जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने रिश्वत में अस्मत मांगने के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे आरोपी निलंबित आरपीएस कैलाश बोहरा की जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी कर ली है. अदालत अर्जी पर 26 मार्च को फैसला देगी.
अर्जी में अधिवक्ता संदीप लुहाड़िया ने बताया कि प्रार्थी आरपीएस के पास परिवादी महिला का कोई काम लंबित नहीं था. परिवादी आपराधिक छवि की महिला है, जिसने गत जुलाई माह में अपने होने वाले पति के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था, जिसमें प्रार्थी की सिफारिश पर पुलिस ने एक महिला को गिरफ्तार किया था. ऐसे में प्रार्थी पर यह आरोप लगाना गलत है कि उसने परिवादी महिला से रिश्वत की मांग की.
यह भी पढ़ेंः राजस्व प्राप्ति के साथ आम जनता को राहत देना है विभाग का मुख्य कार्य : परिवहन मंत्री
गत 14 मार्च को परिवादी महिला ने प्रार्थी को आधा दर्जन मिस कॉल किए थे. इस पर प्रार्थी की ओर से इसका कारण पूछने पर महिला ने मुकदमें के संबंध में मिलकर कुछ दस्तावेज देने की बात कही, लेकिन एसीबी अधिकारियों से मिलीभगत कर प्रार्थी को फंसाया गया. इसके अलावा प्रार्थी के कमरे से सड़क पर देखने के लिए कांच का बहुत बड़ा पारदर्शी शीशा लगा हुआ है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अर्जी पर 26 मार्च को फैसला देना तय किया है.