जयपुर.राजधानी की सड़कों पर घूमते आवारा पशुओं की समस्या शहर के लिए नासूर बन चुकी है. राजस्थान उच्च न्यायालय की ओर से सालों पहले शहर में चलने वाली पशु डेयरियों को शहर से बाहर शिफ्ट करने के निर्देश भी हवा होते हुए नजर आते हैं. आलम यह है कि नियम कायदों को तोड़ने वालों का पक्ष खुद जनप्रतिनिधि ही रखते हुए नजर आते हैं.
कुछ ऐसा ही देखने को मिला सोमवार को, जहां निगम प्रशासन की कार्रवाई पर विधायक कालीचरण सराफ ने पशु पालकों का समर्थन करते हुए पहले गुर्जर बस्ती और बाद में टोंक रोड पर धरना दिया. इस दौरान डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज भी उनके साथ नजर आए. जिन्होंने आस्था का विषय बताते हुए गौवंश को घरों में रखने की पैरवी भी की. साथ ही निगम प्रशासन को नसीहत दी कि वह घरों से पशुधन को ले जाने के बजाय शहर में सड़कों पर घूम रहे पशुओं पर कार्रवाई करें.
हालांकि डिप्टी मेयर के इस बयान से मेयर विष्णु लाटा इत्तेफ़ाक़ नहीं रखते. उन्होंने हाई कोर्ट के निर्देशों और निगम के अधिनियमों का हवाला देते हुए कहा कि शहर में अवैध डेयरियों पर कार्रवाई में यदि कोई बाधा पहुंचाता है, तो ये राज कार्य में बाधा के समान हैं. जिस पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है. वहीं उन्होंने कहा कि घर में एक पशु रखने पर भी निगम से अनुमति आवश्यक है. इस संबंध में बने हुए नियमों को फॉलो करना भी जरूरी है.