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मंत्री की दो टूक-  राजस्व मामलों की पेंडेंसी खत्म नहीं हुई तो अधिकारियों की एसीआर पर पड़ेगा असर

मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि राजस्व न्यायालय मामलों की पेंडेंसी खत्म नहीं हुई तो अधिकारियों की एसीआर पर असर पड़ेगा. चौधरी ने अधिकारियों को दो टूक बोल दिया है कि न्यायालयों में पेंडिंग मामलों को जल्द निपटारा करे.

minister harish chaudhary news, जयपुर खबर
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Published : Aug 9, 2019, 10:18 PM IST

जयपुर. न्यायालयों में लगातार राजस्व मामलों की बढ़ रही पेंडेंसी को लेकर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने अधिकारियों को दो टूक बोल दिया है कि न्यायालयों में पेंडिंग मामलों का जल्द निपटारा करें. साथ ही कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो उनकी एसीआर में इसका असर पड़ेगा. साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अनुपस्थित रहे अधिकारियों पर भी कार्रवाई की बात कही.

राजस्व न्यायालय मामलों की पेंडेंसी खत्म नहीं हुई तो अधिकारियों की एसीआर पर पड़ेगा असर

न्यायालयों में लगातार राजस्व मामलों की बढ़ रही पेंडेंसी को लेकर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मंत्री हरीश ने दो टूक बोलते हुए कह दिया कि संबंधित अधिकारी न्यायालयों में पेंडिंग मामलो को जल्द निपटारा करे, नहीं तो उनकी एसीआर में इसका असर पड़ेगा.

पढ़ें: मुगल-ए-आजम का जमाना गया :राजस्थान पुलिस

प्रदेश में 3 लाख से अधिक मामले राजस्व के न्यायालयों में पेंडिंग है. ऐसे में मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी अधिकारियों को साफ सब्दों में निर्देश दिए गए है कि राजस्व के मामलों में कई सालों से न्याय की आस लगाए बैठे लोगों की जल्द न्याय मिले.

मंत्री चौधरी ने कहा कि इसके लिए अधिकारियों को अपनी जिम्मीदरी समझते हुए पेंडिंग काम को जल्द निपटाना चाहिए. हालांकि इसके लिए टाइम बॉन्ड नहीं किया है लेकिन अपने काम मे लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई भी की जाएगी. मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि जो अधिकारी बिना सूचना के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से नदारद रहें, उन पर कार्रवाई करने के लिए जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिए है.

पढ़ें: आर्टिकल 370 को लेकर कांग्रेस की बैठक आज, सीएम गहलोत और पीसीसी चीफ पायलट दिल्ली रवाना

दरअसल प्रदेश में राजस्व के 3 लाख मामले न्यायालयों में पेंडिंग चल रहे है. ऐसे में गहलोत सरकार की कोशिश है कि राजस्व मामलों को लेकर पेंडेंसी कम हो ताकि लोगों को समय पर न्याय मिले. लेकिन जिस तरह से सरकार की इस इच्छा शक्ति के बावजूद भी कई अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अनुपस्थित रहे. उसमे बड़ा सवाल तो यह है कि जब अधिकारी ही विषय की गंभीरता को लेकर गंभीर नहीं है तो फिर पेंडेंसी खत्म कैसे होगी.

जयपुर. न्यायालयों में लगातार राजस्व मामलों की बढ़ रही पेंडेंसी को लेकर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने अधिकारियों को दो टूक बोल दिया है कि न्यायालयों में पेंडिंग मामलों का जल्द निपटारा करें. साथ ही कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो उनकी एसीआर में इसका असर पड़ेगा. साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अनुपस्थित रहे अधिकारियों पर भी कार्रवाई की बात कही.

राजस्व न्यायालय मामलों की पेंडेंसी खत्म नहीं हुई तो अधिकारियों की एसीआर पर पड़ेगा असर

न्यायालयों में लगातार राजस्व मामलों की बढ़ रही पेंडेंसी को लेकर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मंत्री हरीश ने दो टूक बोलते हुए कह दिया कि संबंधित अधिकारी न्यायालयों में पेंडिंग मामलो को जल्द निपटारा करे, नहीं तो उनकी एसीआर में इसका असर पड़ेगा.

