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लंपी से लड़ने 500 डॉक्टर व पशुधन सहायक भर्ती करेगी सरकार, 6 लाख गोवंश संक्रमित - 6 लाख गोवंश संक्रमित

प्रदेश में गहराते लंपी संकट के बीच सरकार ने अर्जेंट टेंपरेरी बेसिस पर 500 पशु चिकित्सकों और पशुधन सहायकों की भर्ती करने में लगी है. राज्य के अजमेर, भरतपुर और बूंदी में वैक्सीनेशन शुरू किया गया है. राज्य में अब तक 6 लाख से ज्यादा गोवंश लंपी से संक्रमित हो चुका है. वहीं करीब 26 हजार संक्रमित पशुओं की मौत हो चुकी है.

200 veterinary doctors recruitment in Rajasthan
लंपी से लड़ने 500 डॉक्टर व पशुधन सहायक भर्ती करेगी सरकार, 6 लाख गोवंश संक्रमित
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Published : Aug 23, 2022, 5:44 PM IST

जयपुर. राजस्थान में गायों पर लंपी का कहर फैल गया है. 6 लाख से ज्यादा गाय इस वायरस से संक्रमित हो चुकी हैं. करीब 26 हजार ने दम तोड़ दिया है. यह सरकारी रिकॉर्ड का आंकड़ा है. राज्य के 30 जिलों के गौवंश लंपी की चपेट में आ चुके हैं. अब सरकार कोरोना की तर्ज पर अर्जेंट-टेंपरेरी बेसिस पर वेटरनरी डॉक्टर्स और पशुधन सहायक (LSA) की 500 पोस्ट पर भर्ती करने जा रही (200 veterinary doctors recruitment in Rajasthan) है. वेटेरनरी डॉक्टर्स की नियुक्ति 39300 रुपए प्रति माह पर केवल 3 महीने के लिए होगी.

इस भर्ती प्रक्रिया के लिए 20 से 40 साल तक के डॉक्टर्स अप्लाई कर सकते हैं. 24 और 25 अगस्त को पशुपालन विभाग में कैंडिडेट्स को एप्लीकेशन फॉर्म के साथ बुलाया गया है. इसी तरह 300 पशुधन सहायकों को भी टेम्परेरी लगाया जाएगा. इसके अलावा 19 मार्च को 1136 पदों पर शुरू हुई पशुधन सहायक (LSA) भर्ती के पदों में बढ़ोतरी करते हुए इसे 1436 किया गया है. साथ ही अजमेर, भरतपुर और बूंदी में गायों को गोटा-पॉक्स वैक्सीनेशन शुरू कर दिया गया है.

पढ़ें: प्रदेश के 30 जिलों में फैला लंपी, 41 लाख डोज खरीदेगी सरकार, 15 दिनों में राहत की उम्मीद

कछुआ चाल से भर्ती और मेडिसिन खरीद का फंड सेंक्शन: अब सवाल यह खड़ा होता है कि मई में जालोर और जैसलमेर में लंपी के केस सामने आ गए थे. करीब 3 महीने बाद पशुपालन विभाग में पशुधन सहायक और वेटेरनरी डॉक्टर्स की अर्जेंट-टेंपरेरी बेस पर भर्ती की तैयारी की है. केसों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ने पर विभाग ने अब जाकर कोरोना की तर्ज पर अस्थाई आधार पर भर्तियां करने का फैसला लिया है. परमानेंट भर्ती नहीं करना पशुओं और गौवंश के लिए अपनाई जा रही कोताही को साफ दिखाता है.

