जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 1 लाख 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
अदालत ने सजा सुनाते हुए अपने आदेश में कहा कि नाबालिग की सहमति कानून की नजर में कोई महत्व नहीं रखती है. अभियोजन पक्ष ललिता संजीव महरवाल की ओर से अदालत को बताया कि सांगानेर सदर थाना इलाके से 9 फरवरी 2015 को अभियुक्त अपनी परिचित 16 वर्षीय पीड़िता को बहला-फुसलाकर कश्मीर ले गया, जहां उसने कई दिनों तक उसके साथ दुष्कर्म किया.
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वहीं, 28 अप्रैल को पीड़िता पुलिस को राजस्थान हाईकोर्ट परिसर के अंदर मिली. पूछताछ में पता चला कि पीड़िता को हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के संबंध में लाया गया है. इस पर कोर्ट ने पीड़िता को बालिका सदन भेज दिया. दूसरी ओर हाईकोर्ट के निर्देश पर पीड़िता की मेडिकल जांच कराई गई, जिसमें वह नाबालिग निकली. इस पर पुलिस ने अभियुक्त को 5 अक्टूबर को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.
नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या का मामला, आरोपी को आजीवन कारावास की सजा
अजमेर में नाबालिग के साथ दुष्कर्म का प्रयास करने और बेरहमी से उसकी हत्या करने के मामले में सोमवार को अजमेर की विशेष पॉक्सो न्यायालय ने फैसला सुनाया है. अदालत ने आरोपी प्रेम पासवान को आईपीसी की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और 55 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है.