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Prashasan Shehro Ke Sang Abhiyan : किसी को 67 तो किसी को 40 साल बाद मिला जमीन का पट्टा...

जयपुर के किशनपोल में प्रशासन शहरों के संग शिविर (Prashasan Shehro Ke Sang Abhiyan) में 51 लोगों को कच्ची बस्ती, 69-ए और स्टेट ग्रांट में पट्टों का वितरण किया गया. कुछ लोग ऐसे थे जिन्हें पट्टों के लिए कई वर्षों तक इंतजार करना पड़ा.

Prashasan Shehro Ke Sang Abhiyan
प्रशासन शहरों के संग शिविर
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Published : Nov 23, 2021, 8:05 PM IST

जयपुर. राजधानी में कोई अपनी जमीन के पट्टे का 67 साल से तो कोई 40 साल से इंतजार कर रहा है. ऐसे ही दो परिवारों को मंगलवार को प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashasan Shehro Ke Sang Abhiyan) के तहत किशनपोल जोन (Kishanpole Zone) में आयोजित शिविर में पट्टा मिला, तो उनके चेहरे खिल उठे. यही नहीं, एक परिवार ऐसा भी था, जिसने 2012 के अभियान में अप्लाई किया था और अब 2021 में जाकर पट्टा मिला है.

प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत मंगलवार को हेरिटेज नगर निगम (Heritage Nagar Nigam) के किशनपोल जोन में पट्टा वितरण समारोह आयोजित किया गया. जहां हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर (Mayor Munesh Gurjar) और विधायक अमीन कागजी ने पट्टों का वितरण किया. इस मौके पर 51 लोगों को कच्ची बस्ती, 69-ए और स्टेट ग्रांट में पट्टों का वितरण किया गया.

कार्यक्रम के दौरान मेयर ने कहा कि सरकार प्रशासन शहरों के संग अभियान चलाकर जनता को राहत पहुंचा रही है. बरसों से इंतजार कर रहे लोगों को शिविरों में पट्टे मिल रहे हैं. वहीं, विधायक ने कहा कि सरकार चाहती है कि प्रशासन शहरों के संग अभियान का लाभ सीधे जनता को मिले, इसके लिए पट्टा देने की प्रक्रिया का सरलीकरण कर दिया गया है.

पढ़ें : Jaipur: JCTSL की मिडी बसों के पहिए थमे, बकाया राशि के भुगतान की मांग

इस शिविर में चांदपोल के रहने वाले ओम प्रकाश शर्मा के परिवार को 67 साल बाद उनकी जमीन का पट्टा मिला. ओमप्रकाश के पिता मोहनलाल शर्मा 1954 से पट्टे के लिए प्रयास कर रहे थे. उनके स्वर्गवास के बाद दोबारा कागजी कार्रवाई शुरू की और अब जाकर उनके परिवार को राहत मिली है. वहीं, रामगंज बाजार के हीदा की मोरी में रहने वाले केसरदेव निर्वाण 40 साल से पट्टे के लिए प्रयास कर रहे थे. अब जाकर उन्हें सफलता मिली है.

यही नहीं, लक्ष्मीनारायणपुरी में रहने वाले लेखराज सैनी ने तो 2012 के अभियान में भी फाइल लगाई थी, लेकिन उस दौरान पट्टा नहीं बन सका. इसके बाद आचार संहिता लगी, दूसरी सरकार आ गई. फिर सालों तक निगम के चक्कर काटने के बाद अब 2021 के अभियान में उन्हें पट्टा मिला है.

पढ़ें : Jaipur News: कांग्रेस विधायक रफीक खान ने की पैराटीचर्स को नियमित करने की मांग, सीएम गहलोत को लिखा पत्र

उधर, ग्रेटर नगर निगम में भांकरोटा ग्राम पंचायत में तकनीकी खामियों और भाइयों की आपसी सहमति नहीं होने से 26 साल से जमीन का पट्टा नहीं मिल पा रहा था. जिसे अभियान में मौके पर कब्जे के आधार पर पट्टे जारी किए गए. वहीं, ग्राम नगरियावाला निवासी 90 वर्षीय सीताराम जागा को भी अभियान के तहत लगाए गए शिविर में राहत मिली.

जयपुर. राजधानी में कोई अपनी जमीन के पट्टे का 67 साल से तो कोई 40 साल से इंतजार कर रहा है. ऐसे ही दो परिवारों को मंगलवार को प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashasan Shehro Ke Sang Abhiyan) के तहत किशनपोल जोन (Kishanpole Zone) में आयोजित शिविर में पट्टा मिला, तो उनके चेहरे खिल उठे. यही नहीं, एक परिवार ऐसा भी था, जिसने 2012 के अभियान में अप्लाई किया था और अब 2021 में जाकर पट्टा मिला है.

प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत मंगलवार को हेरिटेज नगर निगम (Heritage Nagar Nigam) के किशनपोल जोन में पट्टा वितरण समारोह आयोजित किया गया. जहां हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर (Mayor Munesh Gurjar) और विधायक अमीन कागजी ने पट्टों का वितरण किया. इस मौके पर 51 लोगों को कच्ची बस्ती, 69-ए और स्टेट ग्रांट में पट्टों का वितरण किया गया.

कार्यक्रम के दौरान मेयर ने कहा कि सरकार प्रशासन शहरों के संग अभियान चलाकर जनता को राहत पहुंचा रही है. बरसों से इंतजार कर रहे लोगों को शिविरों में पट्टे मिल रहे हैं. वहीं, विधायक ने कहा कि सरकार चाहती है कि प्रशासन शहरों के संग अभियान का लाभ सीधे जनता को मिले, इसके लिए पट्टा देने की प्रक्रिया का सरलीकरण कर दिया गया है.

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इस शिविर में चांदपोल के रहने वाले ओम प्रकाश शर्मा के परिवार को 67 साल बाद उनकी जमीन का पट्टा मिला. ओमप्रकाश के पिता मोहनलाल शर्मा 1954 से पट्टे के लिए प्रयास कर रहे थे. उनके स्वर्गवास के बाद दोबारा कागजी कार्रवाई शुरू की और अब जाकर उनके परिवार को राहत मिली है. वहीं, रामगंज बाजार के हीदा की मोरी में रहने वाले केसरदेव निर्वाण 40 साल से पट्टे के लिए प्रयास कर रहे थे. अब जाकर उन्हें सफलता मिली है.

यही नहीं, लक्ष्मीनारायणपुरी में रहने वाले लेखराज सैनी ने तो 2012 के अभियान में भी फाइल लगाई थी, लेकिन उस दौरान पट्टा नहीं बन सका. इसके बाद आचार संहिता लगी, दूसरी सरकार आ गई. फिर सालों तक निगम के चक्कर काटने के बाद अब 2021 के अभियान में उन्हें पट्टा मिला है.

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उधर, ग्रेटर नगर निगम में भांकरोटा ग्राम पंचायत में तकनीकी खामियों और भाइयों की आपसी सहमति नहीं होने से 26 साल से जमीन का पट्टा नहीं मिल पा रहा था. जिसे अभियान में मौके पर कब्जे के आधार पर पट्टे जारी किए गए. वहीं, ग्राम नगरियावाला निवासी 90 वर्षीय सीताराम जागा को भी अभियान के तहत लगाए गए शिविर में राहत मिली.

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