इसी तरह लंपी से निपटने के लिए मेडिसिन की खरीद में भी ढिलाई और कोताही बरती गई है. इमरजेंसी में मेडिसिन खरीदने के लिए केवल 1.40 करोड़ का एडिशनल फंड प्रदेश में सेंक्शन किया (Fund for lumpy management in Rajasthan) है. इसमें भी जोधपुर, बीकानेर और अजमेर में 8 से 12 लाख रुपए, बाकी सभी प्रभावित जिलों में 2 से 8 लाख रुपए तक फंड रखा गया है. सूत्रों के मुताबिक इससे पहले केवल 50-50 हजार रुपए ही जिलों को दिए गए थे. लंपी से निपटने की दवा खरीदने में जिलों को भामाशाहों की मदद भी लेनी पड़ी है. अब तक भामाशाहों की मदद से 16 लाख रुपए की दवाइयां खरीदी गई हैं.

पढ़ें: लंपी बीमारी से बचाव के लिए गहलोत सरकार खरीदेगी 30 करोड़ की वैक्सीन और औषधी

1436 पशुधन सहायक, UTB पर 300 LSA, 200 वेटेरनरी डॉक्टर्स होंगे नियुक्त: पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों पर एक्सट्रा सतर्कता बरती जाए. अधिकारी फील्ड में रहें और हर हालात पर नजर रखें. राज्य सरकार जल्द 1 हजार 436 पशुधन सहायक (LSA) को नियुक्त कर रही है. अर्जेंट टेंपरेरी बेसिस (UTB) पर 300 LSA और 200 वेटेरनरी डॉक्टर की अस्थाई नियुक्ति भी जल्द कर दी जाएगी. पशुपालन विभाग के सभी ऑफिस सरकारी छुट्टी के दिनों में भी खुले रखने के निर्देश दे दिए हैं. गांव-गांव में जागरूकता की एक्टिविटी चलाने के निर्देश दिए हैं. ब्लॉक और जिला स्तर पर राउंड द क्लॉक कंट्रोल रूम चलाए जा रहे हैं। अधिकारियों को गौशालाओं और प्रभावित क्षेत्रों का कंटीन्यू दौरा करने को कहा है. गौशालाओं में साफ-सफाई, संक्रमित पशुओं के आइसोलेशन सेंटर, दवाइयों की उपलब्धता, मरे हुए पशुओं के निस्तारण, जागरूकता गतिविधियों सहित कई पॉइंट्स पर रिव्यू किया है. उरमूल डेयरी की भी मदद ली जाएगी.'

पढ़ें: लंपी डिजीज की रोकथाम के लिए भीलवाड़ा डेयरी ने खरीदी एक लाख वैक्सीन, लगेगी मुफ्त

5 लाख से ज्यादा डोज आई, वैक्सीनेशन शुरू: पशुपालन विभाग के सचिव पीसी किशन ने कहा, '25 लाख वैक्सीन की जरूरत आंकी गई है. प्रदेश में 10 लाख 70 हजार वैक्सीन का ऑर्डर दिया गया है. उसमें से 5 लाख से ज्यादा वैक्सीन आ चुकी हैं. अजमेर, भरतपुर, बूंदी में वैक्सीनेशन स्टार्ट किया गया है. जहां पर ज्यादा वायरस संक्रमण है, वहां वैक्सीनेशन नहीं किया जा सकता है. अभी केन्द्र ने गोट पॉक्स वैक्सीन भेजी है. यह लगभग 60 परसेंट इफेक्टिव है. यह वैक्सीन एक तरह से अल्टरनेटिव अरेजमेंट है. क्योंकि लंपी की प्रॉपर वैक्सीन अब तक नहीं आई है. गौवंश की ज्यादातर मौत का कारण लंपी संक्रमण के अलावा एंटी बायोटिक का हैवी डोज, झोलाछाप डॉक्टर और बिना सुपरविजन के वैक्सीनेशन करना है.'

