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गहलोत सरकार को नेता प्रतिपक्ष की नसीहत, मंदिर है तब तक ठीक है, वरना तो...

राजस्थान विधानसभा में देवस्थान विभाग की वर्तमान स्थिति और रिक्त पड़े पदों को लेकर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने गहलोत सरकार पर (Kataria Alleged Gehlot Government) हमला बोला. उन्होंने कहा कि मंदिरों की दुर्दशा पर सरकार ध्यान दे.

Gulab Chand Kataria in Rajasthan Assembly
नेता प्रतिपक्ष कटारिया...
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Published : Mar 14, 2022, 10:12 PM IST

जयपुर. राजस्थान में देवस्थान विभाग की स्थिति और रिक्त पड़े पदों को लेकर एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने प्रदेश की गहलोत सरकार को निशाने पर लिया. कटारिया ने तो यहां तक कह दिया कि मंदिरों की दुर्दशा पर (Condition of Rajasthan Devasthan Department) सरकार ध्यान दे. मंदिर है तब तक ठीक है, वरना दिमाग में ताले लग जाते हैं.

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान देवस्थान विभाग से जुड़े मामलों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया. कटारिया ने कहा कि राजस्थान में मंदिरों का अपना एक अलग महत्व है. सदियों से हम देखते आ रहे हैं कि राजस्थान एक आस्था से जुड़ा प्रदेश रहा है. कटारिया ने सदन में कहा कि देश में कुल 59,413 मंदिर हैं, उनमें से 59,207 मंदिर अकेले राजस्थान में हैं, बाकी 153 अन्य राज्यों में हैं. जिन्हें यहां के राजाओं ने अपनी आस्था के अनुसार अलग-अलग जगह पर स्थापित किया था.

क्या कहा कटारिया ने, सुनिए...

467 में से 285 पद खालीः कटारिया ने देवस्थान विभाग की दुर्दशा पर चिंता जाहिर करते हुए (Rajasthan Vidhan Sabha Proceedings) कहा कि इस विभाग की हालत इस तरह से बिगाड़ दी गई है. इसमें कोई भी ठीक तरीके से काम नहीं करना चाहता. हालात यह है कि देवस्थान विभाग में 267 कुल पद हैं, जिसमें 285 पद खाली चल रहे हैं और यह वह पद हैं जो अधीनस्थ पद माने जाते हैं. जिसमें निरीक्षक पद के 15 में से 13 पद खाली हैं.

पढ़ें : प्रदेश सरकार ने प्रमुख मंदिरों को तो अपने नियंत्रण में लिया लेकिन मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च छोड़ दिए -दीप्ति माहेश्वरी

मैनेजर प्रथम के 11 में से 11 पद खाली हैं. मैनेजर द्वितीय के 13 में से 11 पद खाली हैं. पुजारी 94 में से 76 पद खाली हैं. वहीं, सेवागीर के 144 में से 106 पद खाली हैं. यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि इस विभाग में इस तरह से पद खाली पड़े हैं. कटारिया ने कहा कि 1989 से इस विभाग में भर्ती हुई थी. हालांकि, उसके बाद 25 साल बाद पिछले दिनों परीक्षा हुई, लेकिन उसका रिजल्ट अभी तक नहीं आया.

दिमाग के ताले लग जाएंगेः नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि प्रदेश की गहलोत सरकार देवस्थान विभाग को किसी तरह की कोई तवज्जो नहीं देती है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु हर साल हमारे अलग-अलग धार्मिक स्थलों पर पहुंचते हैं. लोगों की आस्था के केंद्रों पर सरकार की यह बेरुखी मन को बहुत ज्यादा पीड़ा देती है.

कटारिया ने कहा कि जिस तरह से सरकार की ओर से बजट इस विभाग को दिया जाता है, उसे भी खर्च नहीं किया गया. आंकड़े उठा कर देखेंगे तो सामने आएगा कि किस तरह से सरकार ने करोड़ों के बजट में लाखों भी खर्च नहीं किए. कटारिया ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि इन मंदिरों की दुर्दशा पर सरकार ध्यान दें. यह मंदिर ठीक है तब तक हम ठीक हैं, वरना तो हमारे दिमाग के ताले भी लग जाएंगे.

पढ़ें : Kataria Big Statement : शिक्षा विभाग में तुरंत लागू हो ट्रांसफर पॉलिसी...दुराचारियों पर तत्काल कार्रवाई करे सरकार

अधिकारियों को लगता है गड्ढे में लगा दियाः कटारिया ने कहा कि देवस्थान विभाग को कर्मचारी और अधिकारी भी इस तरह से लेते हैं जैसे मानो उन्हें किसी पनिशमेंट के तहत इस विभाग में तबादला किया है. अधिकारियों को इस विभाग में आने से कांटे चुभते हैं. उन्हें लगता है कि हमें इस गड्ढे में डाल दिया है. भगवान की सेवा का भाव किसी भी कर्मचारी अधिकारी में नहीं है और ना ही उनकी इस विभाग के साथ इन मंदिरों के प्रति आस्था है.

सुधार होगा तो पर्यटक अच्छा संदेश देंगेः नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि आस्था के केंद्र वाले विभाग को सरकार को भी उच्च प्राथमिकता पर लेना होगा. अधिकारी कर्मचारियों को साथ में मंत्रियों को भी इस बात को लेकर पाबंद करना होगा कि जो बजट सरकार की ओर से जारी किया जा रहा है, इसे पूरा खर्च किया जाए.

