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राजस्थान में आसान बनाई जाएंगी विवाह और जन्म पंजीकरण की प्रक्रियाएं

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Published : Jan 25, 2021, 5:00 PM IST

राजस्थान में विवाह पंजीकरण और जन्म पंजीकरण की प्रक्रियाएं आसान बनाई जाएंगी. विवाह पंजीकरण की आयु और रजिस्ट्रेशन के लिए ज्ञापन की विधि से संबंधित संशोधन कर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा. इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है.

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राजस्थान में आसान होगी विवाह और जन्म पंजीकरण की प्रक्रिया

जयपुर. राजस्थान में विवाह पंजीकरण और जन्म पंजीकरण की प्रक्रियाएं आसान बनाई जाएंगी. विवाह पंजीकरण की आयु और रजिस्ट्रेशन के लिए ज्ञापन की विधि से संबंधित संशोधन कर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा. राजस्थान जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन नियम 2000 में संशोधन के लिए बच्चे के जन्म रजिस्ट्रेशन को 15 वर्ष से अधिक हो जाने की स्थिति में भी रजिस्ट्रेशन के नए नियमों के लागू होने के 5 साल बाद तक नाम दर्ज करवाए जा सकेंगे.

राजस्थान में आसान होगी विवाह और जन्म पंजीकरण की प्रक्रिया

प्रदेश में अभी तक विवाह पंजीकरण और जन्म पंजीकरण की जिम्मेदारी नगरीय निकायों के पास है. राजधानी जयपुर की अगर बात करें तो जन्म और मृत्यु की सूचना अस्पतालों से 21 दिन में प्राप्त हो जाती हैं. ऐसे में आवेदक को सूचना प्रेषित करने की आवश्यकता नहीं होती और न ही हार्ड कॉपी के लिए कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं. डिजिटल हस्ताक्षर के बाद आवेदक घर बैठे सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकता है. अभी 15 वर्ष तक के बच्चों का ही सर्टिफिकेट में नाम लिखे जाने का प्रावधान है. हालांकि सरकार ने इस में छूट दी हुई है, 3 साल तक कितने भी आयु के बच्चे का नाम लिखा जा सकता है.

पढ़ें: नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का बड़ा बयान, कहा- मंत्रिमंडल विस्तार के बाद गिर जाएगी गहलोत सरकार

विवाह पंजीयन के लिए ई-मित्र या मोबाइल के जरिए ही आवेदन किया जा सकता है. हालांकि कार्यालय में उपस्थित होना पड़ता है. विवाह के 30 दिन के अंदर उपस्थिति दर्ज कराने पर पंजीकरण का शुल्क महज ₹10 है. एक महीने बाद 100 रुपये पेनल्टी लगती है. इसके अलावा वर-वधु के आधार कार्ड, वर-वधु दो गवाह के शपथ पत्र देने होते हैं. वहीं, साल 2006 में बने विवाह पंजीयन नियम के तहत 2006 के बाद जो भी विवाह हुए हैं, उनके मैरिज कार्ड भी मांगे जाते हैं.

वहीं, लॉकडाउन के समय हुई शादियों के लिए एसडीएम की परमिशन वाला पत्र संलग्न करने का प्रावधान है, हालांकि इन नियमों में संशोधन किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन अधिनियम 2009 में प्रस्तावित संशोधन कर राज्य सरकार की ओर से सभी जिलों में जिला रजिस्ट्रेशन अधिकारी के साथ-साथ, आवश्यकतानुसार अतिरिक्त जिला विवाह रजिस्ट्रेशन अधिकारी और ब्लॉक विवाह रजिस्ट्रेशन अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे. साथ ही इस अधिनियम के तहत विवाह पंजीकरण की आयु और रजिस्ट्रेशन के लिए ज्ञापन की विधि आदि से संबंधित संशोधन कर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा.

पढ़ें: यह किसान आंदोलन नहीं है, शुद्ध रूप से विपक्षियों के जरिए बनाया गया षड्यंत्र है : सांसद ओम माथुर

इसी तरह राजस्थान जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन नियम 2000 में संशोधन के तहत बच्चे के जन्म रजिस्ट्रेशन को 15 वर्ष अधिक हो जाने की स्थिति में भी रजिस्ट्रेशन के नए नियमों के लागू होने के 5 वर्ष बाद तक नाम दर्ज करवाए जा सकेंगे. जन्म रजिस्ट्रेशन को 15 वर्ष से अधिक हो जाने पर नाम दर्ज करवाने के लिए 5 रुपये विलंब शुल्क देय होगा.

