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Ganesh Chaturthi : 59 साल बाद दुर्लभ संयोग, ब्रह्म और रवियोग में करें गणेश स्थापना

देवताओं में प्रथम पूज्य भगवान गणेश की उपासना का पर्व गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2021) आज शुक्रवार को देशभर में मनाया जा रहा है. इस बार गणेश चतुर्थी चित्रा नक्षत्र में आई है. करीब 59 साल बाद यह दुर्लभ संयोग बना है.

Ganesh Chaturthi 2021
गणेश चतुर्थी
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Published : Sep 10, 2021, 6:45 AM IST

जयपुर. देशभर में आज 10 सितंबर 2021 को गणेश चतुर्थी मनाया जा रहा है. आज ब्रह्म और रवियोग में प्रथम पूज्य भगवान गणपति की स्थापना की जाएगी. ज्योतिषाचार्य आचार्य पंडित विमल पारीक बताते हैं कि 59 साल पहले 1962 में चित्रा नक्षत्र में गणेश चतुर्थी आई थी. तब चंद्रमा शुक्र के साथ तुला राशि में थे. सूर्य, बुध, शुक्र और शनि ग्रह अपनी-अपनी राशि में स्थित थे.

इस बार भी यह विशेष योग कई मायनों में सकारात्मक परिणाम देने वाला रहेगा. उन्होंने बताया कि भगवान गणेश की मूर्ति को इस तरह स्थापित करना चाहिए कि विग्रह की पीठ उत्तर दिशा में और मुख दक्षिण की दिशा में हो. लकड़ी की चौकी पर पीला या लाल वस्त्र बिछाकर भगवान गणपति को विराजमान करना शुभ माना गया है.

जानिए गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त...

गणेश चतुर्थी 10 सितंबर 2021 को है. इस दिन दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे के बीच गणपति की स्थापना का सबसे उत्तम मुहूर्त है. इस साल गणेश चतुर्थी पर भद्रा का साया नहीं रहेगा.

पढ़ें : Horoscope Today 10 September 2021 राशिफल : मेष, वृषभ, सिंह, तुला, मकर, राशि वालों के लिए लाभदायी दिन

गणेश चतुर्थी को चंद्रमा का दर्शन माना गया है निषेध...

मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए. अगर भूलवश चंद्रमा के दर्शन हो भी जाए तो जमीन से एक पत्थर का टुकड़ा उठाकर पीछे की ओर फेंक देना चाहिए. इससे चंद्र दर्शन का दोष समाप्त हो जाता है.

दूर्वा और मोदक है विशेष प्रिय, गणपति को तुलसी चढ़ाना निषेध...

भगवान गणेश की पूजा करते समय दूब, घास, गन्ना और बूंदी के लड्डू या मोदक अर्पित करने चाहिए. ऐसा करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं. प्रथम पूज्य गणपति को तुलसी के पत्ते चढ़ाना निषेध माना गया है. कहा जाता है कि तुलसी ने भगवान गणेश को लंबोदर और गजमुख कहकर शादी का प्रस्ताव दिया था. इससे नाराज होकर भगवान गणपति ने उन्हें श्राप दे दिया था.

अपनी राशि के अनुसार गणपति की स्थापना करने से पूरी होती है मनोकामना...

  • मेष और वृश्चिक राशि वाले जातक को लाल रंग के गणपति स्थापित करने चाहिए.
  • वृष और तुला राशि वाले जातक सफेद और आभूषणों से युक्त गणपति स्थापित कर जल्द भगवान की कृपा पा सकते हैं.
  • मिथुन और कन्या राशि वाले जातकों के लिए हरे रंग से युक्त गणपति की स्थापना शुभ फल देने वाली मानी गई है.
  • कर्क राशि के लोग सफेद रंग की आभा वाले गणपति स्थापित कर अपनी सभी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं.
  • सिंह राशि के जातकों को भगवा रंग के गणपति स्थापित करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
  • धनु और मीन राशि के जातकों को पीले रंग की आभा वाले गणपति की स्थापित करनी चाहिए.
  • मकर और कुंभ राशि के जातकों को नीले या आसमानी रंग की आभा वाले गणपति की स्थापना करनी चाहिए.

