जयपुर. प्रदेश के 3250 मदरसों में पढ़ने वाले 1 लाख 94 हजार बच्चों को अब राजस्थान विधानसभा में पास हुए राजस्थान मदरसा बोर्ड विधेयक 2020 के बाद फायदा मिलेगा. सोमवार को पास हुए इस विधेयक से अब मदरसा बोर्ड को वैधानिक दर्जा मिल गया है. अब बोर्ड को संवैधानिक दर्जा मिलने के बाद इन 3250 मदरसों में पढ़ रहे बच्चों को दी जा रही तालीम की गुणवत्ता के लिए काम होगा.
इस विधेयक को सदन में मंत्री साले मोहम्मद ने रखा इस दौरान उन्होंने कहा कि मदरसा बोर्ड की ओर से दीनी तालीम के साथ दुनियावी तालीम एवं आधुनिक तकनीकी शिक्षा के समायोजन से उर्दू अध्ययन और शिक्षण को अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा.
मंत्री सालेह मोहम्मद ने कहा कि इस विधेयक के पास होने से मदरसों का कायापलट होगा, और बोर्ड बनने से अब सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी कक्षा की पुस्तकें और परीक्षाएं भी यह बोर्ड खुद करवा सकेगा.
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सदन में रखे गए राजस्थान मदरसा बोर्ड विधेयक-2020 पर बहस में विधायक हाकम अली, अमीन कागजी, संयम लोढ़ा और अमीन खान ने हिस्सा लिया. विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए आमिर खान ने कहा कि मदरसों में कुरान शरीफ अरबी में पढ़ाई जाती है.
उन्होंने कहा कि उर्दू को पाकिस्तान से जोड़ने की जरूरत नहीं है, पाकिस्तान तो कल बना है. यह भाषा तो सदियों से बोली जा रही है. उन्होंने कहा कि मुसलमानों ने भले ही 600 देशों पर राज किया हो, लेकिन आज वह काफी पिछड़े हुए हैं.