जयपुर. राजस्थान में अगर सबसे ज्यादा विवाद किसी महकमे में होते हैं तो वो है शिक्षा विभाग. जहां कभी किताबों को लेकर तो कभी महापुरुषों को लेकर. लेकिन अब जो नया विवाद शिक्षा विभाग में सामने आ रहा है, वो है प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में ये बयान देना कि राजनीतिक अधार पर उन शिक्षकों को प्रताड़ित किया गया जो कांग्रेस कार्यकर्ता थे, तो वहीं आरएसएस या भाजपा से जुड़े कार्यकर्ताओं को जयपुर या जिला मुख्यालयों पर लगाया गया.
डोटासरा ने गुरुवार को राजस्थान कांग्रेस में आयोजित कांग्रेस शिक्षक प्रकोष्ठ कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि हम कांग्रेस मुख्यालय में हैं और कांग्रेस की सरकार और मंत्री-संत्री आपकी मेहनत से ही बने हैं. अब जो भी समस्याएं आप लोगों की हैं उन्हें दूर किया जायेगा. इसके आगे बोलते हुए मंत्री डोटासरा ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के समय राजनीतिक आधार पर कांग्रेस कार्यकर्ता को प्रताड़ित किया गया, उनके स्थानांनतरण करके दूर भेजा गया, उनसे दुर्व्यवहार किया गया और पार्टी के आधार पर चयन किया गया. जो आरएसएस का व्यक्ति था उसे जयपुर या हेडक्वार्टर में पोस्टिंग दी गयी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को 100 और 500 किमी भेजा गया.
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उन्होंने कहा कि पिछली सरकार इसी तरह के निकम्मे काम में व्यस्त थी. इसके आगे बोलते हुए डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने भी उन्हें कहा है कि बीती सरकार में जिनकों राजनीतिक आधार पर प्रताड़ित किया गया है, उनको 100 प्रतिशत न्याय मिलेगा. इसके आगे प्रदेश कार्यालय में ही उन्होंने शिक्षक प्रकोष्ठ से जुड़े शिक्षकों से कहा कि जो राजनीतिक रूप से प्रताड़ित हैं वो अपने आवेदन दें, उसके बाद इसी जगह कार्यालय में दोबारा चर्चा करके काम करेंगे.
हालांकि, लगातार पहले भी इस तरह के आरोप लगते रहे थे कि आरएसएस के कार्यकर्ताओं को जयपुर या हेडक्वार्टर में लगाया गया. लेकिन जिस तरह से सरकार के साफ तौर पर नियम बने हैं कि कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी पार्टी का सदस्य नहीं हो सकता, तो क्या खूद मंत्री ही सरकारी नियमों को नही मानते खुद मान रहे हैं कि शिक्षा महकमे के टीचर आरएसएस और कांग्रेस के कार्यकर्ता होते हैं.