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Kalraj Mishra on Organic Farming : जैविक खेती को आम किसान की पहुंच में लाने के लिए प्रयास किए जाएं...

राज्यपाल के कलराज मिश्र ने कहा है कि जैविक खेती को किफायती और आम किसान की पहुंच में लाने के लिए (Kalraj Mishra on Organic Farming) कृषि क्षेत्र में शोध और अनुसंधान किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति को हो रहे नुकसान को देखते हुए लाभकारी गैर-रासायनिक खेती पर कार्य करने की आवश्यकता है.

Kalraj Mishra on Organic Farming
राज्यपाल के कलराज मिश्र
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Published : Feb 21, 2022, 5:55 PM IST

जयपुर. राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर के दीक्षान्त समारोह में सोमवार को राजभवन से ऑनलाइन सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने 'आत्मनिर्भर भारत' की सोच को साकार करने के लिए देश के कृषि संसाधनों का समुचित सदुपयोग कर युवाओं को स्वावलम्बी बनाने पर बल दिया.

अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि प्रसार शिक्षा के अंतर्गत किसानों को जैविक खेती के लिए तैयार करने की जरूरत है. मिश्र ने कहा कि छोटे किसानों के लिए 'पॉली हाउस खेती' की तकनीक फसल उत्पादन बढ़ाने में वरदान साबित हो सकती है. विश्वविद्यालय को इस तकनीक की व्यावहारिकता का परीक्षण कर छोटे किसानों के लिए इसे उपयोगी बनाने की दिशा में कार्य करना चाहिए.

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि (Emphasis on poly house farming) फसल भंडारण की उचित व्यवस्था, भण्डारण के लिए किसानों को मिलने वाली ऋण सुविधाओं और सरकारी की कृषि योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में किसानों को परामर्श उपलब्ध कराने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों को पहल करनी चाहिए. उन्होंने वर्षाजल संरक्षण और परम्परागत जल स्त्रोतों की सार संभाल के लिए आम किसान को जागरूक करने की आवश्यकता पर भी बल दिया.

पढ़ें : Governor Kalraj Mishra : कोरोना काल में सहायक साबित हुई है Online शिक्षा, केंद्र सरकार ने बजट में किए खास प्रावधान

कृषि, पशुपालन और मत्स्य विभाग मंत्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि किसानों और पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार कई नवाचार कर रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में लघु और सीमान्त किसानों को कम किराये में कृषि यंत्र व उपकरण उपलब्ध कराने के लिए कस्टम हायरिंग सेन्टर स्थापित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, तापमान वृद्धि, जल स्तर में आ रही कमी को देखते हुए कृषि विश्वविद्यालयों को फसलों की ऐसी किस्में विकसित करने पर ध्यान केन्द्रित करना होगा, जो बदलती परिस्थितियों में भी पर्याप्त उत्पादन दे सकें.

कुलाधिपति मिश्र ने दीक्षान्त समारोह में पीएचडी, स्नातक, स्नातकोत्तर की उपाधियां तथा सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किए. इस दौरान राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित विद्या मंडप का ई-लोकार्पण किया. उन्होंने 'संकल्प से सिद्धि' और 'खजूर की उन्नत उत्पादन' तकनीक पुस्तकों का ई-लोकार्पण भी किया. समारोह के आरम्भ में उपस्थित अतिथियों, शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को भारतीय संविधान की उद्देश्यिका एवं संविधान के अनुच्छेद 51 (क) में वर्णित मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया.

इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्द राम जायसवाल, विश्वविद्यालय प्रबंध मण्डल के सदस्यगण, शिक्षकगण और विद्यार्थीगण प्रत्यक्ष एवं ऑनलाइन उपस्थित रहे.