हमारे मंदिर अगर सुरक्षित और अच्छी स्थिति में होंगे तो यहां (Kataria Warned Gehlot Government for Temple Condition) पर जो देश-विदेश से पर्यटक आस्था का केंद्र मानते हुए आते हैं वह भी एक अच्छा संदेश लेकर जाएंगे. कटारिया ने कहा कि इस विभाग को अगर सरकार प्राथमिकता से लेकर काम करे तो हम इसके जरिए प्रदेश में पर्यटकों की संख्या को बढ़ा सकते हैं.

जयपुर. राजस्थान में देवस्थान विभाग की स्थिति और रिक्त पड़े पदों को लेकर एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने प्रदेश की गहलोत सरकार को निशाने पर लिया. कटारिया ने तो यहां तक कह दिया कि मंदिरों की दुर्दशा पर (Condition of Rajasthan Devasthan Department) सरकार ध्यान दे. मंदिर है तब तक ठीक है, वरना दिमाग में ताले लग जाते हैं.

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान देवस्थान विभाग से जुड़े मामलों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया. कटारिया ने कहा कि राजस्थान में मंदिरों का अपना एक अलग महत्व है. सदियों से हम देखते आ रहे हैं कि राजस्थान एक आस्था से जुड़ा प्रदेश रहा है. कटारिया ने सदन में कहा कि देश में कुल 59,413 मंदिर हैं, उनमें से 59,207 मंदिर अकेले राजस्थान में हैं, बाकी 153 अन्य राज्यों में हैं. जिन्हें यहां के राजाओं ने अपनी आस्था के अनुसार अलग-अलग जगह पर स्थापित किया था.

क्या कहा कटारिया ने, सुनिए...

467 में से 285 पद खालीः कटारिया ने देवस्थान विभाग की दुर्दशा पर चिंता जाहिर करते हुए (Rajasthan Vidhan Sabha Proceedings) कहा कि इस विभाग की हालत इस तरह से बिगाड़ दी गई है. इसमें कोई भी ठीक तरीके से काम नहीं करना चाहता. हालात यह है कि देवस्थान विभाग में 267 कुल पद हैं, जिसमें 285 पद खाली चल रहे हैं और यह वह पद हैं जो अधीनस्थ पद माने जाते हैं. जिसमें निरीक्षक पद के 15 में से 13 पद खाली हैं.

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मैनेजर प्रथम के 11 में से 11 पद खाली हैं. मैनेजर द्वितीय के 13 में से 11 पद खाली हैं. पुजारी 94 में से 76 पद खाली हैं. वहीं, सेवागीर के 144 में से 106 पद खाली हैं. यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि इस विभाग में इस तरह से पद खाली पड़े हैं. कटारिया ने कहा कि 1989 से इस विभाग में भर्ती हुई थी. हालांकि, उसके बाद 25 साल बाद पिछले दिनों परीक्षा हुई, लेकिन उसका रिजल्ट अभी तक नहीं आया.

दिमाग के ताले लग जाएंगेः नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि प्रदेश की गहलोत सरकार देवस्थान विभाग को किसी तरह की कोई तवज्जो नहीं देती है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु हर साल हमारे अलग-अलग धार्मिक स्थलों पर पहुंचते हैं. लोगों की आस्था के केंद्रों पर सरकार की यह बेरुखी मन को बहुत ज्यादा पीड़ा देती है.

कटारिया ने कहा कि जिस तरह से सरकार की ओर से बजट इस विभाग को दिया जाता है, उसे भी खर्च नहीं किया गया. आंकड़े उठा कर देखेंगे तो सामने आएगा कि किस तरह से सरकार ने करोड़ों के बजट में लाखों भी खर्च नहीं किए. कटारिया ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि इन मंदिरों की दुर्दशा पर सरकार ध्यान दें. यह मंदिर ठीक है तब तक हम ठीक हैं, वरना तो हमारे दिमाग के ताले भी लग जाएंगे.

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अधिकारियों को लगता है गड्ढे में लगा दियाः कटारिया ने कहा कि देवस्थान विभाग को कर्मचारी और अधिकारी भी इस तरह से लेते हैं जैसे मानो उन्हें किसी पनिशमेंट के तहत इस विभाग में तबादला किया है. अधिकारियों को इस विभाग में आने से कांटे चुभते हैं. उन्हें लगता है कि हमें इस गड्ढे में डाल दिया है. भगवान की सेवा का भाव किसी भी कर्मचारी अधिकारी में नहीं है और ना ही उनकी इस विभाग के साथ इन मंदिरों के प्रति आस्था है.

सुधार होगा तो पर्यटक अच्छा संदेश देंगेः नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि आस्था के केंद्र वाले विभाग को सरकार को भी उच्च प्राथमिकता पर लेना होगा. अधिकारी कर्मचारियों को साथ में मंत्रियों को भी इस बात को लेकर पाबंद करना होगा कि जो बजट सरकार की ओर से जारी किया जा रहा है, इसे पूरा खर्च किया जाए.

हमारे मंदिर अगर सुरक्षित और अच्छी स्थिति में होंगे तो यहां (Kataria Warned Gehlot Government for Temple Condition) पर जो देश-विदेश से पर्यटक आस्था का केंद्र मानते हुए आते हैं वह भी एक अच्छा संदेश लेकर जाएंगे. कटारिया ने कहा कि इस विभाग को अगर सरकार प्राथमिकता से लेकर काम करे तो हम इसके जरिए प्रदेश में पर्यटकों की संख्या को बढ़ा सकते हैं.

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