बता दें कि हाल ही में सीएम गहलोत ने इसके लिए राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन अधिनियम 2009 और राजस्थान जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन नियम 2000 में आवश्यक संशोधन करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी थी.

जयपुर. राजस्थान में विवाह पंजीकरण और जन्म पंजीकरण की प्रक्रियाएं आसान बनाई जाएंगी. विवाह पंजीकरण की आयु और रजिस्ट्रेशन के लिए ज्ञापन की विधि से संबंधित संशोधन कर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा. राजस्थान जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन नियम 2000 में संशोधन के लिए बच्चे के जन्म रजिस्ट्रेशन को 15 वर्ष से अधिक हो जाने की स्थिति में भी रजिस्ट्रेशन के नए नियमों के लागू होने के 5 साल बाद तक नाम दर्ज करवाए जा सकेंगे.

राजस्थान में आसान होगी विवाह और जन्म पंजीकरण की प्रक्रिया

प्रदेश में अभी तक विवाह पंजीकरण और जन्म पंजीकरण की जिम्मेदारी नगरीय निकायों के पास है. राजधानी जयपुर की अगर बात करें तो जन्म और मृत्यु की सूचना अस्पतालों से 21 दिन में प्राप्त हो जाती हैं. ऐसे में आवेदक को सूचना प्रेषित करने की आवश्यकता नहीं होती और न ही हार्ड कॉपी के लिए कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं. डिजिटल हस्ताक्षर के बाद आवेदक घर बैठे सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकता है. अभी 15 वर्ष तक के बच्चों का ही सर्टिफिकेट में नाम लिखे जाने का प्रावधान है. हालांकि सरकार ने इस में छूट दी हुई है, 3 साल तक कितने भी आयु के बच्चे का नाम लिखा जा सकता है.

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विवाह पंजीयन के लिए ई-मित्र या मोबाइल के जरिए ही आवेदन किया जा सकता है. हालांकि कार्यालय में उपस्थित होना पड़ता है. विवाह के 30 दिन के अंदर उपस्थिति दर्ज कराने पर पंजीकरण का शुल्क महज ₹10 है. एक महीने बाद 100 रुपये पेनल्टी लगती है. इसके अलावा वर-वधु के आधार कार्ड, वर-वधु दो गवाह के शपथ पत्र देने होते हैं. वहीं, साल 2006 में बने विवाह पंजीयन नियम के तहत 2006 के बाद जो भी विवाह हुए हैं, उनके मैरिज कार्ड भी मांगे जाते हैं.

वहीं, लॉकडाउन के समय हुई शादियों के लिए एसडीएम की परमिशन वाला पत्र संलग्न करने का प्रावधान है, हालांकि इन नियमों में संशोधन किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन अधिनियम 2009 में प्रस्तावित संशोधन कर राज्य सरकार की ओर से सभी जिलों में जिला रजिस्ट्रेशन अधिकारी के साथ-साथ, आवश्यकतानुसार अतिरिक्त जिला विवाह रजिस्ट्रेशन अधिकारी और ब्लॉक विवाह रजिस्ट्रेशन अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे. साथ ही इस अधिनियम के तहत विवाह पंजीकरण की आयु और रजिस्ट्रेशन के लिए ज्ञापन की विधि आदि से संबंधित संशोधन कर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा.

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इसी तरह राजस्थान जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन नियम 2000 में संशोधन के तहत बच्चे के जन्म रजिस्ट्रेशन को 15 वर्ष अधिक हो जाने की स्थिति में भी रजिस्ट्रेशन के नए नियमों के लागू होने के 5 वर्ष बाद तक नाम दर्ज करवाए जा सकेंगे. जन्म रजिस्ट्रेशन को 15 वर्ष से अधिक हो जाने पर नाम दर्ज करवाने के लिए 5 रुपये विलंब शुल्क देय होगा.

बता दें कि हाल ही में सीएम गहलोत ने इसके लिए राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन अधिनियम 2009 और राजस्थान जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन नियम 2000 में आवश्यक संशोधन करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी थी.

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