जयपुर. हाईकोर्ट ने बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय के मामले पर फैसला सुनाते हुए बीजेपी विधायक मदन दिलावर की याचिका को निस्तारित कर विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष जाने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट के आदेश के बाद बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक जोगेंद्र आवना ने ETV BHARAT से खास बात की.
विधायक जोगेंद्र अवाना ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश ना बीएसपी के और ना ही मदन दिलावर के खिलाफ है. ये उन लोगों के खिलाफ है, जो सरकार को अस्थिर करना चाह रहे थे. विधायक ने कहा कि वे हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला 'सच्चाई' की जीत को दर्शाता है. बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों ने पूरे नियमों की पालना के साथ कार्य किया था. यह हाईकोर्ट का फैसला किसी बीएसपी के खिलाफ या बीजेपी विधायक मदन दिलावर के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह फैसला उन लोगों के खिलाफ है जो जनता की चुनी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे थे.
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विधायक अवाना के अनुसार ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि कोई विधायक एक राजनीतिक पार्टी से दूसरी पार्टी में शामिल हुआ है. संविधान में नियम है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी पार्टी में शामिल हो सकता है या अन्य पार्टी बना सकता है. उन्होंने आगे जोड़ते हुए कहा कि सरकार बनने के 10 महीने बाद बीएसपी ने विधायकों की कांग्रेस में शामिल होने पर आपत्ति जताई जो दर्शाता है कि किस तरीके से राजनीतिक द्वेष के चलते यह कदम उठाए गए थे. उस घटनाक्रम के बीच कुछ लोग जो सरकार को अस्थिर करना चाह रहे थे, वे पूरी तरीके से नाकाम हो गए .
अवाना ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनके अभिभावक है. पिछले दिनों सियासी संकट के वक्त जिस तरीके से उन्होंने 1 महीने से अधिक अपने विधायकों का गार्जन की तरह ख्याल रखा. उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि गहलोत जो भी निर्णय लेंगे, जो भी फैसला करेंगे वह सर्वमान्य होगा. कैबिनेट विस्तार में पद मिलने को लेकर अवाना ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जो जिम्मेदारी देंगे उसका वो स्वागत करते हुए सहज स्वीकार करेंगे.