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'कम्युनिटी पुलिसिंग' के तहत युवाओं से जुड़ेगी जयपुर पुलिस

राजधानी के ईदगाह और परकोटे क्षेत्र में जो हिंसा भड़की थी उसके पीछे मुख्य कारण सोशल मीडिया पर भड़काऊ मैसेज का वायरल होना था. हिंसा भड़काने वाले मैसेज वायरल होने के बाद उससे सर्वाधिक यूथ ही प्रभावित हुआ और आक्रोशित होकर तोड़फोड़ की थी. अब इसे लेकर पुलिस के आला अधिकारी भी चिंतित हैं.

Jaipur police will join youth, कम्युनिटी पुलिसिंग
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Published : Aug 20, 2019, 6:41 PM IST

जयपुर. राजधानी के ईदगाह और परकोटा क्षेत्र में भड़की हिंसा के बाद जब जयपुर पुलिस के आला अधिकारियों ने शांति समिति के सदस्यों के साथ आमजन से मुलाकात की तो यह पाया गया कि मीटिंग में कोई भी युवा भाग लेने नहीं आया. पुलिस के अनेक प्रयत्नों के बावजूद भी युवाओं में जयपुर पुलिस के साथ सीधे तौर पर जुड़ने की संभावना काफी कम नजर आई. इसे लेकर पुलिस के आला अधिकारी भी चिंतित है.

कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत युवाओं से जुड़ेगी जयपुर पुलिस

जयपुर के यूथ को अपने साथ जोड़ने के लिए अब जयपुर पुलिस एक नई रणनीति के तहत काम करने जा रही है. यूथ सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव है और अब जयपुर पुलिस भी सोशल मीडिया के जरिए ही यूथ को अपने साथ जोड़ने का प्रयास करती नजर आएगी.

पुलिस के आला अधिकारी हैं चिंतित:

राजधानी के ईदगाह और परकोटे क्षेत्र में जो हिंसा भड़की थी उसके पीछे मुख्य कारण सोशल मीडिया पर भड़काऊ मैसेज का वायरल होना था. हिंसा भड़काने वाले मैसेज वायरल होने के बाद उससे सर्वाधिक यूथ ही प्रभावित हुआ और आक्रोशित होकर तोड़फोड़ की. ऐसे में जब पुलिस के आला अधिकारियों ने विभिन्न इलाकों में मीटिंग कर आमजन से मुलाकात की और जुड़ना चाहा तो यह देखा गया कि यूथ ने मीटिंग में आने के लिए कोई भी दिलचस्पी नहीं दिखाई. जिसे देखते हुए जयपुर पुलिस के आला अधिकारी भी काफी चिंतित है.

ये भी पढ़ें: जयपुर में धारा 144 की अवधि को बढ़ाया गया...

एडिशनल पुलिस कमिश्नर संतोष चालके का कहना है कि कम्युनिटी पुलिसिंग के जरिए अब जयपुर पुलिस यूथ के साथ जुड़ने का प्रयास करेगी. इसके लिए जयपुर पुलिस अब एक नई रणनीति के तहत काम करेगी और सोशल मीडिया पर भी यूथ को अपने साथ जोड़ेगी. फिलहाल जयपुर पुलिस यूथ को अपने साथ जोड़ने के लिए एक नया प्रयोग करते हुए दिखाई देगी और देखने की बात होगी कि जयपुर पुलिस का यह नया प्रयोग कितना सफल रहता है.

जयपुर. राजधानी के ईदगाह और परकोटा क्षेत्र में भड़की हिंसा के बाद जब जयपुर पुलिस के आला अधिकारियों ने शांति समिति के सदस्यों के साथ आमजन से मुलाकात की तो यह पाया गया कि मीटिंग में कोई भी युवा भाग लेने नहीं आया. पुलिस के अनेक प्रयत्नों के बावजूद भी युवाओं में जयपुर पुलिस के साथ सीधे तौर पर जुड़ने की संभावना काफी कम नजर आई. इसे लेकर पुलिस के आला अधिकारी भी चिंतित है.

कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत युवाओं से जुड़ेगी जयपुर पुलिस

जयपुर के यूथ को अपने साथ जोड़ने के लिए अब जयपुर पुलिस एक नई रणनीति के तहत काम करने जा रही है. यूथ सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव है और अब जयपुर पुलिस भी सोशल मीडिया के जरिए ही यूथ को अपने साथ जोड़ने का प्रयास करती नजर आएगी.

