जयपुर. कोरोना से चल रही जंग को सियासी वायरस कमजोर करने में जुटा है. अब मौजूदा चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के प्रदेश में कोरोना वायरस से मृत्यु दर को राष्ट्रीय मृत्यु दर से कम बताए जाने संबंधी बयान को भाजपा ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. पूर्व चिकित्सा मंत्री और भाजपा के मौजूदा विधायक काली चरण सराफ ने यह तक कहा है कि यदि चिकित्सा मंत्री इस तरह के बयान देंगे तो उससे मंत्र मुक्त होकर स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारी और चिकित्सक अपने काम में लापरवाही बरतेंगे. जिससे कोरोना से चल रही जंग प्रभावित हो सकती है.
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काली चरण सराफ ने एक बयान जारी कर कहा कि कोरोना वायरस से होने वाली राष्ट्रीय मृत्यु दर 3.30प्रतिशत है और प्रदेश में मृत्यु दर 2.83 प्रतिशत है, मात्र 0.47 प्रतिशत के मामूली अंतर है. लेकिन इस पर भी स्वास्थ्य मंत्री अपनी पीठ थपथपाने में लगे हैं. सराफ के अनुसार आज राजस्थान कोरोना संक्रमित मरीजों के मामले में देश के प्रथम पांच राज्यों में शामिल है. उस समय यदि स्वास्थ्य मंत्री ऐसे बयान देकर खुद की पीठ थपथपाएंगे तो इसका परिणाम जनता के लिए घातक हो सकता है. क्योंकि जब स्वास्थ्य मंत्री इन छोटी-छोटी बातों को लेकर दूसरी नाकामियां छुपाने के लिए सरकार के पीठ थपथपाएंगे तो, विभाग के अधिकारी भी अपने काम में लापरवाही करेंगे और लगन से काम नहीं करेंगे. संकट के दौर में ये घातक हो सकता है.
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संकट के दौर में हाथी पलकों की मदद करे सरकार: सराफ
वहीं, भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने प्रदेश सरकार से संकट की इस घड़ी में शहर में हाथी सवारी बंद होने से विपदा में आए हाथी पालकों की आर्थिक मदद करने की मांग की है. सराफ ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि, संकट की इस घड़ी में हाथी पालकों के परिवार के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. क्योंकि एक हाथी को खिलाने पिलाने और दवाई में प्रतिदिन 2 से 3 हजार का खर्चा आता है. साथ ही उसके चालक का खर्चा अलग है. ऐसे में काम बंद होने से हाथी वालों को हाथी के साथ अपने परिवार का खर्चा उठाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.