जयपुर. नाबालिग के साथ कुकर्म का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. पीड़ित बालक की मां ने इस पूरे प्रकरण में उनके ही खिलाफ मामला दर्ज होने से परेशान होकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा. इसमें खुद की सुरक्षा और राजस्थान से बाहर अन्य स्थान पर रहने की मंशा जताई थी. अब इसी प्रकरण को भाजपा ने सियासी रंग देते हुए प्रदेश की गहलोत सरकार पर जुबानी हमला बोला है.
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा है कि मौजूदा गहलोत सरकार के कार्यकाल में लगातार अपराधों के आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है. महिला और दलित अत्याचार में राजस्थान पहले नंबर पर आ चुका है. चतुर्वेदी ने भरतपुर में नाबालिग बालक के साथ हुई घटना की निंदा की और यह भी कहा कि आज राजस्थान में कोई भी सुरक्षित नहीं है.
चतुर्वेदी ने कहा कि राजस्थान में गृह विभाग की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संभाल रहे हैं. ऐसे में यादव मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें या फिर सार्वजनिक रूप से स्वीकार करें कि वह गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने में सक्षम हैं. चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि जिस तरह का माहौल राजस्थान में अपराधों का बना है, उसके बाद अब आमजन की निगाहें और उम्मीद केंद्र के मोदी सरकार पर टिकी है.
बेनीवाल ने लिखा चीफ जस्टिस को पत्र, आरोपी जज और कर्मचारियों को बर्खास्त करने की मांग...
आरएलपी संयोजक और सांसद हनुमान बेनीवाल ने भरतपुर नाबालिग बालक से हुए यौन दुराचार के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर एसीबी के विशेष कोर्ट के आरोपी जज और अन्य कार्मिकों को बर्खास्त करने की मांग की है.
बेनीवाल ने अपने पत्र में 14 वर्षीय बालक के साथ कुकर्म के प्रकरण को शर्मसार करने वाली घटना बताया और यह भी लिखा कि एक तरफ आम जनता जिस न्याय के लिए सबसे ज्यादा भरोसा न्यायपालिका पर करती है. ऐसे में न्यायपालिका में जज के पद पर बैठे व्यक्ति जितेंद्र सिंह गुलिया द्वारा दो कार्मिकों के साथ मिलकर जो कृत्य किया गया है, उससे हर कोई स्तब्ध है. बेनीवाल ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए आरोपी जज और अन्य 2 कार्मिकों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने और इनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश देकर एक नजीर पेश करने का आग्रह भी चीफ जस्टिस से किया.