जयपुर. नाबालिग किशोरी को वेश्यावृत्ति के दलदल में धकेले जाने के मामले में भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा मंगलवार दोपहर अचानक पीड़ित किशोरी की मां के साथ (Kirodi Lal Meena Warning to Gehlot Government) महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश के घर पहुंचे. मीणा ने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने के साथ ही प्रताप नगर थाना के दोषी पुलिसकर्मियों पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की. सांसद मीणा ने 15 मई तक मांग पूरी नहीं होने पर मंत्री के निवास पर धरने पर बैठने की चेतावनी दी.
दरअसल, नाबालिग किशोरी को वेश्यावृत्ति के दलदल में धकेले जाने का मामला पिछले दिनों उजागर हुआ था. इस मामले में रामनगरिया थाना एसएचओ और प्रताप नगर थाना कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया था. अब पीड़ित किशोरी की मां ने सांसद किरोड़ी लाल मीणा से मुलाकात कर न्याय दिलाने की मांग की. जिस पर मीणा पीड़िता को अपने साथ लेकर मंत्री के घर जा पहुंचे. यहां उन्होंने मंत्री ममता भूपेश को मुख्यमंत्री के नाम अपना पत्र भी दिया और पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास दिलाने और वेश्यावृत्ति के दलदल में धकेली गई नाबालिग लड़की को परिजनों को सौंपने की मांग रखी.
मीणा का कहना था कि इस पूरे प्रकरण में सबसे बड़े गुनहगार प्रताप नगर थाना पुलिस में तैनात पुलिसकर्मी ही हैं, जिन्होंने वेश्यावृत्ति के मामले में पकड़ी गई बालिका को वापस (Kirodi Lal Meena Warning to Gehlot Government) इस प्रकार का धंधा करने वाले लोगों को सौंप दिया. मीणा ने कहा कि केवल एसएचओ के निलंबन से काम नहीं चलेगा, बल्कि ऐसे दोषी पुलिसकर्मियों को भी सलाखों के पीछे भेजना चाहिए.
ममता भूपेश ने कहा- 8 लोग गिरफ्तार, सीएम के समक्ष रखेंगी बात : महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने किरोड़ी लाल मीणा को आश्वासन दिया कि इस मामले में दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. मंत्री ने कहा कि मीणा के माध्यम से यह मामला उनके संज्ञान में आया है और प्रदेश सरकार हमेशा पीड़ितों के साथ है. इस प्रकरण में करीब 8 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और जांच में यदि और कुछ तथ्य सामने आएंगे तो अन्य दोषियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं, नाबालिग किशोरी को परिजनों को सौंपने के मामले में मंत्री ने कहा कि नियम अनुसार जो संभव होगा उसी के अनुरूप विभाग तय करेगा.
ये है पूरा मामला : पिछले दिनों प्रताप नगर में एक होटल में दबिश के दौरान वेश्यावृत्ति कराने वाले गिरोह के साथ (Crime in Rajasthan) मिली 15 वर्षीय किशोरी को पुलिस ने बालिका सुधार गृह भेजने के बजाय गिरोह को ही सौंप दिया था. यह मामला 2 साल पुराना है, जिसका खुलासा होने के बाद जांच रिपोर्ट के आधार पर पिछले दिनों जयपुर के रामनगरिया थाना एसएचओ पुरुषोत्तम महरिया और प्रताप नगर थाने के कांस्टेबल भंवर सिंह को निलंबित कर दिया गया था.
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आरोप था कि साल 2020 में पुरुषोत्तम महरिया प्रताप नगर पुलिस थाना एसएचओ थे. तब एक होटल में दबिश के दौरान 15 वर्षीय किशोरी वेश्यावृत्ति के मामले में पकड़ी गई थी. आरोप है तब पुलिस ने नाबालिग किशोरी को परिजनों को सौंपने के बजाय वेश्यावृत्ति से जुड़े लोगों को ही सौंप दिया और 2 साल तक अलग-अलग जगह बालिका के साथ रेप होता गया और वह वेश्यावृत्ति के दलदल में घिरती रही. पिछले दिनों वेश्यावृत्ति के मामले में वो जैसलमेर में पकड़ी गई, तब इस पूरे मामले का खुलासा हुआ. जैसलमेर पुलिस ने उसे महिला सुधार गृह में भेज दिया था.