जयपुर. राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 69-ए के प्रावधान जयपुर विकास प्राधिकरण अधिनियम की धारा 54ई, जोधपुर और अजमेर विकास प्राधिकरण अधिनियम की धारा 50बी, नगर सुधार अधिनियम की धारा 60(सी) जोड़े गए हैं. वहीं, राजस्थान नगर पालिका (अकृषि भूमि का अभ्यर्पण या फ्री होल्ड पट्टा) नियम, 2015 (2021 में संशोधित) में दरों का निर्धारण भी किया गया है.
हालांकि, प्राधिकरण और न्यास क्षेत्र में इस संबंध में नियम बनाये जाना प्रस्तावित है. ऐसे में राज्य सरकार ने राजस्थान नगर पालिका के नियम प्राधिकरण और न्यास क्षेत्र में लागू करने के निर्देश जारी किए गए हैं.
नियम, 2015 के नियम 2 (1) (क) : "अधिनियम से तात्पर्य जयपुर के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण अधिनियम 1982, जोधपुर के लिए जोधपुर विकास प्राधिकरण अधिनियम 2009, अजमेर के लिए अजमेर विकास प्राधिकरण अधिनियम 2013 और नगर विकास न्यासों के लिए नगर सुधार अधिनियम 1959 से है.
नियम, 2015 के नियम 2 (1) (ख) प्राधिकृत अधिकारी : राजस्थान नगरीय क्षेत्र (कृषि भूमि का गैर कृषि प्रयोजन के लिए उपयोग की अनुज्ञा और आवंटन) नियम, 2012 के नियम 2 के खण्ड (ii) के अंतर्गत अनुज्ञा प्रदान करने के लिये प्राधिकृत अधिकारी ही नियम, 2015 में प्राधिकृत अधिकारी होंगे.
नियम, 2015 के नियम 6(4) : प्राधिकृत अधिकारी की ओर से अनुज्ञा जारी करने से पहले प्राधिकरण में आयुक्त और न्यास में सचिव से अनुमोदन प्राप्त करेगा.
नियम, 2015 के नियम 7, 9 और 11 : प्राधिकृत अधिकारी की ओर से अनुज्ञा पारित करने के बाद आगे फ्री होल्ड पट्टा देने की सभी कार्रवाई कृषि भूमि के पट्टे देने के समान ही स्थानीय प्राधिकारी द्वारा सम्पादित की जाएगी.
हालांकि, ये आदेश तब तक ही लागू रहेंगे, जब तक प्राधिकरण और न्यास के क्षेत्र में अकृषि भूमि के हस्तांतरण और फ्री होल्ड पट्टे को लेकर कोई नियम लागू नहीं किए जाते हैं.
धारीवाल ने 26 पट्टे वितरित किए...
2 अक्टूबर से शुरू हुए प्रशासन शहरों के संग अभियान की धीमी गति यूडीएच मंत्री को रास नहीं आ रही. ऐसे में पट्टे वितरण की गति को बढ़ाने के लिए मंत्री शांति धारीवाल सोमवार को खुद मैदान में उतरे. जयपुर से शाहपुरा के बीच प्रशासन शहरों के संग अभियान और प्रशासन गांव के संग अभियान के शिविरों का निरीक्षण करते हुए धारीवाल ने 26 पट्टे वितरित किए.
आपको बता दें कि प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान सोमवार को प्रदेश में 21 हजारर 24 पट्टे दिए गए, जिसमें से नगरीय निकायों में 14 हजार 735 पट्टे, विकास प्राधिकरणों, नगरीय विकास न्यासों में 6 हजार 289 पट्टे दिए गए.
वहीं, नगरीय निकायों में ले-आउट प्लान अनुमोदन के 1431 प्रकरणों का निस्तारण, लीज सम्बन्धित 536 प्रकरण, भवन निर्माण सम्बन्धित 2134 प्रकरण, सीवर कनेक्शन सम्बन्धित 11809 प्रकरण, सड़क मरम्मत 143 प्रकरण, नाला-नाली मरम्मत 147 प्रकरण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के 3252 प्रकरण, उर्जा विभाग के 71 प्रकरण, महिला बाल विकास के 1012 प्रकरण, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के 771 प्रकरणों का मौके पर निस्तारण किया गया.