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राज्यसभा चुनाव : प्रदेश भाजपा में लॉबिंग शुरू, संघ के स्तर पर भी चर्चा - Lobbying for RajyaSabha

इस महीने प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने वाले हैं. जिसमें एक सीट बीजेपी के खाते में आएगी. राज्यसभा के लिए प्रत्याशियों के नाम को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने संघ के पदाधिकारियों से चर्चा की.

जयपुर न्यूज,  Lobbying for RajyaSabha
राज्यसभा चुनाव के लिए प्रदेश भाजपा में लॉबिंग शुरू
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Published : Mar 1, 2020, 6:00 PM IST

जयपुर. इस माह होने वाले प्रदेश की 3 राज्यसभा सीटों पर चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं. 3 में से 1 सीट इस बार भाजपा के खाते में आएगी, लेकिन इस पर प्रत्याशी के लिए कई दावेदार हैं. हालांकि अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान ही करेंगे, लेकिन उससे पहले प्रदेश में चिंतन और मनन का दौर शुरू हो चुका है. वहीं प्रत्याशियों के दावेदारों ने भी लॉबिंग शुरू कर दी है.

राज्यसभा चुनाव के लिए प्रदेश भाजपा में लॉबिंग शुरू

संघ के स्तर पर भी चर्चा

जिससे भाजपा को फायदा हो, ऐसा ही प्रत्याशी बने, इस संबंध में शुरुआती तौर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की संघ पदाधिकारियों से चर्चा हुई है. जिसमें संघ ने यही सलाह दी है कि इस बार प्रत्याशी ऐसा बनाया जाए, जिसका फायदा पार्टी को मिले. वहीं इस संबंध में हुई भाजपा कोर कमेटी की बैठक में भी शुरुआती तौर पर हुए मंथन में यही तय किया गया है.

इन नामों की चर्चा और दावेदारी भी-

राज्यसभा में जाने के इच्छुक नेताओं में पूर्व केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी, पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रभुलाल सैनी, राजपाल सिंह शेखावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, अरुण चतुर्वेदी, मौजूदा राज्यसभा सांसद नारायण पंचारिया के नाम प्रमुख हैं. हालांकि सीआर चौधरी के लिए नागौर भाजपा से जुड़े नेताओं ने लॉबिंग भी शुरू कर दी है और प्रदेश नेतृत्व को भी इस बारे में आग्रह किया है, क्योंकि चौधरी का लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट काटकर आरएलपी प्रत्याशी को गठबंधन के तहत दिया गया था.

पढ़ें- CM गहलोत ने बीजेपी पर फिर साधा निशाना, कहा- संविधान की धज्जियां उड़ा रही बीजेपी

वहीं नारायण पंचारिया अपने कामकाज के चलते केंद्रीय नेताओं के काफी नजदीकी माने जाते हैं. अशोक परनामी, प्रभु लाल सैनी, वसुंधरा राजे खेमे से आते हैं. वहीं ब्राह्मण समाज से आने वाले अरुण चतुर्वेदी संघ निष्ठ नेता माने जाते हैं. हालांकि प्रदेश भाजपा नेताओं का एक खेमा चाहता है कि राज्यसभा में ब्राह्मण प्रतिनिधि के रूप में उन्हें भेजा जाए. वहीं चतुर्वेदी इसके इच्छुक कम ही हैं और वो इसे लेकर कोई लॉबिंग भी नहीं कर रहे. हालांकि यह नाम अभी चर्चाओं में हैं, लेकिन इनके अलावा कुछ और नाम भी हैं. उनको लेकर चर्चाओं का दौर चल रहा है. अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान को ही करना है.

जयपुर. इस माह होने वाले प्रदेश की 3 राज्यसभा सीटों पर चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं. 3 में से 1 सीट इस बार भाजपा के खाते में आएगी, लेकिन इस पर प्रत्याशी के लिए कई दावेदार हैं. हालांकि अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान ही करेंगे, लेकिन उससे पहले प्रदेश में चिंतन और मनन का दौर शुरू हो चुका है. वहीं प्रत्याशियों के दावेदारों ने भी लॉबिंग शुरू कर दी है.

राज्यसभा चुनाव के लिए प्रदेश भाजपा में लॉबिंग शुरू

संघ के स्तर पर भी चर्चा

जिससे भाजपा को फायदा हो, ऐसा ही प्रत्याशी बने, इस संबंध में शुरुआती तौर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की संघ पदाधिकारियों से चर्चा हुई है. जिसमें संघ ने यही सलाह दी है कि इस बार प्रत्याशी ऐसा बनाया जाए, जिसका फायदा पार्टी को मिले. वहीं इस संबंध में हुई भाजपा कोर कमेटी की बैठक में भी शुरुआती तौर पर हुए मंथन में यही तय किया गया है.

इन नामों की चर्चा और दावेदारी भी-

राज्यसभा में जाने के इच्छुक नेताओं में पूर्व केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी, पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रभुलाल सैनी, राजपाल सिंह शेखावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, अरुण चतुर्वेदी, मौजूदा राज्यसभा सांसद नारायण पंचारिया के नाम प्रमुख हैं. हालांकि सीआर चौधरी के लिए नागौर भाजपा से जुड़े नेताओं ने लॉबिंग भी शुरू कर दी है और प्रदेश नेतृत्व को भी इस बारे में आग्रह किया है, क्योंकि चौधरी का लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट काटकर आरएलपी प्रत्याशी को गठबंधन के तहत दिया गया था.

पढ़ें- CM गहलोत ने बीजेपी पर फिर साधा निशाना, कहा- संविधान की धज्जियां उड़ा रही बीजेपी

वहीं नारायण पंचारिया अपने कामकाज के चलते केंद्रीय नेताओं के काफी नजदीकी माने जाते हैं. अशोक परनामी, प्रभु लाल सैनी, वसुंधरा राजे खेमे से आते हैं. वहीं ब्राह्मण समाज से आने वाले अरुण चतुर्वेदी संघ निष्ठ नेता माने जाते हैं. हालांकि प्रदेश भाजपा नेताओं का एक खेमा चाहता है कि राज्यसभा में ब्राह्मण प्रतिनिधि के रूप में उन्हें भेजा जाए. वहीं चतुर्वेदी इसके इच्छुक कम ही हैं और वो इसे लेकर कोई लॉबिंग भी नहीं कर रहे. हालांकि यह नाम अभी चर्चाओं में हैं, लेकिन इनके अलावा कुछ और नाम भी हैं. उनको लेकर चर्चाओं का दौर चल रहा है. अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान को ही करना है.

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