जयपुर. देशभर में आज 10 सितंबर 2021 को गणेश चतुर्थी मनाया जा रहा है. आज ब्रह्म और रवियोग में प्रथम पूज्य भगवान गणपति की स्थापना की जाएगी. ज्योतिषाचार्य आचार्य पंडित विमल पारीक बताते हैं कि 59 साल पहले 1962 में चित्रा नक्षत्र में गणेश चतुर्थी आई थी. तब चंद्रमा शुक्र के साथ तुला राशि में थे. सूर्य, बुध, शुक्र और शनि ग्रह अपनी-अपनी राशि में स्थित थे.

इस बार भी यह विशेष योग कई मायनों में सकारात्मक परिणाम देने वाला रहेगा. उन्होंने बताया कि भगवान गणेश की मूर्ति को इस तरह स्थापित करना चाहिए कि विग्रह की पीठ उत्तर दिशा में और मुख दक्षिण की दिशा में हो. लकड़ी की चौकी पर पीला या लाल वस्त्र बिछाकर भगवान गणपति को विराजमान करना शुभ माना गया है.

जानिए गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त...

गणेश चतुर्थी 10 सितंबर 2021 को है. इस दिन दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे के बीच गणपति की स्थापना का सबसे उत्तम मुहूर्त है. इस साल गणेश चतुर्थी पर भद्रा का साया नहीं रहेगा.

पढ़ें : Horoscope Today 10 September 2021 राशिफल : मेष, वृषभ, सिंह, तुला, मकर, राशि वालों के लिए लाभदायी दिन

गणेश चतुर्थी को चंद्रमा का दर्शन माना गया है निषेध...

मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए. अगर भूलवश चंद्रमा के दर्शन हो भी जाए तो जमीन से एक पत्थर का टुकड़ा उठाकर पीछे की ओर फेंक देना चाहिए. इससे चंद्र दर्शन का दोष समाप्त हो जाता है.

दूर्वा और मोदक है विशेष प्रिय, गणपति को तुलसी चढ़ाना निषेध...

भगवान गणेश की पूजा करते समय दूब, घास, गन्ना और बूंदी के लड्डू या मोदक अर्पित करने चाहिए. ऐसा करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं. प्रथम पूज्य गणपति को तुलसी के पत्ते चढ़ाना निषेध माना गया है. कहा जाता है कि तुलसी ने भगवान गणेश को लंबोदर और गजमुख कहकर शादी का प्रस्ताव दिया था. इससे नाराज होकर भगवान गणपति ने उन्हें श्राप दे दिया था.

अपनी राशि के अनुसार गणपति की स्थापना करने से पूरी होती है मनोकामना...

  • मेष और वृश्चिक राशि वाले जातक को लाल रंग के गणपति स्थापित करने चाहिए.
  • वृष और तुला राशि वाले जातक सफेद और आभूषणों से युक्त गणपति स्थापित कर जल्द भगवान की कृपा पा सकते हैं.
  • मिथुन और कन्या राशि वाले जातकों के लिए हरे रंग से युक्त गणपति की स्थापना शुभ फल देने वाली मानी गई है.
  • कर्क राशि के लोग सफेद रंग की आभा वाले गणपति स्थापित कर अपनी सभी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं.
  • सिंह राशि के जातकों को भगवा रंग के गणपति स्थापित करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
  • धनु और मीन राशि के जातकों को पीले रंग की आभा वाले गणपति की स्थापित करनी चाहिए.
  • मकर और कुंभ राशि के जातकों को नीले या आसमानी रंग की आभा वाले गणपति की स्थापना करनी चाहिए.
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