जयपुर. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज में कार्यरत इंजीनियर्स को बीते 7 साल से पदोन्नति नहीं दी जा रही है. जिसके चलते ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के इंजीनियरों ने अपने पदों से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है.
दरअसल इन इंजीनियर्स का कहना है कि साल 2012-13 के बाद इस विभाग में इंजीनियर की पदोन्नति नहीं की जा रही है. इसके पीछे कारण बताया जाता है कि इस विभाग में काम कर रहे अधिकांश इंजीनियर प्रतिनियुक्ति के पद पर हैं. इस मामले में लगातार कोशिश करने के बाद कार्मिक विभाग ने पदोन्नति पर तो हां कर दी लेकिन लेकिन इसके लिए वित्त विभाग की सहमति लेनी जरूरी बताई है. ऐसे में अब इन तमाम इंजीनियरों की पदोन्नति की फाइलें वित्त विभाग के पास पेंडिंग पड़ी हैं.
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इसे लेकर अब ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज इंजीनियर एसोसिएशन राजस्थान ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश कुमार शर्मा ने कहा कि कई इंजीनियर तो अब सेवानिवृत्ति होने वाले हैं. लेकिन उनकी अभी तक पदोन्नति नहीं हुई है. जबकि पंचायती राज विभाग ही ऐसा है जहां पर कई जेईएन, एईएन पातेय वेतन पर काम कर रहे हैं. लेकिन उनकी पदोन्नति नहीं हो रही है.
शर्मा ने कहा कि इसके विपरीत पीडब्ल्यूडी विभाग और कृषि विभाग में लगातार पदोन्नति हो रही है. इन इंजीनियरों का कहना है कि उन्होंने उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से मुलाकात भी की और उन्होंने आश्वासन भी दिया है. लेकिन अब समय लगातार निकलता जा रहा है. ऐसे में रविवार को एसोसिएशन ने अपने तमाम जिला अध्यक्षों की बैठक बुलाई है. जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया जाएगा और जिसके बाद अपने पदों से इस्तीफा दे सकते हैं. दरअसल ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग में एक अतिरिक्त मुख्य अभियंता, चार अधीक्षण अभियंता, 21 एक्स ई एन, 114 एईएन और 224 जे ई एन हैं.