जयपुर. कोरोना के संकट के बीच राजस्थान में सियासी आरोप-प्रत्यारोप भी चरम पर है. खास तौर पर विपक्ष में बैठी भाजपा लगातार प्रदेश सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा करने में जुटी है. अब जयपुर शहर से भाजपा सांसद रामचरण बोहरा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर 10 सवालों के जवाब मांगा है.
मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में बोहरा बिजली उपभोक्ताओं को औसत के आधार पर भारी-भरकम बिजली के बिल भेजने से लेकर तबलीगी जमात से आए सभी व्यक्तियों और उनके संपर्क में आए व्यक्तियों को चिन्हित करने,जयपुर शहर में सैनिटाइजेशन का कार्य कराए जाने की मौजूदा स्थिति और कोरोना संदिग्धों के लिए घनी आबादी वाले इलाकों में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए जाने और राशन वितरण सहित 10 सवालों के जवाब मांगे.
बोहरा ने अपने पत्र में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा द्वारा जयपुर आए केंद्रीय जांच दल के द्वारा प्रदेश में कोरोना बचाव के इंतजामों पर संतुष्टि जताई जाने संबंधी बयान पर भी कहा कि पिछले तीन दिन से यह जांच दल जयपुर में है और अभी तक उन्होंने अपनी रिपोर्ट सौंपी भी नहीं, तो फिर चिकित्सा मंत्री ने किस आधार पर इनके हवाले से अपने कामकाज पर संतुष्टि जताने संबंधी बयान दे डाला.
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बोहरा ने अपने पत्र के जरिए यह भी पूछा है, कि क्या परकोटे और रामगंज के साथ ही पूरे जयपुर शहर की सभी कॉलोनियों में सैनिटाइजेशन का काम सरकार ने पूरा करवा दिया है या कुछ इलाके बाकी है. बोहरा ने मुख्यमंत्री से यह भी सवाल किया है, कि रामगंज और घाटगेट इलाके में कर्फ्यू लगाया गया है बावजूद उसके इस इलाके के लोग अन्य इलाकों में पकड़े गए हैं तो फिर यहां सख्ती क्यों नहीं बरती जा रही है. सांसद रामचरण बोहरा ने यह भी पूछा की किस आधार पर खाद्यान्न वितरण का काम सिविल डिफेंस लेकर नगर निगम प्रशासन को सौंपा गया है. वहीं, इस पत्र के जरिए बोहरा ने यह भी सवाल उठाया है कि जब विपक्ष सरकार पर राशन वितरण में भेदभाव का आरोप लगा रही है तो आखिर क्यों नहीं सरकार जिन व्यक्तियों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया है उनकी सूची सार्वजनिक करती है.