जिलासंक्रमित पशुमौत
जोधपुर762872689
बाड़मेर 69899 2139
जैसलमेर32239 862
जालोर 374171990
पाली 36262983
सिरोही13858388
बीकानेर 539171891
चूरू 423421803
हनुमानगढ़468852433
गंगानगर 72353 3966
अजमेर192081152
नागौर 478422461
भीलवाड़ा1152 38
कुचामन सिटी200061644
टोंक 227479
जयपुर7360 209
सीकर14470 839
झुंझुनूं​​​​​​​5861223
अलवर5876
दौसा 88830
उदयपुर9457123
बांसवाड़ा 384 12
राजसमंद121718
डूंगरपुर199 2
प्रतापगढ़1020
चित्तौड़गढ़1493
भरतपुर1052
धौलपुर 90
करौली100
सवाईमाधोपुर 72 1
कुल संक्रमित61284125986

जयपुर. राजस्थान में गायों पर लंपी का कहर फैल गया है. 6 लाख से ज्यादा गाय इस वायरस से संक्रमित हो चुकी हैं. करीब 26 हजार ने दम तोड़ दिया है. यह सरकारी रिकॉर्ड का आंकड़ा है. राज्य के 30 जिलों के गौवंश लंपी की चपेट में आ चुके हैं. अब सरकार कोरोना की तर्ज पर अर्जेंट-टेंपरेरी बेसिस पर वेटरनरी डॉक्टर्स और पशुधन सहायक (LSA) की 500 पोस्ट पर भर्ती करने जा रही (200 veterinary doctors recruitment in Rajasthan) है. वेटेरनरी डॉक्टर्स की नियुक्ति 39300 रुपए प्रति माह पर केवल 3 महीने के लिए होगी.

इस भर्ती प्रक्रिया के लिए 20 से 40 साल तक के डॉक्टर्स अप्लाई कर सकते हैं. 24 और 25 अगस्त को पशुपालन विभाग में कैंडिडेट्स को एप्लीकेशन फॉर्म के साथ बुलाया गया है. इसी तरह 300 पशुधन सहायकों को भी टेम्परेरी लगाया जाएगा. इसके अलावा 19 मार्च को 1136 पदों पर शुरू हुई पशुधन सहायक (LSA) भर्ती के पदों में बढ़ोतरी करते हुए इसे 1436 किया गया है. साथ ही अजमेर, भरतपुर और बूंदी में गायों को गोटा-पॉक्स वैक्सीनेशन शुरू कर दिया गया है.

पढ़ें: प्रदेश के 30 जिलों में फैला लंपी, 41 लाख डोज खरीदेगी सरकार, 15 दिनों में राहत की उम्मीद

कछुआ चाल से भर्ती और मेडिसिन खरीद का फंड सेंक्शन: अब सवाल यह खड़ा होता है कि मई में जालोर और जैसलमेर में लंपी के केस सामने आ गए थे. करीब 3 महीने बाद पशुपालन विभाग में पशुधन सहायक और वेटेरनरी डॉक्टर्स की अर्जेंट-टेंपरेरी बेस पर भर्ती की तैयारी की है. केसों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ने पर विभाग ने अब जाकर कोरोना की तर्ज पर अस्थाई आधार पर भर्तियां करने का फैसला लिया है. परमानेंट भर्ती नहीं करना पशुओं और गौवंश के लिए अपनाई जा रही कोताही को साफ दिखाता है.

इसी तरह लंपी से निपटने के लिए मेडिसिन की खरीद में भी ढिलाई और कोताही बरती गई है. इमरजेंसी में मेडिसिन खरीदने के लिए केवल 1.40 करोड़ का एडिशनल फंड प्रदेश में सेंक्शन किया (Fund for lumpy management in Rajasthan) है. इसमें भी जोधपुर, बीकानेर और अजमेर में 8 से 12 लाख रुपए, बाकी सभी प्रभावित जिलों में 2 से 8 लाख रुपए तक फंड रखा गया है. सूत्रों के मुताबिक इससे पहले केवल 50-50 हजार रुपए ही जिलों को दिए गए थे. लंपी से निपटने की दवा खरीदने में जिलों को भामाशाहों की मदद भी लेनी पड़ी है. अब तक भामाशाहों की मदद से 16 लाख रुपए की दवाइयां खरीदी गई हैं.

