जयपुर. सैकड़ों डॉक्टरों को ऋण दिलवाकर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले गैंग में चार सहयोगियों और नामजद आरोपियों को एसओजी ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले गैंग के मुख्य आरोपी डॉ. रामलखन सहित दो अन्य को एसओजी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.
प्राथमिक पूछताछ में सामने आया है कि चारों आरोपी विकास, लक्ष्मीनारायण, राधामोहन और करण गुर्जर गैंग के मुख्य आरोपी डॉ रामलखन की कंपनी में डीसीए के रूप में काम करते थे. चारों आरोपी डॉक्टर से संपर्क किया करते थे और उन्हें विभिन्न बैंकों से कम समय में बड़ा लोन दिलवाने का झांसा दिया करते थे. ये डॉक्टर्स के दस्तावेजों को हासिल करके और उन दस्तावेजों के कई सेट बनाकर अलग-अलग बैंकों में लोन के लिए आवेदन कर देते थे.
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साथ ही इन एजेंटों की ओर से महज अपना मोटा कमीशन प्राप्त करने के लिए डॉक्टरों को जानबूझकर एक से ज्यादा बैंकों से उनकी क्षमता से ज्यादा लोन दिलवाया जाता था. वहीं डॉ. रामलखन और उनके सहयोगियों द्वारा 10 लाख 8 हजार प्रति माह मुनाफे का लालच देकर ऋण की राशि को खुद के व्यवसाय में निवेश करवाया जाता था.
बता दें कि ये ठग इतने शातिर थे कि इन्हें पता था, यदि किसी एक बैंक से किसी आवेदन का उसकी क्षमता के अनुसार लोन स्वीकृत हो जाता है. तो कुछ दिनों में वे लोग उस लोन धारक की सिबिल रिपोर्ट में आता है और इस आधार पर उसका ऋण के लिए किया गया आवेदन खारिज हो सकता है.
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इसलिए इस गैंग ने एक ही समय पर डॉक्टर्स के लोन आवेदन को एक साथ करीब 10 बैंकों में लगाया गया. फिर जिन बैंकों से लोन स्वीकृत हो गया, उन बैंकों से लोन एग्रीमेंट प्राप्त कर डॉक्टर के साइन करवा देते थे. फिर जब सभी बैंकों से लोन स्वीकृत हो जाता था. तब एक साथ सभी बैंकों में लोन डिस्बर्स के लिए एग्रीमेंट की कॉपी लगा दी जाती. और इस कारण एक ग्राहक को मल्टीपल बैंकों से स्वीकृत लोन सभी बैंकों से लगभग एक ही समय पर डिस्बर्स होकर ठगी के शिकार डॉक्टर के बैंक खाते में आ जाता.