमा पर राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर और बीकानेर जिले के हजारों किसानों की लाखों बीघा जमीन वर्ष 1992 -1993 में तारबंदी के लिए अवाप्त की गई थी. इस दौरान जीरो प्वाइंट से लेकर तारबंदी के बीच कई किसानों की जमीन आ गई थी. इसके बावजूद कई किसानों को तो मुआवजा ही नही मिला. जबकि कुछ किसानों को 1.5 मीटर जमीन का ही मुआवजा दिया गया.
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ऐसे में विगत 28 साल से ऐसे कई किसान हैं, जिन्हें न तो जमीन अवाप्त होने पर समुचित मुआवजा मिल पाया और न ही वे अपनी जमीन पर खेती कर पा रहे हैं. जबकि राजस्व रिकॉर्ड में यह जमीन किसानों की खातेदारी है.
गृह मंत्रालय से कमेटी बनाकर मामले का निस्तारण करने की रखी मांग
सदन में हनुमान बेनीवाल ने कहा कि किसान अपना हक लेने के लिए राज्य सरकार, केंद्र सरकार, बीएसएफ और कोर्ट तक गए, लेकिन आज तक समस्या का समाधान नहीं हुआ. सांसद ने जीरो प्वाइंट और फेंसिंग के बीच आ रही किसानों की जमीन के एवज में मुआवजा देने और खेती करने की अनुमति देने के लिए गृह मंत्री से उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर मामले का जल्द से जल्द निस्तारण करने की मांग की है. उन्होंने बाड़मेर जिले के 10 हजार किसानों से अवाप्त 11468 बीघा जमीन का भी जिक्र सदन में किया.