तीन हजार से अधिक जुड़े ऑनलाइन...
विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ऑनलाइन समारोह से 3 हजार से अधिक लोग जुड़े. कार्यक्रम के लिए 790 विद्यार्थियों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया. वहीं, विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर 950, यू-ट्यूब पर 1 हजार 127, विष्वविद्यालय की वेबसाइट पर 174 तथा वेबेक्स पर 816 व्यक्ति समारोह से जुड़े. संचालन डॉ. मंजू राठौड़ ने किया. इस दौरान कृषि संकाय अध्यक्ष डॉ. आईपी सिंह, सामुदायिक विज्ञान संकाय अध्यक्ष डॉ. विमला डुकवाल तथा कृषि व्यवसाय संकाय अध्यक्ष डॉ. मधु शर्मा मौजूद रहे.

जयपुर. राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर के दीक्षान्त समारोह में सोमवार को राजभवन से ऑनलाइन सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने 'आत्मनिर्भर भारत' की सोच को साकार करने के लिए देश के कृषि संसाधनों का समुचित सदुपयोग कर युवाओं को स्वावलम्बी बनाने पर बल दिया.

अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि प्रसार शिक्षा के अंतर्गत किसानों को जैविक खेती के लिए तैयार करने की जरूरत है. मिश्र ने कहा कि छोटे किसानों के लिए 'पॉली हाउस खेती' की तकनीक फसल उत्पादन बढ़ाने में वरदान साबित हो सकती है. विश्वविद्यालय को इस तकनीक की व्यावहारिकता का परीक्षण कर छोटे किसानों के लिए इसे उपयोगी बनाने की दिशा में कार्य करना चाहिए.

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि (Emphasis on poly house farming) फसल भंडारण की उचित व्यवस्था, भण्डारण के लिए किसानों को मिलने वाली ऋण सुविधाओं और सरकारी की कृषि योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में किसानों को परामर्श उपलब्ध कराने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों को पहल करनी चाहिए. उन्होंने वर्षाजल संरक्षण और परम्परागत जल स्त्रोतों की सार संभाल के लिए आम किसान को जागरूक करने की आवश्यकता पर भी बल दिया.

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कृषि, पशुपालन और मत्स्य विभाग मंत्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि किसानों और पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार कई नवाचार कर रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में लघु और सीमान्त किसानों को कम किराये में कृषि यंत्र व उपकरण उपलब्ध कराने के लिए कस्टम हायरिंग सेन्टर स्थापित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, तापमान वृद्धि, जल स्तर में आ रही कमी को देखते हुए कृषि विश्वविद्यालयों को फसलों की ऐसी किस्में विकसित करने पर ध्यान केन्द्रित करना होगा, जो बदलती परिस्थितियों में भी पर्याप्त उत्पादन दे सकें.

कुलाधिपति मिश्र ने दीक्षान्त समारोह में पीएचडी, स्नातक, स्नातकोत्तर की उपाधियां तथा सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किए. इस दौरान राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित विद्या मंडप का ई-लोकार्पण किया. उन्होंने 'संकल्प से सिद्धि' और 'खजूर की उन्नत उत्पादन' तकनीक पुस्तकों का ई-लोकार्पण भी किया. समारोह के आरम्भ में उपस्थित अतिथियों, शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को भारतीय संविधान की उद्देश्यिका एवं संविधान के अनुच्छेद 51 (क) में वर्णित मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया.

इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्द राम जायसवाल, विश्वविद्यालय प्रबंध मण्डल के सदस्यगण, शिक्षकगण और विद्यार्थीगण प्रत्यक्ष एवं ऑनलाइन उपस्थित रहे.

तीन हजार से अधिक जुड़े ऑनलाइन...
विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ऑनलाइन समारोह से 3 हजार से अधिक लोग जुड़े. कार्यक्रम के लिए 790 विद्यार्थियों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया. वहीं, विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर 950, यू-ट्यूब पर 1 हजार 127, विष्वविद्यालय की वेबसाइट पर 174 तथा वेबेक्स पर 816 व्यक्ति समारोह से जुड़े. संचालन डॉ. मंजू राठौड़ ने किया. इस दौरान कृषि संकाय अध्यक्ष डॉ. आईपी सिंह, सामुदायिक विज्ञान संकाय अध्यक्ष डॉ. विमला डुकवाल तथा कृषि व्यवसाय संकाय अध्यक्ष डॉ. मधु शर्मा मौजूद रहे.

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