पढ़ें: लंपी बीमारी से बचाव के लिए गहलोत सरकार खरीदेगी 30 करोड़ की वैक्सीन और औषधी

1436 पशुधन सहायक, UTB पर 300 LSA, 200 वेटेरनरी डॉक्टर्स होंगे नियुक्त: पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों पर एक्सट्रा सतर्कता बरती जाए. अधिकारी फील्ड में रहें और हर हालात पर नजर रखें. राज्य सरकार जल्द 1 हजार 436 पशुधन सहायक (LSA) को नियुक्त कर रही है. अर्जेंट टेंपरेरी बेसिस (UTB) पर 300 LSA और 200 वेटेरनरी डॉक्टर की अस्थाई नियुक्ति भी जल्द कर दी जाएगी. पशुपालन विभाग के सभी ऑफिस सरकारी छुट्टी के दिनों में भी खुले रखने के निर्देश दे दिए हैं. गांव-गांव में जागरूकता की एक्टिविटी चलाने के निर्देश दिए हैं. ब्लॉक और जिला स्तर पर राउंड द क्लॉक कंट्रोल रूम चलाए जा रहे हैं। अधिकारियों को गौशालाओं और प्रभावित क्षेत्रों का कंटीन्यू दौरा करने को कहा है. गौशालाओं में साफ-सफाई, संक्रमित पशुओं के आइसोलेशन सेंटर, दवाइयों की उपलब्धता, मरे हुए पशुओं के निस्तारण, जागरूकता गतिविधियों सहित कई पॉइंट्स पर रिव्यू किया है. उरमूल डेयरी की भी मदद ली जाएगी.'

पढ़ें: लंपी डिजीज की रोकथाम के लिए भीलवाड़ा डेयरी ने खरीदी एक लाख वैक्सीन, लगेगी मुफ्त

5 लाख से ज्यादा डोज आई, वैक्सीनेशन शुरू: पशुपालन विभाग के सचिव पीसी किशन ने कहा, '25 लाख वैक्सीन की जरूरत आंकी गई है. प्रदेश में 10 लाख 70 हजार वैक्सीन का ऑर्डर दिया गया है. उसमें से 5 लाख से ज्यादा वैक्सीन आ चुकी हैं. अजमेर, भरतपुर, बूंदी में वैक्सीनेशन स्टार्ट किया गया है. जहां पर ज्यादा वायरस संक्रमण है, वहां वैक्सीनेशन नहीं किया जा सकता है. अभी केन्द्र ने गोट पॉक्स वैक्सीन भेजी है. यह लगभग 60 परसेंट इफेक्टिव है. यह वैक्सीन एक तरह से अल्टरनेटिव अरेजमेंट है. क्योंकि लंपी की प्रॉपर वैक्सीन अब तक नहीं आई है. गौवंश की ज्यादातर मौत का कारण लंपी संक्रमण के अलावा एंटी बायोटिक का हैवी डोज, झोलाछाप डॉक्टर और बिना सुपरविजन के वैक्सीनेशन करना है.'

जिलासंक्रमित पशुमौत
जोधपुर762872689
बाड़मेर 69899 2139
जैसलमेर32239 862
जालोर 374171990
पाली 36262983
सिरोही13858388
बीकानेर 539171891
चूरू 423421803
हनुमानगढ़468852433
गंगानगर 72353 3966
अजमेर192081152
नागौर 478422461
भीलवाड़ा1152 38
कुचामन सिटी200061644
टोंक 227479
जयपुर7360 209
सीकर14470 839
झुंझुनूं​​​​​​​5861223
अलवर5876
दौसा 88830
उदयपुर9457123
बांसवाड़ा 384 12
राजसमंद121718
डूंगरपुर199 2
प्रतापगढ़1020
चित्तौड़गढ़1493
भरतपुर1052
धौलपुर 90
करौली100
सवाईमाधोपुर 72 1
कुल संक्रमित61284125986
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