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प्रदेश में 3 लाख से अधिक मामले राजस्व के न्यायालयों में पेंडिंग है. ऐसे में मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी अधिकारियों को साफ सब्दों में निर्देश दिए गए है कि राजस्व के मामलों में कई सालों से न्याय की आस लगाए बैठे लोगों की जल्द न्याय मिले.

मंत्री चौधरी ने कहा कि इसके लिए अधिकारियों को अपनी जिम्मीदरी समझते हुए पेंडिंग काम को जल्द निपटाना चाहिए. हालांकि इसके लिए टाइम बॉन्ड नहीं किया है लेकिन अपने काम मे लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई भी की जाएगी. मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि जो अधिकारी बिना सूचना के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से नदारद रहें, उन पर कार्रवाई करने के लिए जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिए है.

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दरअसल प्रदेश में राजस्व के 3 लाख मामले न्यायालयों में पेंडिंग चल रहे है. ऐसे में गहलोत सरकार की कोशिश है कि राजस्व मामलों को लेकर पेंडेंसी कम हो ताकि लोगों को समय पर न्याय मिले. लेकिन जिस तरह से सरकार की इस इच्छा शक्ति के बावजूद भी कई अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अनुपस्थित रहे. उसमे बड़ा सवाल तो यह है कि जब अधिकारी ही विषय की गंभीरता को लेकर गंभीर नहीं है तो फिर पेंडेंसी खत्म कैसे होगी.

Intro:
जयपुर

मंत्री की दो टूक !
राजस्व न्यायालय मामलों की पेंडेंसी खत्म नही हुई तो अधिकारियों की एसीआर पर पड़ेगा असर , प्रदेश में 3 लाख राजस्व के मामले है लंबित , वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अनुपस्थित अधिकारियों पर भी गिरेगी गाज

एंकर:- न्यायालयों में लगातार राजस्व मामलों की बढ़ रही पेंडेंसी को लेकर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने अधिकारियों को दो टूक बोल दिया है कि न्यायालयों में पेंडिंग मामलों को जल्द निपटारा करे नही तो उनकी एसीआर में इसका असर पड़ेगा , साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अनुपस्थित रहे अधिकारियों पर भी गाज गिरेगी ।





Body:VO:- न्यायालयों में लगातार राजस्व मामलों की बढ़ रही पेंडेंसी को लेकर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की , वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मंत्री हरीश ने दो टूक बोलते हुए कह दिया कि संबंधित अधिकारी न्यायालयों में पेंडिंग मामलों को जल्द निपटारा करे नही तो उनकी एसीआर में इसका असर पड़ेगा , प्रदेश में 3 लाख से अधिक मामले राजस्व के न्यायालयों में पेंडिंग है , ऐसे में मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी अधिमारियों को साफ सब्दों में निर्देश दिए गए है कि राजस्व के मामलों में कई सालों ने न्याय की आस लगाए बैठे लोगों की जल्द न्यायमिले इसकेलिए अधिकारियों को अपनी जिम्मीदरी समझते हुए पेंडिंग काम को जल्द पूरा करे , हालांकि इसके लिए टाइम बॉन्ड नही किया है लेकिन अपने काम मे लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों करवाई भी की जाएगी , साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अनुपस्थित रहे अधिकारियों कोलेकर भी मंत्री हरीश चौधरी ने नाराजगी जताई । हरीश चौधरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अनुपस्थित रहे अधिकारोयों के खिलाफ भी करवाई करने के निर्देश दिए है , मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि वो अधिकारी बिना सूचना के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से नदारत रहे उन पर करवाई करने केलिए जिला कलेकर्ट्स को निर्देश दिए है ।

बाइट:- हरीश चौधरी - राजस्व मंत्री


Conclusion:VO:- दरअसल प्रदेश में राजस्व के 3 लाख मामले न्यायालयों में पेंडिंग चल रहे है , ऐसे में गहलोत सरकार की कोशिश है कि राजस्व मामलों को लेकर पेंडेंसी कम हो ताकि लोगों को समय पर न्याय मीले , लेकिन जिस तरहं से सरकार की इस इच्छा शक्ति के बावजूद भी कई अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अनुपस्थिति रहे उसमे बड़ा सवाल तो ये की जब अधिकारी ही विषय की गंभीरता को लेकर गंभीर नही है तो फिर पेंडेंसी खत्म कैसे होगी ।
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