जमवारामगढ़ (जयपुर). कहते हैं अगर जीवन में लक्ष्य और जुनून हो तो बड़ी से बड़ी सफलता भी हासिल की जा सकती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले एक किसान परिवार के बेटे ने. हम बात कर रहे हैं राजधानी जयपुर के ग्रामीण विधानसभा जमवारामगढ़ के खवारानीजी गांव के प्रहलाद नारायण शर्मा की. जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में 104 वीं रैंक हासिल करते हुए (Prahlad Narayan Sharma secured 104th rank in UPSC Examination 2021) आईएएस की परीक्षा पास की है.
ईटीवी भारत से बातचीत में प्रहलाद नारायण शर्मा के बड़े भाई डॉक्टर सूरज शर्मा का कहना है कि प्रहलाद मोटीवेटर था और वह हमेशा लोगों को मोटिवेट करता रहता था. उसमें कहीं पर भी डिमोटिवेट नहीं था और उसने पहले पीएमटी की तैयारी की थी लेकिन जब पीएमटी में सलेक्शन नहीं हुआ तो उसने आईएएस बनने की ठानी और अंततः उसने सफलता भी हासिल की है. प्रहलाद अपने पांच भाइयों में सबसे छोटा हैं. किसान के बेटे का आईएएस में सिलेक्शन होने के बाद पूरे गांव, तहसील, जिले में खुशी की लहर है. प्रहलाद नारायण का आईएएस में सलेक्शन होने के बाद जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्धन राठौर एवं हरियाणा गौड़ ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिरदी चंद शर्मा समेत कई जनप्रतिनिधियों एवं परिचितों ने बधाई एवं शुभकामनाएं भी दी हैं.
मेन्स और इंटरव्यू पहली बार में क्लीयर: प्रहलाद ने बताया कि उन्होंने आईएस की तैयारी 2017 में शुरू की थी. तब से आईएएस प्री परीक्षा चार बार दी. उसमें से शुरुआती तीन साल में सफलता नहीं मिली. इस बार प्री परीक्षा पास करने के साथ ही मेन्स और इंटरव्यू भी क्लीयर कर लिया. प्रहलाद ने 2014 में एग्रीकल्चर में ग्रेज्युवेशन और 2016 में भारतीय कृषि अनुंसधान संस्थान नई दिल्ली से पीजी किया. फिर 2017 में आईएएस की तैयारी शुरू की और अब 2022 में सफलता मिली. प्रहलाद का कहना है कि वे शिक्षा, महिला सशक्तीकरण और एग्रीकल्चर में कार्य करना चाहते हैं, ताकि इन सबको आगे बढ़ाकर देश की तरक्की में सहयोग दे सकें.
किसान परिवार में जन्म, सरकारी स्कूल से शिक्षा: प्रहलाद का जन्म खवारानीजी के किसान मांगीलाल शर्मा के यहां हुआ. उन्होंने 12वीं तक की शिक्षा खवारानीजी स्थित सरकारी स्कूल से की थी. मांगीलाल शर्मा ने प्रहलाद के अलावा खेती के दम पर चार अन्य भाइयों की पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. आज वे सब भी अपने पैरों पर खड़े हैं. किसान मांगीलाल का कहना है कि आज बहुत अच्छा लग रहा है कि मेरे बेटे प्रहलाद ने आइएएस में 104 रैंक प्राप्त की है. इससे न केवल मेरा नाम रोशन किया बल्कि पूरा पूरे जिले में अलग पहचान बनाई है.