पुलिस के आला अधिकारी हैं चिंतित:

राजधानी के ईदगाह और परकोटे क्षेत्र में जो हिंसा भड़की थी उसके पीछे मुख्य कारण सोशल मीडिया पर भड़काऊ मैसेज का वायरल होना था. हिंसा भड़काने वाले मैसेज वायरल होने के बाद उससे सर्वाधिक यूथ ही प्रभावित हुआ और आक्रोशित होकर तोड़फोड़ की. ऐसे में जब पुलिस के आला अधिकारियों ने विभिन्न इलाकों में मीटिंग कर आमजन से मुलाकात की और जुड़ना चाहा तो यह देखा गया कि यूथ ने मीटिंग में आने के लिए कोई भी दिलचस्पी नहीं दिखाई. जिसे देखते हुए जयपुर पुलिस के आला अधिकारी भी काफी चिंतित है.

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एडिशनल पुलिस कमिश्नर संतोष चालके का कहना है कि कम्युनिटी पुलिसिंग के जरिए अब जयपुर पुलिस यूथ के साथ जुड़ने का प्रयास करेगी. इसके लिए जयपुर पुलिस अब एक नई रणनीति के तहत काम करेगी और सोशल मीडिया पर भी यूथ को अपने साथ जोड़ेगी. फिलहाल जयपुर पुलिस यूथ को अपने साथ जोड़ने के लिए एक नया प्रयोग करते हुए दिखाई देगी और देखने की बात होगी कि जयपुर पुलिस का यह नया प्रयोग कितना सफल रहता है.

Intro:जयपुर
एंकर- राजधानी के ईदगाह और परकोटा क्षेत्र में भड़की हिंसा के बाद जब जयपुर पुलिस के आला अधिकारियों ने शांति समिति के सदस्यों के साथ आमजन से मुलाकात की तो यह पाया गया कि मीटिंग में कोई भी युवा भाग लेने नहीं आया। पुलिस के अनेक प्रयत्नों के बावजूद भी युवाओं में जयपुर पुलिस के साथ सीधे तौर पर जुड़ने की संभावना काफी कम नजर आई। जिसको लेकर पुलिस के आला अधिकारी भी चिंतित है। जयपुर के यूथ को अपने साथ जोड़ने के लिए अब जयपुर पुलिस एक नई रणनीति के तहत काम करने जा रही है। यूथ सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव है और अब जयपुर पुलिस भी सोशल मीडिया के जरिए ही यूथ को अपने साथ जोड़ने का प्रयास करती नजर आएगी।Body:वीओ- राजधानी के ईदगाह और परकोटे क्षेत्र में जो हिंसा भड़की थी उसके पीछे मुख्य कारण सोशल मीडिया पर भड़काऊ मैसेज का वायरल होना था। हिंसा भड़काने वाले मैसेज वायरल होने के बाद उससे सर्वाधिक यूथ ही प्रभावित हुआ और आक्रोशित होकर तोड़फोड़ की। ऐसे में जब पुलिस के आला अधिकारियों ने विभिन्न इलाकों में मीटिंग कर आमजन से मुलाकात की और जुड़ना चाहा तो यह देखा गया कि यूथ ने मीटिंग में आने के लिए कोई भी दिलचस्पी नहीं दिखाई। जिसे देखते हुए जयपुर पुलिस के आला अधिकारी भी काफी चिंतित है। एडिशनल पुलिस कमिश्नर संतोष चालके का कहना है कि कम्युनिटी पुलिसिंग के जरिए अब जयपुर पुलिस यूथ के साथ जुड़ने का प्रयास करेगी। इसके लिए जयपुर पुलिस अब एक नई रणनीति के तहत काम करेगी और सोशल मीडिया पर भी यूथ को अपने साथ जोड़ेगी। फिलहाल जयपुर पुलिस यूथ को अपने साथ जोड़ने के लिए एक नया प्रयोग करते हुए दिखाई देगी और देखने की बात होगी कि जयपुर पुलिस का यह नया प्रयोग कितना सफल रहता है।

बाइट- संतोष चालके, एडिशनल पुलिस कमिश्नर- जयपुरConclusion:
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