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जयपुर में एसओजी की कार्रवाई, डॉक्टर्स से ठगी करने वाले 4 आरोपी गिरफ्तार

जयपुर एसओजी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए संगठित गिरोह बनाकर चिकित्सकों से ठगी करने के मामले में 4 शातिरों को दबोचा है. बता दें कि यह बदमाश डॉक्टरों को ऋण दिलवाकर ठगी के जाल में फंसाते थे. इससे पहले इन गैंग का मुख्य आरोपी डॉ. रामलखन एसओजी के हत्थे चढ़ चुका है.

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Published : Sep 5, 2019, 4:53 AM IST

जयपुर. सैकड़ों डॉक्टरों को ऋण दिलवाकर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले गैंग में चार सहयोगियों और नामजद आरोपियों को एसओजी ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले गैंग के मुख्य आरोपी डॉ. रामलखन सहित दो अन्य को एसओजी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.

sog ने डॉक्टर्स से ठगने वाले गिरोह को दबोचा

प्राथमिक पूछताछ में सामने आया है कि चारों आरोपी विकास, लक्ष्मीनारायण, राधामोहन और करण गुर्जर गैंग के मुख्य आरोपी डॉ रामलखन की कंपनी में डीसीए के रूप में काम करते थे. चारों आरोपी डॉक्टर से संपर्क किया करते थे और उन्हें विभिन्न बैंकों से कम समय में बड़ा लोन दिलवाने का झांसा दिया करते थे. ये डॉक्टर्स के दस्तावेजों को हासिल करके और उन दस्तावेजों के कई सेट बनाकर अलग-अलग बैंकों में लोन के लिए आवेदन कर देते थे.

यह भी पढ़ें- जयपुर: 2003 से लंबित चल रहे नगर निगम से जुड़े 132 मृतक आश्रितों को दिया गया नियुक्ति पत्र

साथ ही इन एजेंटों की ओर से महज अपना मोटा कमीशन प्राप्त करने के लिए डॉक्टरों को जानबूझकर एक से ज्यादा बैंकों से उनकी क्षमता से ज्यादा लोन दिलवाया जाता था. वहीं डॉ. रामलखन और उनके सहयोगियों द्वारा 10 लाख 8 हजार प्रति माह मुनाफे का लालच देकर ऋण की राशि को खुद के व्यवसाय में निवेश करवाया जाता था.

बता दें कि ये ठग इतने शातिर थे कि इन्हें पता था, यदि किसी एक बैंक से किसी आवेदन का उसकी क्षमता के अनुसार लोन स्वीकृत हो जाता है. तो कुछ दिनों में वे लोग उस लोन धारक की सिबिल रिपोर्ट में आता है और इस आधार पर उसका ऋण के लिए किया गया आवेदन खारिज हो सकता है.

यह भी पढ़ें- प्रदेश में एफआईआर की संख्या बढ़ने पर जनता ना हो भयभीत: मुख्यमंत्री गहलोत

इसलिए इस गैंग ने एक ही समय पर डॉक्टर्स के लोन आवेदन को एक साथ करीब 10 बैंकों में लगाया गया. फिर जिन बैंकों से लोन स्वीकृत हो गया, उन बैंकों से लोन एग्रीमेंट प्राप्त कर डॉक्टर के साइन करवा देते थे. फिर जब सभी बैंकों से लोन स्वीकृत हो जाता था. तब एक साथ सभी बैंकों में लोन डिस्बर्स के लिए एग्रीमेंट की कॉपी लगा दी जाती. और इस कारण एक ग्राहक को मल्टीपल बैंकों से स्वीकृत लोन सभी बैंकों से लगभग एक ही समय पर डिस्बर्स होकर ठगी के शिकार डॉक्टर के बैंक खाते में आ जाता.

जयपुर. सैकड़ों डॉक्टरों को ऋण दिलवाकर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले गैंग में चार सहयोगियों और नामजद आरोपियों को एसओजी ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले गैंग के मुख्य आरोपी डॉ. रामलखन सहित दो अन्य को एसओजी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.

sog ने डॉक्टर्स से ठगने वाले गिरोह को दबोचा

प्राथमिक पूछताछ में सामने आया है कि चारों आरोपी विकास, लक्ष्मीनारायण, राधामोहन और करण गुर्जर गैंग के मुख्य आरोपी डॉ रामलखन की कंपनी में डीसीए के रूप में काम करते थे. चारों आरोपी डॉक्टर से संपर्क किया करते थे और उन्हें विभिन्न बैंकों से कम समय में बड़ा लोन दिलवाने का झांसा दिया करते थे. ये डॉक्टर्स के दस्तावेजों को हासिल करके और उन दस्तावेजों के कई सेट बनाकर अलग-अलग बैंकों में लोन के लिए आवेदन कर देते थे.

