जयपुर. शुक्रवार को जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने पर्यावरण समिति की बैठक ली. बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने कहा कि वर्तमान में एनसीआर में वायु प्रदूषण होने से जयपुर और अजमेर में भी प्रदूषण अपने चरम पर है और लोगों को इससे बचने के उपायों के बारे में जागरूकता लाने की आवश्यकता है.
खासकर श्वास रोगियों को बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी दी जानी चाहिए. उन्होंने चिकित्सा विभाग के प्रतिनिधि को मौसम एवं प्रदूषण के कारण बढ़े श्वास रोगियों की संख्या का आंकड़ा जुटाकर पेश करने के निर्देश दिए हैं.
यादव ने निर्देशित किया कि दीपावली के बाद से ही वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है. शादियों का सीजन भी जारी है, ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा सामाजिक समारोह में आतिशबाजी के उपयोग एवं अनुमति के संबंध में जारी एडवाइजरी के संबंध में पुलिस कमिश्नर और पुलिस अधीक्षक ग्रामीण से की गई कार्रवाई की रिपोर्ट ली जाए. चिकित्सा विभाग को वर्तमान में विद्यमान हाई एयर पॉल्यूशन इंडेक्स के कारण श्वास रोगियों को हो रही परेशानी के आंकड़े जुटाने और प्रदूषण से बचाव के बारे में जागरूकता लाने के निर्देश दिए.
यादव ने बैठक में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और परिवहन विभाग के प्रतिनिधि के बिना सूचना गैरहाजिर रहने को गंभीरता से लिया. इस दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक के वैकल्पिक साधनों पर भी विचार किया गया. बैठक में तय किया गया कि जिला प्रशासन में होने वाली बैठकों में सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग नहीं किया जाएगा.जिले में स्थित अन्य विभागों के लिए भी एडवाइजरी जारी की जाए. साथ ही सरकारी कार्यालय में पौधारोपण, प्रत्येक पौधे की जिम्मेदारी सुनिश्चित करन, खनन प्रभावित क्षेत्रों में पौधारोपण करने के संबंध में आदि कई विषयों पर विचार-विमर्श किया गया.
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इस दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम इकबाल खान ने खनन लीज खत्म होने के बाद लीज प्राप्तकर्ता द्वारा खनन से बने गड्ढों को छोड़े जाने पर लीज होल्डर को खनन विभाग द्वारा नोटिस दिए जाने की जरूरत बताई.
उन्होंने वन विभाग को ऐसे मामले खनन विभाग को सौंपने को कहा. खनन प्रभावित ऐसी भूमि पर खनन यूनियनों द्वारा पौधारोपण करवाने के लिए खनन विभाग के प्रतिनिधि द्वारा समिति को आश्वस्त किया गया. बैठक में वन विभाग, खान विभाग, शिक्षा, चिकित्सा संबंधित अन्य विभागों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए.