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डिजिटल फुटप्रिंट के आधार पर मोबाइल स्नेचर तक पहुंच रही जयपुर पुलिस

कमिश्नरेट स्पेशल टीम और साइबर सेल के को-आर्डिनेशन से जयपुर पुलिस ने पिछले 2 महीने में सैकड़ों की संख्या में मोबाइल बरामद किए गए हैं. साथ ही दर्जनों बदमाशों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. जयपुर पुलिस की साइबर सेल बदमाशों की लोकेशन डिजिटल फुटप्रिंट के आधार पर ट्रेस करती है.

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डिजिटल फुटप्रिंट के आधार पर मोबाइल स्नेचर तक पहुंच रही जयपुर पुलिस
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Published : Aug 27, 2020, 3:28 PM IST

जयपुर. राजधानी में मोबाइल लूटने वाले गिरोह के बदमाशों पर लगाम लगाने के लिए कमिश्नरेट स्पेशल टीम की कार्रवाई लगातार जारी है. बदमाशों पर नकेल कसने के लिए जयपुर पुलिस की साइबर सेल भी लगातार बदमाशों पर अपनी नजर बनाए हुए हैं. कमिश्नरेट स्पेशल टीम और साइबर सेल के को-आर्डिनेशन के चलते ही जयपुर पुलिस द्वारा गत 2 माह में सैकड़ों की संख्या में मोबाइल बरामद किए गए हैं और इसके साथ ही दर्जनों बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है.

डिजिटल फुटप्रिंट के आधार पर मोबाइल स्नेचर तक पहुंच रही जयपुर पुलिस

एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अजयपाल लांबा ने बताया कि मोबाइल लूटने वाले बदमाशों पर लगाम लगाने के लिए जयपुर पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है. कोई भी मोबाइल चोरी हो जाने पर या बदमाशों द्वारा लूट लेने पर या फिर खो जाने पर उसका एक डिजिटल फुटप्रिंट तैयार किया जाता है. डिजिटल फुटप्रिंट के आधार पर जयपुर पुलिस की साइबर सेल बदमाशों की लोकेशन को ट्रेस करती है.

यह भी पढ़ें- 7 सितंबर से आमजन के लिए खुल सकेंगे धार्मिक स्थल, लेकिन रहेंगी ये पाबंदियां

लोकेशन ट्रेस होने के बाद उसकी सूचना कमिश्नरेट स्पेशल टीम को दी जाती है. जिस पर कार्रवाई करते हुए बदमाशों के ठिकानों पर दबिश दी जाती है और उन्हें गिरफ्तार कर लूटे गए मोबाइल बरामद किए जाते हैं. डिजिटल फुटप्रिंट के चलते ही जयपुर पुलिस अनेक बड़ी वारदातों को सुलझाने में भी कामयाब रही है. जयपुर पुलिस की बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है.

डिजिटल फुटप्रिंट क्या होता है

दरअसल, मोबाइल जिस लोकेशन से चोरी हुआ है, और जिस लोकेशन पर वो दोबारा ऑन किया गया है. ऐसे में इस दौरान किस नेटवर्क से वो गुजरा है. उसका पुलिस की ओर से एक मैप तैयार किया जाता है, जिसके आधार पर पुलिस मोबाइल चोर तक पहुंचने की कोशिश करती है. जिसे डिजिटल फुटप्रिंट कहा जाता है.

जयपुर. राजधानी में मोबाइल लूटने वाले गिरोह के बदमाशों पर लगाम लगाने के लिए कमिश्नरेट स्पेशल टीम की कार्रवाई लगातार जारी है. बदमाशों पर नकेल कसने के लिए जयपुर पुलिस की साइबर सेल भी लगातार बदमाशों पर अपनी नजर बनाए हुए हैं. कमिश्नरेट स्पेशल टीम और साइबर सेल के को-आर्डिनेशन के चलते ही जयपुर पुलिस द्वारा गत 2 माह में सैकड़ों की संख्या में मोबाइल बरामद किए गए हैं और इसके साथ ही दर्जनों बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है.

डिजिटल फुटप्रिंट के आधार पर मोबाइल स्नेचर तक पहुंच रही जयपुर पुलिस

एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अजयपाल लांबा ने बताया कि मोबाइल लूटने वाले बदमाशों पर लगाम लगाने के लिए जयपुर पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है. कोई भी मोबाइल चोरी हो जाने पर या बदमाशों द्वारा लूट लेने पर या फिर खो जाने पर उसका एक डिजिटल फुटप्रिंट तैयार किया जाता है. डिजिटल फुटप्रिंट के आधार पर जयपुर पुलिस की साइबर सेल बदमाशों की लोकेशन को ट्रेस करती है.

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लोकेशन ट्रेस होने के बाद उसकी सूचना कमिश्नरेट स्पेशल टीम को दी जाती है. जिस पर कार्रवाई करते हुए बदमाशों के ठिकानों पर दबिश दी जाती है और उन्हें गिरफ्तार कर लूटे गए मोबाइल बरामद किए जाते हैं. डिजिटल फुटप्रिंट के चलते ही जयपुर पुलिस अनेक बड़ी वारदातों को सुलझाने में भी कामयाब रही है. जयपुर पुलिस की बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है.

डिजिटल फुटप्रिंट क्या होता है

दरअसल, मोबाइल जिस लोकेशन से चोरी हुआ है, और जिस लोकेशन पर वो दोबारा ऑन किया गया है. ऐसे में इस दौरान किस नेटवर्क से वो गुजरा है. उसका पुलिस की ओर से एक मैप तैयार किया जाता है, जिसके आधार पर पुलिस मोबाइल चोर तक पहुंचने की कोशिश करती है. जिसे डिजिटल फुटप्रिंट कहा जाता है.

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