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साथ ही इन एजेंटों की ओर से महज अपना मोटा कमीशन प्राप्त करने के लिए डॉक्टरों को जानबूझकर एक से ज्यादा बैंकों से उनकी क्षमता से ज्यादा लोन दिलवाया जाता था. वहीं डॉ. रामलखन और उनके सहयोगियों द्वारा 10 लाख 8 हजार प्रति माह मुनाफे का लालच देकर ऋण की राशि को खुद के व्यवसाय में निवेश करवाया जाता था.

बता दें कि ये ठग इतने शातिर थे कि इन्हें पता था, यदि किसी एक बैंक से किसी आवेदन का उसकी क्षमता के अनुसार लोन स्वीकृत हो जाता है. तो कुछ दिनों में वे लोग उस लोन धारक की सिबिल रिपोर्ट में आता है और इस आधार पर उसका ऋण के लिए किया गया आवेदन खारिज हो सकता है.

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इसलिए इस गैंग ने एक ही समय पर डॉक्टर्स के लोन आवेदन को एक साथ करीब 10 बैंकों में लगाया गया. फिर जिन बैंकों से लोन स्वीकृत हो गया, उन बैंकों से लोन एग्रीमेंट प्राप्त कर डॉक्टर के साइन करवा देते थे. फिर जब सभी बैंकों से लोन स्वीकृत हो जाता था. तब एक साथ सभी बैंकों में लोन डिस्बर्स के लिए एग्रीमेंट की कॉपी लगा दी जाती. और इस कारण एक ग्राहक को मल्टीपल बैंकों से स्वीकृत लोन सभी बैंकों से लगभग एक ही समय पर डिस्बर्स होकर ठगी के शिकार डॉक्टर के बैंक खाते में आ जाता.

Intro:जयपुर एसओजी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए संगठित गिरोह बनाकर चिकित्सको से ठगी करने के मामले में 4 शातिरों को दबोचा है. जो कि डॉक्टरों को ऋण दिलवाकर ठगी के जाल में फंसाते थे. इससे पहले इन गैंगे का मुख्य आरोपी डॉ रामलखन एसओजी के हत्थे चढ़ चुका है.


Body:जयपुर : सैकड़ों डॉक्टरों को ऋण दिलवाकर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले गैंग में सहयोगी चार और नामजद आरोपियों को एसओजी ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले गैंग के मुख्य आरोपी डॉ रामलखन सहित दो अन्य को एसओजी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.

प्राथमिक पूछताछ में सामने आया है, कि चारों आरोपी विकास, लक्ष्मीनारायण, राधामोहन और करण गुर्जर गैंग के मुख्य आरोपी डॉ रामलखन की कंपनी में डीसीए के रूप में काम करते थे. इन चारों आरोपीयों द्वारा डॉक्टर से संपर्क किया जाता और उन्हें विभिन्न बैंकों से कम समय में बड़ा लोन दिलवाने का झांसा दिया जाता. ये डॉक्टर के दस्तावेज हासिल करते हैं और उन दस्तावेजों के कई सेट बनाकर अलग-अलग बैंकों में लोन के लिए आवेदन कर देते.

साथ ही इन एजेंटों के द्वारा महज अपना मोटा कमीशन प्राप्त करने के लिए डॉक्टरों को जानबूझकर एक से ज्यादा बैंकों से उनकी क्षमता से ज्यादा लोन दिलवाया जाता था. वही डॉ रामलखन और उनके सहयोग के द्वारा 10 लाख 8 हजार प्रति माह मुनाफे का लालच देकर ऋण की राशि को खुद के व्यवसाय में निवेश करवाया जाता था. ये ठग इतने शातिर थे कि इन्हें पता था, कि यदि किसी एक बैंक से किसी आवेदन का उसकी क्षमता के अनुसार लोन स्वीकृत हो जाता है. तो कुछ दिनों में वे लोग उस लोन धारक की सिबिल रिपोर्ट में आता है. और इस आधार पर उसका ऋण के लिए किए गया आवेदन खारिज हो सकता है.

इसलिए इस गैंग ने एक ही समय पर डॉक्टर्स के लोन आवेदन को एक साथ करीब 10 बैंकों में लगाया गया. फिर जिन बैंकों से लोन स्वीकृत हो गया, उन बैंकों से लोन एग्रीमेंट प्राप्त कर डॉक्टर के साइन करवा दे. फिर जब सभी बैंकों से लोन स्वीकृत हो जाता तब एक साथ सभी बैंकों में लोन डिस्बर्स होकर के लिए एग्रीमेंट की कॉपी लगा दी जाती. और इस कारण एक ग्राहक को मल्टीपल बैंकों से स्वीकृत लोन सभी बैंकों से लगभग एक ही समय पर डिस्बर्स होकर ठगी के शिकार डॉक्टर के बैंक खाते में आ जाता.

पीटीसी- विशाल शर्मा, संवाददाता,जयपुर


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